आज शुक्रवार के दिन दो महत्वपूर्ण घटनाएं घट रही है। आज शुक्र ग्रह शाम को 4:00 बजकर 46 मिनट पर अस्त हो जाएगा और रात्रि को 2:59 पर सूर्य धनु राशि में प्रवेश करने पर मलमास प्रारंभ हो जाएगा। शुक्रग्रह अस्त होने पर हम सामान्य भाषा मे तारा लगना कहते है। तारा लगने पर और मलमास प्रारंभ होने पर कोई भी शुभ कार्य नहीं हो पाएगा।इसमें नीव पूजन ग्रह प्रवेश विवाह मुंडन मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे। जनवरी में केवल बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त मानकर उसमें सब कार्य होंगे। 14 जनवरी को मलमास समाप्त हो जाएगा परंतु शुक्रतारा 3 फरवरी 2018 को उदय होने पर पुनः विवाह कर्म प्रारंभ हो जाएंगे। जिनका विवाह हो चुका है और कुंडली मे शुक्र ग्रह अस्त है वे फरवरी तक अपनी पत्नी का विशेष ध्यान रखें। उनके स्वास्थ्य सम्बधित परेशानी आ सकती है।

यदि कुंडली मे शुक्र ग्रह अस्त है और उसकी महादशा है तो विशेष रूप से धन सम्बधी योजनाओ पर असर पड़ेगा। नुकसान की संभावना बढ़ सकती है। कई बार देखा गया है कि जिनकी रसोई अग्नि कोण में नही होती है वे शुक्र ग्रह के अस्त होने पर पारिवारिक कलह में फस जाते है ओर दाम्पत्य जीवन मे दरार आ जाती है। किसी भी कार्य को करने हेतु इच्छा होनी ज़रूरी होती हैं यह इच्छा ही अच्छी बुरी वस्तुओ से हमारा परिचय कराती हैं इच्छा ना हो तो जीवन नीरस हो जाता हैं और इच्छाओ का स्वामी व कारक यह शुक्र ही होता हैं। इसलिए जिनके कुंडली में शुक्र अस्त है वे सफेद वस्त्र का उपयोग करें, भोजन में सफेद वस्तु लें, शुक्रवार के दिन नमक का भोजन न करें।

सूर्य वृश्चिक राशि से गोचर करते हुए धनु राशि में प्रवेश करने वाले हैं और पूरे एक माह तक धनु राशि में ही रहते हैं। माना जाता है जब सूर्य धनु राशि से गोचर करते हुए मकर राशि में प्रवेश करते हैं उसके बाद ही शुभ कार्य शुरु किए जाते हैं। इस माह के लिए मान्यता है कि महाभारत के युद्ध में पितामह भीष्म भी खरमास के माह में धाराशायी हुए थे। माना जाता है कि उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था। खरमास की समाप्ति तथा सूर्य के उत्तरायण होने पर उन्होनें अपने शरीर का त्याग किया था। इस माह में भागवत कथा सुनने के अलावा कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है।