ज्योतिष शास्त्र के लिए ग्रहों का खास महत्व है। ज्योतिष में व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की चाल के आधार पर ही कई सारी जानकारियां हासिल की जाती हैं। कहते हैं कि यदि कुंडली में ग्रहों की चाल ठीक ना हो तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। माना जाता है कि कुंडली में ग्रहों के कमजोर होने पर व्यक्ति को उसके प्रयासों में सफलता नहीं मिलती जिससे वह काफी परेशान हो जाता है। इसके साथ ही ग्रहों की दशा खराब होने पर व्यक्ति की सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ने की मान्यता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने भोजन करने के तरीके में बदलाव करके कुंडली में ग्रहों की दशा मजबूत की जा सकती है। जी हां, आज हम इसी बारे में आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं।

ज्योतिष शास्त्र में जलेबी का संबंध शुक्र ग्रह से बताया गया है। माना जाता है कि शुक्र के खराब होने से व्यक्ति की पौरुष शक्ति काफी कमजोर हो जाती है। ऐसी ही समस्याएं महिलाओं में भी खड़ी होने की मान्यता है। कहा जाता है कि शुक्र के कमजोर होने से शरीर का कफ तत्व  बिगड़ जाता है जिससे रुखेपन की समस्या हो जाती है। जी हां, यह माना जाता है कि जलेबी खाने से शुक्र की दशा मजबूत होती है। इसके लिए दूध में डालकर जलेबी को खाने के लिए कहा गया है।

गेहूं का सूर्य से गहरा संबंध बताया गया है। कहते हैं कि कुंडली में सूर्य की दशा मजबूत करने के लिए गेंहू का दान करना चाहिए। मान्यता है कि गेहूं की रोटियां खाने से भी सूर्य ग्रह की दशा मजबूत होती है। कहा जाता है कि 250 ग्राम गेहूं और 250 ग्राम चना पांच गिलास पानी में उबालें। इसके बाद इसे छानकर दिन में तीन बार पीना चाहिए। मान्यता है कि इससे शरीर की हड्ढियां मजबूत होती हैं। इसके साथ ही कुंडली में सूर्य की दशा भी सही रहती है।