जया किशोरी (Jaya Kishori) अपने भजनों और भागवत कथा के लिए देश-विदेश में चर्चित हैं। उनके हजारों प्रशंसक हैं। सोशल मीडिया पर भी उन्हें खूब पसंद किया जाता है। उनके भजन देखते ही देखते वायरल हो जाते हैं। वह मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। 13 जुलाई 1995 को एक आध्यात्मिक परिवार में जन्मीं जया किशोरी अब तक 350 सौ से अधिक कथा कर चुकी हैं।

कौन-कौन है परिवार में? जया किशोरी का परिवार मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है। उनके परिवार में पिता शिव शंकर शर्मा और मां सोनिया शर्मा के अलावा छोटी बहन चेतना शर्मा भी हैं। पूरा परिवार अब कोलकाता रहता है। जया किशोरी की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक जब वह 7 साल की थीं तभी से आध्यात्मिक दुनिया की तरफ उनका झुकाव हुआ।

धीरे-धीरे आध्यात्म में डूब गईं। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक जया किशोरी पर उनके दादा-दादी का काफी प्रभाव पड़ा जो उन्हें भगवान कृष्ण की कहानियां सुनाते थे। वह बचपन में सुनी कहानियां और भजन याद करती थीं और धीरे-धीरे इसमें रच-बस गईं।

9 साल की उम्र में मनवाया लोहा: रिपोर्ट्स के मुताबिक जया किशोरी जब 9 साल की थीं तभी उन्होंने संस्कृत में लिंगाष्टकम, शिव तांडव स्त्रोत, रामाष्टकम जैसे तमाम स्रोत याद कर लिए थे और इसे गाना शुरू कर दिय। उनकी शुरुआती गुरु गोविंद राम मिश्र थे, उन्होंने ही उन्हें ‘किशोरी जी’ की उपाधि दी थी।

कब करेंगी शादी? : जया किशोरी अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपने प्रशंसकों के सवालों का जवाब देती हैं।इस दौरान उनसे एक सवाल अक्सर पूछा जाता है कि आखिर वे शादी कब करेंगी। एक इंटरव्यू में उन्होंने अपनी शादी के सवाल पर विस्तार से जवाब दिया था और बताया था कि वह बिल्कुल शादी करेंगी, कोई साध्वी नहीं हैं।

लेकिन अभी इसमें वक्त है। जया किशोरी कहती हैं कि शादी से पहले व्यक्ति के स्वभाव को परखना और समझना चाहिए। जब आप उसके स्वभाव को पूरी तरह जान लें, तभी शादी करें। जया किशोरी के मुताबिक कोई भी फैसला जल्दबाजी और हड़बड़ाहट में नहीं लेना चाहिए।

कितनी है फीस? रिपोर्ट्स की मानें तो जया किशोरी एक कथा के करीब 10 लाख रुपये तक लेती हैं। इसमें से आधा पैसा एडवांस देना होता है। बीकॉम में ग्रेजुएट किशोरी जया किशोरी सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। वह अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा दिव्यांगों की मदद के लिए देती हैं। इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी उठाती हैं।