Jagannath Temple: हिंदू के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक ओडिशा में स्थित जगन्नाथ पुरी मंदिर को माना जाता है। इन्हें चार धामों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु चार धामों वास करते है। शास्त्रों के अनुसार वह सबसे पहले बद्रीनाथ पहुंचे, जहां उन्होंने स्नान किया। इसके बाद वह गुजरात गए, तो वहां कपड़े बदलें, आगे वो ओड़िशा गए और वहां पर खाना खाएं और अंत में भगवान तमिलनाडु के रामेश्वर गए थे, जहां पर उन्होंने आराम किया था। धरती के बैकुंठ कहे जाने वाले जगन्नाथ पुरी का विशेष महत्व है।  यहां पर भगवान श्री कृष्ण  के साथ सुभद्रा और बलराम जी की मूर्ति स्थापित है। अगर आप भी जगन्नाथ पुरी आ रहे हैं, तो इन दो चीजों को अवश्य अपने घर लेकर आएं। मान्यता है कि इन्हें जगन्नाथ पुरी से लाने से घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है। इसके साथ ही जगन्नाथ जी की हमेशा कृपा बनी रहती है। आइए जानते हैं जगन्नाथ पुरी से कौन सी चीजें लाना होता है शुभ…

जगन्नाथ पुरी से लेकर आएं ये 2 चीजें

जगन्नाथ पुरी से लेकर आएं निर्माल्य

भगवान जगन्नाथ से एक प्रकार का सूखा चावल मिलता है, जिससे निर्माल्य, कैबल्य जैसे नामों से जाना जाता है। मान्यता है कि ये महाप्रसाद चावल जगन्नाथ मंदिर के कोइली बैकुंठ के अंदर खला है। वहां से पका चावल लाया जाता है। इसके बाद इसे तेज धूप में सुखाया जाता है। दरअसल, जगन्नाथ मंदिर में चावल का भोग लगाया जाता है और इसे भी हर भक्त ग्रहण करता है। लेकिन दूर-दराज रह रहे भक्त इस भोग को नहीं ले जा सकते हैं। इसलिए उनके लिए निर्माल्य बनाया जाता है। इसे एक लाल रंग की पोटली में दिया जाता है। लाल रंग पवित्रता, सकारात्मक ऊर्जा के साथ-साथ शुभ रंग माना जाता है। कहा जाता है कि अगर आप जगन्नाथ पुरी जा रहे हैं, तो इसे अपने घर अवश्य लेकर आएं।

इस निर्माल्य को घर लाकर आप इसे किचन में शुभ जगह पर रख सकते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से आपके घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती है। इसके अलावा घर में अगर कोई मांगलिक या शुभ कार्य हो रहा है, तो जगन्नाथ जी का नाम लेकर इस निर्माल्य को खाने में डाल दें। ऐसा करने से खाने में कमी नहीं होती है और वह बीच में समाप्त नहीं होता है।  इसके अलावा कई लोग जगन्नाथ जी का आशीर्वाद पाने के लिए प्रतिदिन स्नान करके निर्माल्य का एक टुकड़ा रोजाना खाते भी है। इसके अलावा कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति मृत्यु के समय निर्माल्य का दान कर देता है, तो इसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

जगन्नाथ जी की बेंत

जगन्नाथ पुरी से बेंत अवश्य लाना चाहिए। जगन्नाथ उत्सव के दौरान जगन्नाथ जी की विधिवत पूजा की जाती है। इसके साथ ही पूजा के बाद घर के सभी सदस्यों को बेंत मारने की परंपरा है। माना जाता है कि बेत खाने से दुख-दरिद्रता दूर हो जाती है और बुद्धि, आयु, यश आदि की प्राप्ति होती है। इसलिए अगर आप भी जगन्नाथ जी के दर्शन करने जा रहे हैं, तो वहां से बेंत अवश्य लेकर आएं और इसे अपने पूजा घर में रख लें। ऐसा करने से घर में दुख-दरिद्रता का वास नहीं होता है।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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