Jaya Parvati Vrat 2023: आज से जया पार्वती व्रत शुरू हो चुका है, जो 6 जुलाई को समाप्त होगा। प्रतिवर्ष आषाढ़ मास में पड़ने वाले जया पार्वती व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। विशेष रूप से गुजरात राज्य और भारत के पश्चिमी क्षेत्रों में इस व्रत को रखा जाता है। महिलाएं परिवार की समृद्धि, शांति और कल्याण के लिए इस व्रत को पूरी श्रद्धा रखती हैं। इसके साथ ही मनचाहा वर पाने के लिए कन्याएं भी इस व्रत को रखती है। जया पार्वती व्रत पूरे 5 दिनों का होता है। इस साल यह व्रत 1 जुलाई से आरंभ हो रहा है। जानिए जया पार्वती व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि।
कब से कब तक जया पार्वती व्रत 2023?
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, जया पार्वती व्रत हर साल जुलाई-अगस्त के महीने के बीच आता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, जया पार्वती व्रत का आरंभ आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि से आरंभ होता है, जो श्रावण मास के
कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को समाप्त होता है।
जया पार्वती व्रत 2023 शुभ मुहूर्त
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि आरंभ- 1 जुलाई को सुबह 1 बजकर 17 मिनट से शुरू
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि समाप्त- 1 जुलाई को रात 11 बजकर 17 मिनट तक
प्रदोष पूजा का मुहूर्त- 1 जुलाई को शाम को 7 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर रात 9 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।
जया पार्वती व्रत 2023 समापन तिथि
जया पार्वती व्रत समाप्त- 6 जुलाई 2023, गुरुवार
जया पार्वती व्रत जागरण- 5 जुलाई 2023, बुधवार
जया पार्वती व्रत 2023 का महत्व
जया पार्वती व्रत की महिमा प्राचीन काल से ही प्रचलित है। पौराणिक कथा के अनुसार,ब्राह्मण महिला ने अपने पति के जीवन को वापस पाने के लिए यह व्रत रखा था। मान्यता है कि जो विवाहित महिला इस व्रत को रखकर विधिवत पूजा करती हैं, तो उसके वैवाहिक जीवन में खुशियां बनी रहती है। इसके साथ ही बच्चों के उत्तम स्वास्थ्य और भविष्य का आशीर्वाद मिलता है
परंपराओं के अनुसार, जया पार्वती व्रत को लगातार पांच या सात वर्षों तक रखा जाता है। इसके बाद ही उद्यापन किया जाता है। जया पार्वती व्रत विवाहित और अविवाहित दोनों महिलाएं रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ व्रत को करने से युवा लड़कियों को मनचाहा पति और आनंदमय वैवाहिक जीवन मिलता है।
जया पार्वती व्रत 2023 पूजा विधि
- आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें।
- इसके बाद मां पार्वती का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें।
- घर में एक लकड़ी की चौकी में लाल कपड़ा बिछाकर शिव-पार्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- अब पूजा आरंभ करें। सबसे पहले जल चढ़ाएं।
- अब फूल, माला, सिंदूर, शिव जी को सफेद चंदन, कुमकुम, रोली, अष्टगंध आदि चढ़ा दें।
- अब फल, नारियल, मिठाई आदि चढ़ा दें।
- अब विधिवत तरीके से षोडशोपचार पूजन करें।
- घी का दीपक और धूप जला लें और मां पार्वती का स्मरण करते हुए स्तुति कर लें।
- अब जया पार्वती कथा सुन लें और विधिवत आरती करें।
- बिना नमक, अनाज खाएं लगातार व्रत रखें। इसके बाद मुहूर्त में व्रत का पारण कर दें।
जया पार्वती व्रत में ऐसे रखें ज्वार
जया पार्वती व्रत के पहले दिन ज्वार (गेहूं की बाली) लेकर को एक गहरे बर्तन में रख दें। इसके बाद इसे मंदिर में चौकी के बगल में स्थापित कर लें। विधिवत पूजा करने के बाद थोड़ा सा जल चढ़ाएं। इसके साथ ही रुई की एक माला बनाएं, जिसे नागला कहते हैं। इसे भी चढ़ा दें। अब लगातार 5 दिन स्नान आदि करने के बाद ज्वार के बर्तन में पानी चढ़ाएं। इसके साथ ही रोली, फूल, अक्षत चढ़ाएं और नागला भी चढ़ाएं।