हम सबकी कुंडली में समय-समय पर ग्रहों के बीच अनेक तरह की युतियां बनती रहती हैं। ज्योतिष शास्त्र में इनमें से कुछ युतियों को शुभ तो कुछ को अशुभ बताया गया है। आज हम ऐसी ही एक युति के बारे में बात करने वाले हैं जिसे व्यक्ति के लिए घातक बताया गया है। जी हां, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में कई बार च्रंद और मंगल की युति बन जाती है। लेकिन अक्सर चंद्र-मंगल की इस युति पर शनि-केतु का प्रभाव पड़ जाता है। कहते हैं कि ऐसा होने पर व्यक्ति का आत्मविश्वास काफी कमजोर हो जाता है। उस व्यक्ति के एक अलग किस्म के डर से घिर जाने की मान्यता है। माना जाता है कि ऐसा व्यक्ति अपने जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ पाता और सदैव निराशा से घिरा रहता है।
ऐसा कहा जाता है कि महिलाओं की कुंडली में ज्यादा चंद्र-मंगल की युति बनती है और उस पर शनि-केतु का प्रभाव हो जाता है। कहते हैं कि ऐसी दशा में व्यक्ति को क्रोध भी बहुत ज्यादा आता है और ये लोग गुस्से में काफी नुकसान भी कर बैठते हैं। माना जाता है कि ऐसे लोगों के पैरों में दर्द भी खूब होता है। और ये लोग किसी के ऊपर विश्वास नहीं कर पाते हैं। इससे दूसरों के साथ इनके रिश्ते खराब हो जाने की संभावना बढ़ जाती है।
बताता जाता है कि इस तरह की गंभीर स्थिति का सामना करने वाले व्यक्ति को सहयोग की जरूरत होती है। ऐसे लोगों को परिवार की ओर से खूब सारा प्यार मिलना चाहिए। इन्हें इस बात का भरोसा दिलाया जाना चाहिए कि हम सभी आपके साथ हैं। इस ग्रहदोष को समाप्त करने के लिए एक टोटका भी अपनाया जाता है। इसके तहत ऐसे व्यक्ति के गले में एक चांदी की चेन पहनानी चाहिए जिसमें अश्वगंधा की जड़ को बांधा गया हो।