दही और पनीर हम सबके भोजन का अहम हिस्सा है। इन्हें काफी पौष्टिक आहार माना जाता है। क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में दही-पनीर खाने की कुछ हिदायतें दी गई हैं? और इन हिदायतों का पालन करके दही-पनीर से सर्वाधिक लाभ पाया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र में दही और पनीर का संबंध चंद्रमा व शुक्र से बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि पनीर खाने से कुंडली में चंद्रमा व शुक्र की दशा मजबूत होती है। हालांकि जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह की दशा कमजोर हो, उन्हें देर रात पनीर खाने के लिए मना किया जाता है। कहते हैं कि शुक्र कमजोर होने की स्थिति में पनीर खाने से शरीर में चर्बी की मात्रा काफी बढ़ जाती है।
ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का कहना है कि जिन लोगों का शुक्र कमजोर हो और जिन्हें प्यार में धोखा मिलता रहा हो, उन्हें पनीर का सेवन जरूर करना चाहिए। बता दें कि संतान सुख की प्राप्ति के लिए पनीर से जुड़ा एक उपाय भी किया जाता है। इसके तहत शुक्रवार के दिन आटे की लोई में पनीर मिलाकर गाय को खिलाने के लिए कहा गया है। कहते हैं कि यह उपाय करने से जल्द ही खुशखबरी सुनने को मिलती है।
मालूम हो कि दही और पनीर के सेवन के लिए दिन का समय ही उचित माना गया है। रात के समय इनका सेवन करने से परहेज करना चाहिए। रावण संहिता के अनुसार कुंडली में शुक्र की दशा मजबूत करने के लिए नियमित रूप से शरीर पर दही का लेप लगाना चाहिए। इसके बाद स्नान कर लें। ज्योतिष के मुताबिक जिनका शुक्र कमजोर होता है, उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना चाहिए। परीक्षा देने से पहले गुड़ और दही खाकर जाना काफी शुभ माना गया है। इससे बेहतर परीक्षा परिणाम आने की मान्यता है।