आज यानी 31 जुलाई, मंगलवार को अंगारक गणेश चुतर्थी मनाई जा रही है। इस दिन गणेश जी के भक्त बड़ी ही श्रद्धा के साथ उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। मालूम हो कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक महीने कृष्ण पक्ष को आने वाली चौथ संकष्टी गणेश चतुर्थी के नाम से जानी जाती है। ऐसे में यदि गणेश चतुर्थी का यह दिन मंगलवार को पड़े तो उसे अंगारक गणेश चतुर्थी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत करने पर पूरे सालभर के चतुर्थी व्रत का फल मिल जाता है। कहते हैं कि गणेश जी ने अंगारक(मंगल देव) की कठिन तपस्या की थी। इससे खुश होकर उन्होंने गणपति को यह वरदान दिया था कि चतुर्थी तिथि अगर मंगलवार को पड़े तो उसे अंगारकी चतुर्थी के नाम से जाना जाएगा।

अगर पूजा विधि की बात करें तो इस दिन व्रतधारी लाल रंग के वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। गणेश जी को पांच दुर्वा चढ़ाएं। इसके बाद गणेश को लाल सिंदूर का तिलक लगाएं। तिल से बनी चीजों से गणेश जी को भोग चढ़ाएं। गणेश जी को लाल वस्त्र भेंट कर सकते हैं। इसके साथ ही पांच बेसन के लड्डू का भोग लगाएं व पान सुपारी अर्पित करें। व्रती सायंकाल में संकष्टी गणेश चतुर्थी की कथा पाठ करें।

ऐसा माना जाता है कि अंगारक गणेश चुतर्थी के दिन मंत्र का जाप करना बहुत ही शुभ होता है। मान्यता है कि मंत्र के जाप से गणेश जी बहुत शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त पर कृपा बरसाते हैं। ऐसे में आप आज के दिन इस गणेश मंत्र का जाप कर सकते हैं।

गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।