Jaya Kishori Motivational Speaker: जया किशोरी एक प्रसिद्ध कथावाचिका हैं। नानी बाई रो मायरा और श्रीमद्भागवत कथा का छोटी उम्र से प्रचार-प्रसार करने के बाद वो चर्चा में आईं। उनके अनुयायियों को उनकी कथावाचन शैली बहुत पसंद है। किशोरी जी शुरुआती समय में भजन गायन किया करती थीं। समय के साथ-साथ उनकी रुचि कथाओं की ओर हुईं और वह कथावाचक बन गईं। खबरों की मानें तो कथावाचन करने के लिए उन्होंने एक से डेढ़ साल तक घर में रहते हुए कथा करने का अभ्यास किया और फिर लगभग 15 साल की उम्र से कथावाचन करना आरम्भ किया।
किशोरी जी को कथावाचक के तौर पर ही नहीं बल्कि मोटिवेशनल स्पीच और लाइफ मैनेजमेंट टिप्स ओरेटर के तौर पर जाना जाता है। उनको फॉलो करने वालों को किशोरी जी के विचार बहुत पसंद आते हैं। हाल ही में जया किशोरी का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें किशोरी जी यह समझाती हुई नजर आ रही हैं कि अच्छी सोच क्या होती है?
अच्छी सोच क्या होती है – इस संदेश को एक कथा के माध्यम से समझाते हुए वो कहती हैं कि एक बस स्टैंड की ओर एक मां और उनका बेटा खड़े थे, जबकि बस स्टैंड की दूसरी ओर एक और मां और बेटा खड़े हुए थे। बस का इंतजार करते हुए थोड़ा समय जब बीत गया तो बस स्टैंड के आगे एक आदमी सफाई कर्मचारी झाड़ू लगाता हुआ आ गया।
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स्टैंड की एक ओर खड़ी हुई मां ने अपने बेटे से कहा कि देखो मैं इसलिए ही तुम्हें पढ़ाई करने के लिए कहती हूं। क्योंकि अगर तुम पढ़ाई नहीं करोगे तो बड़े होकर इसकी तरह झाड़ू लगाओगे। जबकि बस स्टैंड के दूसरी ओर खड़ी मां ने उस सफाई कर्मचारी की ओर इशारा करते हुए कहा कि बेटा देखो मैं तुम्हें इसलिए पढ़ाई करने के लिए कहती हूं। क्योंकि अगर तुम पढ़ाई नहीं करोगे तो कल को किसी ऐसे व्यक्ति की मदद नहीं कर पाओगे और न ही उसकी आगे बढ़ने में मदद कर पाओगे। खुद को इतना समृद्ध बनाओ कि तुम्हारे विकास के साथ दूसरों का भी विकास होता चला जाए।
जया किशोरी कहती हैं कि अच्छी सोच और बुरी सोच में ये ही फर्क है। जो व्यक्ति अच्छा होता है, वह अपने साथ दूसरों के उद्धार के बारे में भी सोचता है। जबकि जो स्वार्थी व्यक्ति केवल अपने हितों के बारे में सोचता है, उसका स्वार्थ समय के साथ-साथ बढ़ता चला जाता है, जिससे उसकी सोच बुरी बन सकती है।