Jaya Kishori Thoughts: जया किशोरी एक प्रसिद्ध मोटिवेशनल स्पीकर, लाइफ मैनेजमेंट टिप्स ओरेटर और कथावाचिका हैं। उनके लाखों अनुयायी हैं। सोशल मीडिया पर भी उनके कई फॉलोअर हैं। उनके अनुयायी विभिन्न विषयों पर उनकी कथाओं, प्रसंगों और विचारों को बहुत पसंद करते हैं। कहते हैं कि किशोरी जी जटिल-से-जटिल विषयों को भी इतनी सरलता से समझाती हैं कि व्यक्ति को जीवन में आई मुसीबतों से पार पाने का रास्ता आसानी से नजर आने लगता है।
इन्हीं विषयों में से एक है परिवार का साथ। जया किशोरी कहती हैं कि हर व्यक्ति को अपने परिवार के साथ रहना चाहिए। वो बताती हैं कि जिंदगी के उतार-चढ़ावों से भरे मोड़ पर जो साथ, प्यार और अपनापन आपको आपका परिवार दे सकता है, वह कोई और नहीं दे सकता है। इसी विषय पर रामायण का एक प्रसंग सुनाते हुए वह परिवार की अहमियत बताती हैं।
प्रसंग शुरू करते हुए वह कहती हैं कि रावण पर विजय प्राप्त करने के बाद रावण श्री राम से कहता है कि – ‘मैं आपसे उम्र में ज्यादा हूं, मुझे बहुत ज्ञान भी था, मेरे पास सोने की लंका भी थी, मैं आपसे जीत भी सकता था लेकिन मेरी हार की वजह सिर्फ यह रही कि इस युद्ध में आपका भाई लक्ष्मण आपके साथ खड़ा था और मेरा भाई मेरे विरुद्ध था।’
यह प्रसंग सुनाते हुए किशोरी जी कहती हैं कि जीवन के मोड़ पर भी व्यक्ति को कई छोटे-बड़े युद्ध लड़ने पड़ते हैं और इनमें जीत उन्हीं को हासिल होती है जिनका परिवार उनके साथ खड़ा होता है। एकता में बल होता है। जिस व्यक्ति के साथ उसके परिवार का साथ वह कभी जीवन और इसकी परिस्थितियों से नहीं हार सकता है। ऐसे व्यक्ति को जीत जरूर हासिल होती है।
किशोरी जी परिवार का महत्व बताते हुए कहती हैं कि यह एक कहावत भी है कि ‘किसी भी पेड़ कटने का किस्सा न होता, अगर कुल्हाड़ी के पीछे लकड़ी का हिस्सा न होता।’ जब तक परिवार आपके विरुद्ध नहीं जाएगा, तब तक आपकी हार नहीं हो सकती है। वो आगे कहती हैं कि अगर इस आदर्श पर चला जाए तो किसी भी परिवार के सदस्य एक-दूसरे से अलग नहीं होंगे।