Holika Dahan Upay 2022: पंचाग के अनुसार होलिका दहन 17 मार्च यानि कि आज और रंग वाली होली 18 मार्च को मनाई जाएगी। ज्योतिष के अनुसार होली पर कई विशेष प्रकार के उपाय किए जाते हैं, तो कारगर भी होते हैं। लेकिन क्या आपको पता है होली के दिन बजरंगबली और भगवान शिव की पूजा- अर्चना करने का विशेष, महत्व है। मान्यता है जो भी व्यक्ति होली वाले दिन हनुमान जी और भोलेनाथ की विशेष पूजा करता है, उसके जीवन में सभी कष्टों का नाश होता है। साथ ही उसके सारे काम बनते चले जाते हैं। आइए जानते हैं इस दिन भोलेनाथ और बजरंगबली की पूजा का क्यों है महत्व…
ऐसे करें हनुमान जी की पूजा:
होली की रात को अन्य उपायों के साथ हनुमान पूजन शुभ माना गया है। जिसमें आप हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं। साथ ही हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें और चोला चढ़ाएं। विधि-विधान से पूजन करें। हार-फूल, प्रसाद आदि चढ़ाएं। आरती करें। यदि प्रसाद के रूप में गुड़-चने चढ़ाएंगे तो यह श्रेष्ठ रहेगा। ऐसा करने से बजरंगबली प्रसन्न होंगे और आपको आशीर्वाद देंगे।
भगवान शिव से जुड़ी कथा:
वैदिक काल में इस होली के पर्व को नवान्नेष्टि यज्ञ कहा जाता था। पुराणों के अनुसार ऐसी भी मान्यता है कि जब भगवान शंकर ने अपनी क्रोधाग्नि से कामदेव को भस्म कर दिया था, तभी से होली का प्रचलन हुआ। होलिका दहन की रात्रि को तंत्र साधना की दृष्टि से हमारे शास्त्रों में महत्वपूर्ण माना गया है और यह रात्रि तंत्र साधना व लक्ष्मी प्राप्ति के साथ खुद पर किये गए तंत्र मंत्र के प्रतिरक्षण हेतु सबसे उपयुक्त मानी गई है। तंत्र शास्त्र के अनुसार होली के दिन कुछ खास उपाय करने से मनचाहा काम हो जाता है। तंत्र क्रियाओं की प्रमुख चार रात्रियों में से एक रात ये भी है।
शीघ्र विवाह के लिए करें ये उपाय:
युवक और युवतियों का विवाह नहीं हो रहा हो वो होली की रात को मंदिर में जाकर शिवलिंग के सामने घी का दीपक जलाएं, ऐसा करने से मान्यता है उनके शीघ्र विवाह के योग बनेंगे। (यह भी पढ़ें)- होलिका दहन 2022: आज होलिका दहन पर बन रहे कई शुभ योग, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा- विधि और सब कुछ
अगर हो कालसर्प दोष तो करें ये उपाय:
अगर किसी की कुंडली में राहु- केतु या कालसर्प ग्रह दोष है तो होली की राख को जल में मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए। इस उपाय से ग्रह दोष समाप्त हो जाता है और उन्नति के नए रास्ते खुलते हैं।
मिलते हैं ये संकेत:
मान्यता है कि होलिका दहन के समय उसकी उठती हुई लौ से कई संकेत मिलते हैं। होलिका की अग्नि की लौ का पूर्व दिशा ओर उठना कल्याणकारी होता है, दक्षिण की ओर पशु पीड़ा, पश्चिम की ओर सामान्य और उत्तर की ओर लौ उठने से बारिश होने की संभावना रहती है। शास्त्रों में उल्लेख है कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को प्रदोषकाल में दहन किया जाता है। (यह भी पढ़ें)- Holika Dahan Upay 2022: होली पर करें ये खास उपाय, मां लक्ष्मी की रहेगी कृपा, आर्थिक समस्या से मिल सकती है निजात
