नरपतदान चारण

शास्त्रोक्त कथन है कि विनम्र होना सबसे बड़ी खूबसूरती है। लिहाजा,मनुष्य की विनम्रता ही उसे बड़ा व्यक्ति बनाती है,जो उसे मानवीयता की ऊंचाई के मुकाम पर पहुंचा देती है। विनम्र व्यक्ति ही जीवन में उपलब्धियों को प्राप्त करता है। विनम्र व्यवहार के व्यक्ति सबको आदर सम्मान देने वाले,सब की बातों को ध्यान से सुन कर जवाब देने वाले होते हैं। जीवन की समग्रता में विनम्रता एक अपरिहार्य गुण है।

विनम्रता के महत्त्व को एक कहानी से समझते हैं। एक बार एक राजा शिकार करने के लिए जंगल में गए । उसके साथ उसका द्वारपाल व राजा का सेनापति भी साथ थे । राजा ने एक हिरण का पीछा किया। हिरण जंगल में ओझल हो गया।राजा ने सर्वप्रथम द्वारपाल को भेजा, हिरण नहीं मिला। फिर राजा ने सेनापति को भेजा तब भी हिरण नहीं मिला। फिर राजा स्वयं अकेला ही हिरण को ढूंढने चल दिया। उसे जंगल में एक आदमी आंखे बंद किए ध्यानमग्न समाधिस्थ अवस्था में बैठा हुआ मिला।

राजा ने उससे हिरण के बारे में पूछा – हे संत पुरुष क्या आपने यहां से हिरण को जाते हुए देखा? साधु ने कहा मैं देख नहीं सकता। लेकिन आपका द्वारपाल तथा कुछ समय पश्चात आपका सेनापति भी उसे ढूंढने इधर से गए हैं। संभवतया ईश्वर ने चाहा होगा इसलिए वह हिरण उन्हें दिखाई नहीं दिया। और आप दया का परिचय देकर कृपया हिरण को अभय दान देने की कृपा करें।

तब राजा ने कहा ,ठीक है। मैं हमेशा के लिए जीव हिंसा छोड़ दूंगा। लेकिन आप यह बताइए, जब आप दृष्टिहीन हैं तो आपको मेरे द्वारपाल तथा उसके बाद सेनापति का कैसे पता चला ? तथा स्वयं मेरे राजा होने का कैसे पता चला ? तब उस तपस्वी ने कहा, महाराज व्यवहार की विनम्रता सब बता देती है। मुझे तीनों की अनम्रता की वजह से उनके परिचय का ज्ञान हुआ।

राजा ने कहा वो कैसे भला? साधु ने कहा कि सर्वप्रथम व्यक्ति ने आते ही मुझसे पूछा – ‘हे मूर्ख प्राणी इधर से हिरण को जाते हुए देखा क्या ?’ तब उसकी अनम्र मानसिकता से परिचय हुआ। वह छोटे एवं भावविहीन शब्दों का प्रयोग कर रहा है। मुझे लगा यह छोटे ओहदे का द्वारपाल है। दूसरे व्यक्ति ने आते ही कहा ‘ओ ढोंगी! इधर से हिरण गया है क्या ?’जल्दी बता नहीं तो…! इससे मुझे लगा कि यह सेनापति ही होगा।

लेकिन फिर आपने जब मुझे श्रीमान अथवा सज्जन पुरुष नाम से सम्बोधित किया तब मैंने जान लिया यह सम्पूर्ण रूप से विनम्र व्यवहार पूर्ण संस्कारित व्यक्ति है इसलिए राजा ही होगा। इस तरह आपके विनम्र स्वभाव ने आपका परिचय दिया। तब राजा उस संत पुरुष को प्रणाम करके तथा जीवहिंसा का सदा के लिए त्याग करके चल दिया।

यह एक उदाहरण है, जो विनम्र व्यवहार के महत्त्व को रेखांकित करता है। जीवन में विनम्रता व्यक्ति के संपूर्ण पक्षों को प्रभावित करती हैं तथा उसे सही अर्थ में पूर्ण मानव बनाती है। सफल जीवन के लिए हमारे स्वभाव का विनम्र होना बहुत ही मायने रखता है। स्वभाव के विनम्र होने से हम किसी भी परिस्थिति में सफल हो जाते हैं।

इससे हमारे जीवन की प्रगति की रफ्तार बनी रहती है और हम आगे बढ़ते रहते हैं। हर मनुष्य को विनम्र व्यक्ति ही पसंद आता है, और इस वजह से हर व्यक्ति उसका साथ देने के लिए तैयार हो जाते हैं। हम किसी के भी अंतर्मन को भी अपनी विनम्रता से ही छू पाते हैं।किसी का भी दिल जीत कर उसके दिल पर छा जाते हैं।