Jitiya Vrat 2020 : सुहागन स्त्रियां हर साल जितिया व्रत रखती हैं। यह व्रत संतान के हित की कामना से किया जाता है। मान्यता है कि जितिया व्रत करने से संतान की लंबी उम्र होती है। यह व्रत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड में बहुत प्रसिद्ध है। इस व्रत को जिउतिया व्रत और जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat 2020) भी कहा जाता है।
यह व्रत तीन दिन तक चलता है। पहला दिन नहाए खाए (Jitiya Vrat Nahaye Khaye), दूसरा दिन जितिया निर्जला व्रत और तीसरे दिन पारण किया जाता है। इस साल जितिया व्रत 10 सितंबर, बृहस्पतिवार को (Nahaye Khaye Kab Hai 2020) किया जाएगा। इसका पहला दिन नहाए खाए के रूप में मनाते हुए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
जितिया व्रत के पहले दिन यानी नहाए खाए को सूर्यास्त के बाद कुछ नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने से व्रत खंडित हो जाता है। इसका फल संतान को मिलता है तो व्रत खंडित होने पर बुरे प्रभाव भी संतान को झेलने पड़ते हैं।
नहाए खाए के दिन व्रती और उसके परिवार के सदस्यों को खाने में प्याज-लहसुन नहीं डालना चाहिए। ऐसा खाना तामसिक माना जाता है। व्रत के दिन तामसिक भोजन ना ही पकाना चाहिए और ना ही खाना चाहिए।
इस दिन गलती से भी बाल ना काटें और ना ही कटवाएं। साथ ही इस दिन नाखून काटने को भी मना किया जाता है। जितिया व्रत परम पावन है। इस व्रत में अशुद्ध या मलिन कार्यों से परहेज किया जाता है।
ध्यान रखें कि इस दिन घर में कोई भी व्यक्ति मांस या मदिरा का सेवन ना करें। ऐसा करने से देवी-देवता क्रोधित होते हैं और इसके परिणाम के रूप में संतान को कष्ट सहना पड़ता है। इसलिए मांस-मदिरा से परहेज करें।
इस व्रत में झूठ बोलने से बचना चाहिए। माना जाता है कि झूठ बोलना महापापों में से एक है। किसी भी व्यक्ति को तब तक झूठ नहीं बोलना चाहिए जब तक उस झूठ से किसी का अहित होने से रुक सकता हो।
जिउतिया व्रत (Jiutiya Vrat) में किसी के लिए भी अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और ना ही किसी जीव के साथ हिंसा करनी चाहिए। माना जाता है कि व्रत के दौरान अपशब्दों का प्रयोग और हिंसात्मक गतिविधियां करने से पाप लगता है।