Panchak January 2025:  हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी मांगलिक और शुभ कामों को करने से पहले मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है। हर माह कई तरह से शुभ और अशुभ मुहूर्तों का निर्माण होता है जिसका ध्यान रखते हुए कोई कार्य करते हैं। ऐसे ही हर माह के 5 दिन ऐसे होते है जिसमें किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। इन 5 दिनों को पंचक के नाम से जानते हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा हर ढाई दिन में राशि और हर दिन नक्षत्र परिवर्तन करते हैं। ऐसे ही इन पांच नक्षत्रों में चंद्रमा के जाने से पंचक बनता है। चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र से होकर गुजरता है, तो इस दौरान पंचक लग जाते हैं। इसके साथ ही सप्ताह के जिस दिन पंचक लगते हैं उसी दिन को पंचक के नाम के साथ जोड़ा जाता है।ऐसे ही साल का पहला पंचक शुक्रवार के दिन आरंभ हो रहा है, जिसे चोर पंचक कहा जाएगा। आइए जानते हैं नए साल के पहले पंचक के दौरान किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है…

जनवरी 2025 में पंचक कब से कब तक?

वैदिक पंचांग के अनुसार, साल के पहले माह जनवरी में पंचक 3 जनवरी को सुबह 10 बजकर 47 मिनट से आरंभ हो रहे हैं, जो 7 जनवरी को शाम 5 बजकर 50 मिनट पर समाप्त हो जाएंगे।

क्यों कहा जाएगा चोर पंचक?

साल 2025 के पहले पंचक को चोर पंचक कहा जाएगा, क्योंकि पंचक शुक्रवार के दिन आरंभ हो रहे हैं। इसलिए इसे चोर पंचक कहा जाएगा। इसे अशुभ पंचक में से एक माना जाता है। इस दौरान शुभ कामों को करने की मनाही होती है।

चोर पंचक के दौरान न करें ये काम

चोर पंचक को अशुभ पंचकों को में से एक माना जाता है। ऐसे में इस 5 दिनों के दौरान थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है।

  • चोर पंचक के दौरान किसी भी प्रकार का धन का लेन-देन न करें। इससे धन हानि की काफी अधिक संभावना होती है।
  • इस पंचक के दौरान चोरी की संभावना काफी अधिक होती है। इसलिए हमेशा सतर्क रहें।
  • पंचक के दौरान किसी भी प्रकार का शुभ काम या फिर बिजनेस बिल्कुल भी न शुरू करें, क्योंकि इसमें आपको नुकसान हो सकता है।
  • चोर पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करने की मनाही होती है। अगर इस दिशा में यात्रा करना जरूरी है, तो हनुमान जी की पूजा करने के साथ फल का भोग लगाएं।
  • घर की छत का निर्माण नहीं किया जाता है। अगर इस अवधि में छत का निर्माण कर रहे हैं, तो मजदूरों को पहले मिठाई खिलाएं।

किस दिन पड़ता है कौन सा पंचक?

बता दें कि पंचक का नाम सप्ताह के वार के हिसाब से पड़ता है और हर एक पंचक का अपना-अपना महत्व होता है।  रविवार के आरंभ हुए पंचक को रोग पंचक, सोमवार को शुरू हुए पंचक को राज पंचक, मंगलवार को अग्नि पंचक, शनिवार को मृत्यु पंचक, शुक्रवार के पंचक को चोर पंचक कहा जाता है। 

नया साल 2025 जल्द आरंभ होने वाला है। इस साल कई ग्रह राशि और नक्षत्र परिवर्तन करेंगे जिसका असर 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से अवश्य पड़ सकता है। ऐसे ही ग्रहों के सेनापति मंगल पुनर्वसु नक्षत्र में जनवरी 2025 में प्रवेश करने वाले हैं। ऐसे में 12 राशियों के साथ-साथ देश-दुनिया पर इसका असर पड़ेगा। जानें मंगल के पुनर्वसु नक्षत्र में जाने से किन राशियों को मिल सकता है लाभ…

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