हिन्दू धर्म के शास्त्रों के अनुसार कुछ ऐसे दिवस बताए गए हैं, जिनमें यदि आप कोई भी उपाय करते हैं तो आपको सफलता मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है। होली की रात अर्थात होलिका दहन की रात, दिवाली की रात, मकर संक्रांति की रात, अमावस्या की रात, पूर्णिमा की रात बड़ी ही विशेष होती है। उस रात्रि किए गए उपाय बहुत ही ज्यादा लाभकारी होते हैं; परंतु होलिका दहन की रात इस तरह के उपायों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है।

प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य प्रणव ओझा जनसत्ता डॉट कॉम से बात करते हुए बताते हैं कि अगर आपको पैसों की तंगी है, स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता है, शारीरिक रूप से आप परेशान हैं, बच्चे को लेकर आप चिंतित हैं, पैसे कब आते हैं कब चले जाते आप समझ नहीं पाते अर्थात पैसों की बचत नहीं हो पाती,अगर आपके मन-मस्तिष्क या आपके घर में नकारात्मकता है तो यह आसान सा उपाय अवश्य करें।

ज्योतिषाचार्य प्रणव ओझा कहते हैं कि यदि होलिका दहन की रात आप यह उपाय करेंगे तो माता लक्ष्मी-श्री हरि विष्णु-श्री गणेश का एवं समस्त देवी देवताओं का आशीर्वाद आपको मिलेगा, आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा सदा सदा के लिए मिट जाएगी और आपको घर में सकारात्मकता की अनुभूति होगी, मन मस्तिष्क शांत रहेगा और आपकी उन्नत के सभी रास्ते खुल जाएंगे।

ज्योतिषाचार्य प्रणव ओझा जनसत्ता के मुताबिक किसी भी उम्र के स्त्री पुरुष यह उपाय कर सकते हैं। आपको होलिका दहन की रात को स्नान करिए। उसके पश्चात अपने घर की पूजा मंदिर में गणेश लक्ष्मी की पूजा करिए। ततपश्चात अपने पांव से सिर तक की माप का लाल धागा लीजिए और वही लाल धागा एक सूखे नारियल में लपेट लीजिए और अपने इष्ट देव से या जिन भी देवी देवता को आप मानते हैं, उन से प्रार्थना करें कि जो भी आप पर-आपके परिवार में परेशानियां हैं, आपके घर में परेशानियां हैं, वह इसमें समाहित हो जाएं।

इस प्रकार अपने ऊपर से 7 बार उतारकर होलिका दहन वाले स्थान पर जाएं और अग्नि में धागा सहित नारियल छोड़ दें और भगवान से प्रार्थना करें कि आपको सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिले।

फिर आपको आजकी सुबह जाकर उसकी राख लानी है और जहां पर भी आप आपका पूजाघर है, वहां पर आप रखें। जहां आपके धन सामग्री है, तिजोरी या लॉकर में भी इसे रख सकते हैं। यदि कहीं आप एग्जाम देने जा रहे हो तो इसका तिलक अपने माथे पर लगाइए। इससे आपके बिगड़े हुए कार्य बनने लगेंगे, भगवान का आशीर्वाद मिलने लगेगा।

होलिका दहन की रात इस तरह के प्रयोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। कुछ ऐसा ग्रह नक्षत्रों का संयोग बनता है होलिका की रात को की दिव्य ऊर्जा व्याप्त होति है जो हमारे पापों का हमारे दुर्भाग्य का भी दहन करने में समर्थ है

क्यों ससुराल की पहली होली देखने की मनाही होती है?

मान्यता के अनुसार राजा हरिण्यकश्यप बेटे प्रहलाद को भगवान विष्णु की भक्ति से दूर करना चाहते थे। उन्होंने 8 दिन प्रहलाद को कठिन यातनाएं दी। इसके बाद आठवें दिन बहन होलिका के गोदी में प्रहलाद को बैठा कर जला दिया, लेकिन फिर भी भक्त प्रहलाद को कुछ नहीं हुआ। इन आठ दिनों में प्रहलाद के साथ जो हुआ, उसके कारण होलाष्टक लगते हैं। वहीं नई शादी हुई लड़कियों को ससुराल की पहली होली देखने की मनाही भी होती है।

होलाष्टक पर न करें ये काम

हिंदुओं में सोलह संस्कार जन्म से लेकर मृत्यु तक किए जाते हैं। इनमें गर्भाधान, पुंसवन, जातकर्म, नामकरण, अन्नप्राशन, संस्कार, कर्णवेध, यज्ञोपवीत, केशांत, विवाह, अन्त्येष्टि आदि शामिल हैं। होलाष्टक में सोलह संस्कार समेत कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। अगर इस दौरान किसी का निधन हो जाए, तो उनके अंतिम संस्कार के लिए भी शांति करानी चाहिए।