Pukhraj Gemstone/Yellow Sapphire: ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह से संबंधित कोई न कोई रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। जिससे ग्रह मजबूत होकर अपना शुभ प्रभाव दे सकें। रत्न हमेशा अपनी राशि व ग्रहों की स्थिति को देखकर ही धारण करना चाहिए। क्योंकि अगर रत्न सूट न करे तो इससे नुकसान होने की भी संभावना रहती है। यहां हम बात करेंगे पुखराज रत्न के बारे में जो बृहस्पति ग्रह का रत्न माना जाता है। जानिए इस रत्न की कैसे करें पहचान और किन्हें करता है ये सूट।

किस राशि के जातक कर सकते हैं धारण? ज्योतिष अनुसार धनु और मीन राशि के जातकों के लिए ये रत्न सबसे शुभ माना जाता है। क्योंकि इन दोनों ही राशियों के स्वामी बृहस्पति हैं और पुखराज इसी ग्रह को मजबूत करने के लिए पहना जाता है। मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक राशि के जातक भी पुखराज धारण कर सकते हैं। लेकिन वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि वालों को पुखराज धारण नहीं करना चाहिए।

इन रत्नों के साथ नहीं पहनना चाहिए पुखराज: ज्योतिष अनुसार पुखराज कभी भी पन्ना, नीलम, हीरा, गोमेद और लहसुनिया रत्नों के साथ धारण नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि इन रत्नों के साथ पुखराज पहनने से फायदा होने की बजाय नुकसान उठाना पड़ सकता है। पुखराज सोने की अंगूठी में धारण करना सबसे उत्तम माना जाता है। (यह भी पढ़ें- मनचाही नौकरी पाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में बताए जाते हैं ये उपाय)

असली पुखराज रत्न की ऐसे करें पहचान:
-पुखराज रत्न को सूर्य की रोशनी के नीचे रखकर देखें अगर आपको ये देखने में बेहद ही चमकीला और चमकदार दिखाई देता है तो समझिए ये रत्न नकली है।
-इस रत्न की पहचान छूकर भी की जा सकती है। यदि छूने में ये रत्न बेहद ही कठोर लगे तो समझिए ये नकली है। असली रत्न हाथों से छूने पर चिकना महसूस होगा।
-अगर रत्न पर आपकी उंगलियों के निशान बन जाए तो इसका मतलब है कि रत्न नकली है।

-असली पुखराज की पहचान के लिए एक उपाय ये भी कर सकते हैं इसे शीशे के गिलास में गाय का दूख डालकर रख दें। इसके बाद इसके अंदर पुखराज डाल दें। यदि डेढ़ घंटे के अंदर ही पुखराज की किरणें ऊपर से छटक कर नजर आती हैं तो इसका मतलब पुखराज एकदम असली है।
-पुखराज को हथेली पर हिलाकर देखें। अगर पुखराज असली है तो आपको अपने हाथ में कुछ भारीपन सा महसूस होगा। इसके अलावा अगर पुखराज असली है तो हथेली पर कुछ देर बाद आपको गर्मी महसूस होगी।