नव संवत्सर 2079 शनिवार यानि 2 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। साथ ही हर साल इसी दिन से चैत्र नवरात्रि भी प्रारंभ होतीं हैं। आपको बता दें कि वैदिक पंचांग के अनुसार इस संवत्सर का नाम नल होगा। जिसके स्वामी शुक्र होंगे। दरअसल हर हिंदू नववर्ष का अपना राजा, मंत्री और मंत्रिमंडल होता है। वहीं इस नव संवत्सर के राजा शनि और मंत्री गुरु होंगे।  इस बार हिंदू नववर्ष संवत 2079 की शुरुआत ऐसे दुर्लभ संयोग में हो रही है, जो कि डेढ़ हजार साल में बना है। इसलिए इस नव संवत्सर का महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं यह संवत्सर किन राशियों के लिए शुभ रह सकता है।

विक्रम संवत भी कहा जाता है:

आपको बता दें कि विक्रम संवत की शुरुआत 57 ईसवी पूर्व में हुई थी। साथ ही इसको शुरू करने वाले सम्राट विक्रमादित्य थे, इसीलिए उनके नाम पर ही इस संवत का नाम है. इस विक्रम संवत को पूर्व में भारतीय संवत का कैलेंडर भी कहा जाता था, लेकिन बाद में इसे हिंदू संवत का कैलेंडर के रूप में प्रचारित किया गया। 

इन राशियों के लिए यह संवत्सर है शुभ: 

ज्योतिष के अनुसार शनि ग्रह 29 अप्रैल 2022 में अपनी राशि बदलेंगे। इस दौरान ये मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश कर जायेंगे। इस राशि में शनि के गोचर करते ही मिथुन और तुला राशि वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही धनु राशि वालों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। इन लोगों की आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी। साथ ही तरक्की से नए रास्ते खुलेंगे। जॉब में प्रमोशन और इंक्रीमेंट हो सकता है। किसी पुराने रोग से मुक्ति मिल सकती है। (यह भी पढ़ें)- मायावी ग्रह राहु करने जा रहे हैं गोचर, इन 3 राशि वालों को शेयर और व्यापार में हो सकता है जबरदस्त धनलाभ

1500 साल बाद बन रहा है ग्रहों का दुर्लभ संयोग:

इस बार हिंदू नव संवत्सर की शुरुआत कई दुर्लभ संयोग से हो रही है। पंचांग के अनुसार यह स्थिति 1500 साल बात बन रही है। जब मंगल ग्रह अपनी  उच्च राशि मकर में, राहु- केतु भी अपनी उच्च राशि में विराजमान हैं। वहीं शनि देव भी अपनी स्वराशि मकर में स्थित हैं। साथ ही इसी दिन रेवती नक्षत्र और 3 राजयोग बन रहे हैं। इसलिए यह नव संवत्सर का महत्व ज्योतिष के दृष्टिकोण से काफी बढ़ गया है। (यह भी पढ़ें)- Chaitra Navratri 2022: 2 अप्रैल से शुरू हो रहीं हैं चैत्र नवरात्रि, अभी से शुरू कर दें ये तैयारियां, माता रानी की बरसेगी कृपा