Jaya Ekadashi: हिंदू मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन जो भी व्यक्ति व्रत-उपवास कर अपने आराध्य की पूजा करता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। आपको बता दें कि माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है। इस व्रत को सभी व्रतों में उत्तम माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार जया एकादशी के दिन पूजा और व्रत आदि करने से पिशाच अथवा भूत-प्रेत की योनि से भी भक्तों को मुक्ति मिल जाती है।

मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। जो भी व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ जया एकादशी का व्रत रखता है, उसकी भगवान विष्णु के आशीर्वाद से सभी परेशानियां और कष्ट दूर हो जाते हैं। इस साल 12 फरवरी यानी आज जया एकादशी है।

शुभ मुहूर्त और व्रत पारण:

जया एकादशी का व्रत 12 फरवरी, 2022 दिन शनिवार को रखा जाएगा। व्रत का पारण अगले दिन 13 फरवरी को होगा। इस दिन जातक सुबह 07 बजकर 01 मिनट से  09 बजकर 15 मिनट यानि 2 घंटे 13 मिनट की अवधि में जया एकादशी के व्रत का पारण कर सकते हैं।

जया एकादशी पूजा विधि एवं मंत्र:

आज प्रात: स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें। फिर हाथ में जल, अक्षत् एवं फूल लेकर जया एकादशी व्रत एवं पूजा का संकल्प लें। उसके पश्चात भगवान विष्णु की पूजा करें। भगवान विष्णु की मूर्ति को एक चौकी पर स्थापित कर दें।

फिर पीले फूल, पीले वस्त्र, तुलसी का पत्ता, पंचामृत, अक्षत्, चंदन, हल्दी, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें। गुड़, चने की दाल या बेसन का लडडू का भोग लगाएं। उसमें तुलसी का पत्ता डाल दें. पूजा के समय ओम भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का उच्चारण करते रहें। (यह भी पढ़ें)- Palmistry: यदि आपके हाथ में है ऐसी रेखाएं तो होगा प्रेम विवाह, जानिए क्या कहता है रेखाओं का योग

जया एकादशी व्रत कथा का महात्मय: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर भगवान श्री कृष्ण से पूछते हैं कि माघ शुक्ला एकादशी पर किस देवता को पूजना चाहिए और इसका क्या महात्मय है। इसका जवाब देते हुए श्रीकृष्ण कथा का वर्णन करते हैं। वह बताते हैं कि माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है। इस दिन जो भी व्यक्ति व्रत रखता है, उसे विशेष फल की प्राप्ति होती है, साथ ही इस व्रत को करने से नीच योनि वाले व्यक्ति जैसे- भूत-प्रेत और पिशाच की योनि से मुक्ति मिल जाती है। (यह भी पढ़ें)-Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर में दिशानुसार लगाएं पर्दे, जानिए किस दिशा में हो किस रंग का पर्दा