Hindu New Year 2020, Gudi Padwa, Samvastar Padvo, Ugadi, Naba Barsha 2020 Date: हिंदुओं का नया वर्ष जिसे हिंदी का नया साल भी कहते हैं चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) के दिन से शुरू होता है। ऐसा माना जाता है कि चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि से सृष्टि का आरंभ हुआ था। इस दिन ग्रहों और नक्षत्र में परिवर्तन होता है। इस बार हिंदी नव वर्ष की शुरुआत 25 मार्च से होने जा रही है। ये भारतीय नवसंवत्सर विक्रम संवत 2077 (Nav Samvatsar 2077) होगा।

नववर्ष के प्रथम दिन के स्वामी को उस वर्ष का स्वामी माना जाता है। 2020 में हिंदू नव वर्ष बुधवार से शुरू हो रहा है। इस कारण बुध इस नए सम्वत् का स्वामी होगा। इस नव वर्ष का आगमन रेवती नक्षत्र और ब्रह्मा योग में होने जा रहा है। सूर्य और चंद्रमा एक साथ मीन राशि में मौजूद रहेंगे। इस नये साल को अलग अलग जगहों पर भिन्न भिन्न नामों से जाना जाता है।

गोवा और केरल में कोंकणी समुदाय इसे संवत्सर पड़वो के नाम से मनाते हैं। कर्नाटक में यह पर्व युगाड़ी नाम से जाना जाता है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में गुड़ी पड़वा को उगाड़ी नाम से मनाया जाता है। कश्मीरी हिंदू इस दिन को नवरेह के तौर पर मनाते हैं। तो वहीं मणिपुर में यह दिन सजिबु नोंगमा पानबा या मेइतेई चेइराओबा कहलाता है। इसी दिन से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी हो जाती है। जो इस बार 2 अप्रैल तक मनाई जायेगी। नवरात्रि के नौ दिन देवी मां के अलग-अलग नौ रूपों की उपासना की जाती है।

चैत्र शुक्ल पक्ष से क्यों शुरू होता है हिंदी नव वर्ष? पौराणिक मान्यताओं अनुसार सृष्टि के आरंभ के समय चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन पर ही देवी ने ब्रह्माजी को सृष्टि की रचना करने का कार्यभार सौंपा था। इसलिए यह दिन सृष्टि के निर्माण का दिन माना जाता है। मान्यता है कि यह दिन समस्त जगत के आरंभ का दिन है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, इस तिथि पर ही देवी मां ने देवी-देवताओं के कार्यों का बंटवारा किया था और तत्पश्चात सभी ने अपना काम संभालते हुए सृष्टि के संचालन के लिए शक्ति और आशीर्वाद मांगा था। इसी के चलते चैत्र नवरात्र से हिंदू वर्ष का आरंभ माना जाता है।