Hartalika Teej 2020 Puja Vidhi, Muhurat, Timings, Samagri, Mantra: हरतालिका तीज व्रत 2020 (Hartalika Teej Vrat 2020) भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। इस साल हरतालिका तीज 21 अगस्त, शुक्रवार को मनाई जाएगी। मान्यता है कि जो सुहागन स्त्रियां इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है। सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र और घर परिवार में सुख समृद्धि की कामना से हरतालिका तीज व्रत करती हैं।

Hartalika Teej 2020 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat

इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन ही देवी पार्वती ने भगवान शंकर को पति रूप में पाने के लिए व्रत और पूजन किया था। तब से ही सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र का वरदान पाने के लिए यह व्रत करती हैं। इस दिन माता पार्वती को सुहाग का सभी श्रृंगार अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि इससे प्रसन्न हो देवी पार्वती भी व्रती स्त्री के सुहाग की लंबी उम्र होने का आशीर्वाद देती हैं।

Hartalika Teej 2020 Vrat Katha, Puja Vidhi, Muhurat, Timings, Process

देवी पार्वती का सुहाग का सामान (Devi Parvati Ka Shringar Ka Saman): इस व्रत को रखने वाली महिलाएं पूरे दिन गौरी शंकर की पूजा में लीन रहती हैं। मां पार्वती का श्रृंगार करती हैं। महिलाएं इस दिन मां पार्वती को सुहाग का सामान चढ़ाती हैं। मां पार्वती को अर्पित किये जाने वाली सामग्रियों में सिंदूर, बिंदी, काजल, लिपिस्टिक, इत्र, लाल चुनरी, गले का हार, कानों के झुमके, नाक की लौंग, कंघी, शीशा, तेल, नाखून पेंट, चूड़ियां, मेहंदी, कमरबंद, बिछुए, पायल, महावर जैसी महत्वपूर्ण चीजें शामिल हैं। बता दें कि इस त्योहार को बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, और भी दूसरे उत्तरी राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है।

Hartalika Teej Vrat 2020: Puja Vidhi, muhurat, samagri, items, mantra:

हरतालिका तीज व्रत पूजा की सामग्री (Hartalika Teej Vrat Puja Ki Samagri):

कुमकुम
बेलपत्र
कलावा
गुड़हल का फूल
धतूरे का फल एवं फूल
शमी की पत्तियां या फूल
अकांव का फूल
पांच तरह के फल
पांच तरह के मेवे
पांच तरह की मिठाई
श्रीफल
जयफल
सुपारी
लौंग
इलायची<br />चंदन
गंगाजल
शहद
दूध
दही
गन्ने का रस
घी / तेल
ज्योत
चंदन की लकड़ी की अगरबत्ती
दक्षिणा

हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त (Hartalika Teej Shubh Muhurat/ Hartalika Teej Puja Shubh Muhurat):

तृतीया तिथि आरंभ – 21 अगस्त, शुक्रवार सुबह 02 बजकर 13 मिनट से

तृतीया तिथि समाप्त – 21 अगस्त, शुक्रवार रात 11 बजकर 02 मिनट तक

प्रात: काल हरतालिका पूजा मुहूर्त – सुबह 05 बजकर 54 मिनट से साढ़े 8 बजे तक

प्रदोष काल हरतालिका पूजा मुहूर्त – शाम 06 बजकर 54 मिनट से 09 बजकर 06 मिनट तक

Live Blog

21:48 (IST)21 Aug 2020
गौरी-शंकर की होती है पूजा...

यह व्रत मुख्‍य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की खुशहाली हेतु भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद लेने के लिए करती हैं। इस व्रत में महिलाएं मिट्टी से शिव पार्वती की मूर्ति बनाती हैं और उनका श्रृंगार करके पूजा करती हैं। इस दिन महिलाएं खुद भी पूरा श्रृंगार करती हैं। सजती हैं संवरती हैं और निर्जला व्रत करती हैं।

20:46 (IST)21 Aug 2020
गौरी तृतीया भी कहा जाता है

हरतालिका तीज भाद्र पद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाया जाता है। कहीं कहीं इस पर्व को गौरी तृतीया व्रत भी कहते हैं। व्रत करने वाली महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। महिलाएं पूरी रात जागकर भजन कीर्तन करती हैं। 

19:42 (IST)21 Aug 2020
क्यों की जाती है शिव-पार्वती की पूजा

इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन ही देवी पार्वती ने भगवान शंकर को पति रूप में पाने के लिए व्रत और पूजन किया था। तब से ही सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र का वरदान पाने के लिए यह व्रत करती हैं। इस दिन माता पार्वती को सुहाग का सभी श्रृंगार अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि इससे प्रसन्न हो देवी पार्वती भी व्रती स्त्री के सुहाग की लंबी उम्र होने का आशीर्वाद देती हैं।

18:58 (IST)21 Aug 2020
सोलह श्रृंगार का महत्व...

हर‍ितालिका तीज के द‍िन सौभाग्यवती व्रती स्त्रियों को श्रृंगार अवश्य करने चाहिए। सभी 16 श्रृंगारों काे करने से देवी प्रसन्न होती हैं। मेहंदी, चूड़ी और हरी साड़ी अवश्य पहनने चाहिए। साथ ही श्रृंगार रस वाले गीत भी गाएं।

18:30 (IST)21 Aug 2020
अखंड सौभाग्यवती का मिलता है वरदान...

अखंड सुहाग की मनोकामना लेकर आज विवाहिच महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत रखेंगी. दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को महिलाएं माता पार्वती संग भगवान शंकर की उपासना कर तीज व्रत कथा का श्रवण करेंगी. पति की दीर्घायु होने की कामना के साथ पूरी श्रद्धाभाव से पूजा अर्चना करेंगी.

17:56 (IST)21 Aug 2020
देवी पार्वती को इन चीजों का चढ़ता है चढ़ावा

इस व्रत को रखने वाली महिलाएं पूरे दिन गौरी शंकर की पूजा में लीन रहती हैं। मां पार्वती का श्रृंगार करती हैं। महिलाएं इस दिन मां पार्वती को सुहाग का सामान चढ़ाती हैं। मां पार्वती को अर्पित किये जाने वाली सामग्रियों में सिंदूर, बिंदी, काजल, लिपिस्टिक, इत्र, लाल चुनरी, गले का हार, कानों के झुमके, नाक की लौंग, कंघी, शीशा, तेल, नाखून पेंट, चूड़ियां, मेहंदी, कमरबंद, बिछुए, पायल, महावर जैसी महत्वपूर्ण चीजें शामिल हैं। 

17:29 (IST)21 Aug 2020
हरतालिका और हरियाली तीज में है अंतर

हरतालिका तीज सावन की हरियाली तीज से अलग है। इस दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हैं। वहीं, कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत करती हैं। 

16:57 (IST)21 Aug 2020
शाम 6 बजकर 54 मिनट तक है शुभ मुहूर्त

हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त 21 अगस्त को सुबह 5 बजकर 53 मिनट से सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगा फिर रात्रि पूजा का मुहूर्त समय 21 अगस्त को शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक रहेगा।

16:31 (IST)21 Aug 2020
ऐसे करें पूजन...

व्रती महिलाओं को एक पवित्र चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती की आकृति बनाकर पूजन करना चाहिए।

15:57 (IST)21 Aug 2020
तीज पर शुभ माना जाता है हरा रंग

तीज व्रत में दुल्हन की तरह सजें और हरे कपड़े और जेवर पहनें. व्रती महिलाओं को पानी नहीं पीना चाहिए. हरितालिका व्रत निर्जला रखी जाती है. इस दिन मेहंदी लगवाना शुभ माना जाता है. नवविवाहित महिलाएं अपनी पहली तीज पर मायके जाती हैं.

15:30 (IST)21 Aug 2020
हरतालिका तीज व्रत का पौराणिक महत्व

पुराणों के अनुसार इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए किया था. इसी दिन पार्वती जी ने व्रत रखकर शिव जी को प्राप्त किया था. इसलिए इस दिन शिव पार्वती की पूजा का विशेष विधान है. जो कुंवारी कन्याएं अच्छा पति चाहती हैं या जल्दी शादी की कामना करती हैं उन्हें भी आज के दिन व्रत रखना चाहिए. इससे उनके शीघ्र विवाह का योग बनता है.

14:30 (IST)21 Aug 2020
सुहाग की सामग्री

हरितालिका तीज व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है और सुहाग की सामग्री चढ़ाई जाती है। जिसमें मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम और दीपक शामिल है।

13:52 (IST)21 Aug 2020
भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा

यह व्रत मुख्‍य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की खुशहाली हेतु भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद लेने के लिए करती हैं। इस व्रत में महिलाएं मिट्टी से शिव पार्वती की मूर्ति बनाती हैं और उनका श्रृंगार करके पूजा करती हैं। इस दिन महिलाएं खुद भी पूरा श्रृंगार करती हैं। सजती हैं संवरती हैं और निर्जला व्रत करती हैं।

13:21 (IST)21 Aug 2020
जानें आज व्रत के दौरान क्या करें

निराहार रहकर व्रत करें.
रात्रि जागरण कर भजन करें.
बालू के शिवलिंग की पूजा करें.
सखियों सहित शंकर-पार्वती की पूजा आज रात में करें.
पत्ते उलटे चढ़ाना चाहिए तथा फूल व फल सीधे चढ़ाना चाहिए.
हरतालिका तीज की कथा श्रवण करें.

12:58 (IST)21 Aug 2020
जलेबी का सेवन कर व्रत पारण की परंपरा

हरितालिका तीज व्रत का पारण करने की शहर में एक खास परंपरा है। यानी व्रत के अगले दिन ताजी जलेबी और दही सेवन कर महिलाएं पारण करती हैं। शनिवार को बाजार बंद होने से जलेबी मिलना मुश्किल होगा। दारागंज की अनुपमा पांडेय ने बताया जलेबी के बजाय मेवा और चासनी से तैयार विशेष मिष्ठान का सेवन कर पारण करेंगी। पुष्पा पांडेय ने बताया कि घर पर ही पकवान तैयार करके पारण करेंगी।

12:21 (IST)21 Aug 2020
व्रत पूजन विधान

अवध नारायण के अनुसार व्रती महिलाओं को एक पवित्र चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती की आकृति बनाकर पूजन करें।

11:45 (IST)21 Aug 2020
पूजा के समय इन मंत्र का करें जाप

ऊँ उमायै नम:, ऊँ पार्वत्यै नम:, ऊँ जगद्धात्र्यै नम:, ऊँ जगत्प्रतिष्ठयै नम:, ऊँ शांतिरूपिण्यै नम:, ऊँ शिवायै नम:।

ऊँ हराय नम:, ऊँ महेश्वराय नम:, ऊँ शम्भवे नम:, ऊँ शूलपाणये नम:, ऊँ पिनाकवृषे नम:, ऊँ शिवाय नम:, ऊँ पशुपतये नम:, ऊँ महादेवाय नम:।

11:05 (IST)21 Aug 2020
पूजन में चढ़ाई जाती है सुहाग सामग्री

हरितालिका तीज व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है. इस दौरान माता पार्वती को सुहाग सामग्री चढ़ाई जाती है, जिसमें मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम और दीपक शामिल है.

10:30 (IST)21 Aug 2020
तृतिया के दिन पार्वती जी को मिला था वरदान

शास्त्रों के अनुसार भादो के शुक्ल तृतीया-चतुर्थी के दिन भोलेनाथ ने प्रसन्न होकर मां पार्वती को यह वरदान दिया था कि इस तिथि को जो भी सुहागिन अपने पति के दीघार्यु की कामना के साथ पूजन व व्रत और जागरण करेंगी. उनपर भगवान शिव प्रसन्न होते है.

10:00 (IST)21 Aug 2020
हरितालिका तीज व्रत के कड़े नियम

- यदि कोई भी कुंवारी या विवाहित महिला एक बार इस व्रत को रखना प्रारंभ कर देती हैं तो उसे जीवनभर यह व्रत रखना ही होता है. बीमार होने पर दूसरी महिला या पति इस व्रत को रख सकता है.
- इस व्रत में किसी भी प्रकार से अन्न-जल ग्रहण नहीं किया जाता है. अगले दिन सुबह पूजा के बाद जल पीकर व्रत खोलने का विधान है.
- इस व्रत में महिलाओं को रातभर जागना होता है और जागकर मिट्टी के बनाए शिवलिंग की प्रहर अनुसार पूजा करना होती है और रात भर जागकर भजन-कीर्तन किया जाता है.

09:27 (IST)21 Aug 2020
अखंड सुहाग के लिए आज विवाहित महिलाएं रखेंगी निर्जला तीज व्रत

अखंड सुहाग की मनोकामना लेकर आज विवाहिच महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत रखेंगी. दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को महिलाएं माता पार्वती संग भगवान शंकर की उपासना कर तीज व्रत कथा का श्रवण करेंगी. पति की दीर्घायु होने की कामना के साथ पूरी श्रद्धाभाव से पूजा अर्चना करेंगी.

09:01 (IST)21 Aug 2020
घर पर ही बनाएं प्रतिमा

घर पर ही मिट्टी या बालू की भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाकर उनकी पूजा की जाती है. इसके साथ ही सोलह शृंगार की सामग्री मां पार्वती को अर्पण कर अखंड सुहाग की कामना करें.

08:31 (IST)21 Aug 2020
आज महिलाओं का करें सम्मान

आज हरतालिका तीज है. इस दिन पति को स्त्रियों का सहयोग करना चाहिए, उनका सम्मान करें और इस दिन पति अपनी पत्नी के लिए अच्छे संदेश दें. बोलते समय अपशब्दों का बिल्कुल प्रयोग न करें. पत्नी का सहयोग करें और उनकी पूजा में शामिल भी हों.

08:01 (IST)21 Aug 2020
कुंवारी कन्याएं भी रखती हैं निर्जला व्रत

इस दिन पार्वती जी ने निर्जला व्रत रखकर शिव जी को प्राप्त किया था. इसलिए इस दिन शिव पार्वती की पूजा का विशेष विधान है. जो कुंवारी कन्याएं अच्छा पति चाहती हैं या जल्दी शादी की कामना करती हैं उन्हें भी आज के दिन व्रत रखना चाहिए. इससे उनके विवाह का योग बन जाएगा.

07:32 (IST)21 Aug 2020
आज हरे रंग का है विशेष महत्व

तीज व्रत में दुल्हन की तरह सजें और हरे कपड़े और जेवर पहनें. व्रती महिलाओं को पानी नहीं पीना चाहिए. हरितालिका व्रत निर्जला रखी जाती है. इस दिन मेहंदी लगवाना शुभ माना जाता है. नवविवाहित महिलाएं अपनी पहली तीज पर मायके जाती हैं.

07:23 (IST)21 Aug 2020
हरतालिका तीज पूजा विधि

- सुबह जल्दी उठें और स्नानादि कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- अब बालू रेत से भगवान गणेश, शिव जी और माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं।
- एक चौकी पर अक्षत (चावल) से अष्टदल कमल की आकृति बनाएं।
- एक कलश में जल भरकर उसमें सुपारी, अक्षत, सिक्के डालें।
- उस कलश की स्थापना अष्टदल कमल की आकृति पर करें।
- कलश के ऊपर आम के पत्ते लगाकर नारियल रखें।

06:30 (IST)21 Aug 2020
तीज के दिन सोलह श्रृंगार करें और गीत गाएं

हर‍ियाली तीज के द‍िन सौभाग्यवती व्रती स्त्रियों को श्रृंगार अवश्य करने चाहिए। सभी 16 श्रृंगारों काे करने से देवी प्रसन्न होती हैं। मेहंदी, चूड़ी और हरी साड़ी अवश्य पहनने चाहिए। साथ ही श्रृंगार रस वाले गीत भी गाएं।

05:56 (IST)21 Aug 2020
काले, सफेद वस्त्र नहीं पहनें, अशुभ होते हैं, लाल, हरा, गुलाबी, पीले रंग के कपड़ पहनें

हरियाली तीज के अवसर पर महिलाओं को सफेद और काले रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। ये अशुभ होते हैं। इस दिन हरियाली के प्रतीक हरे, लाल, गुलाबी या पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए। इससे देवी प्रसन्न होती हैं।

04:28 (IST)21 Aug 2020
मां पार्वती की शृंगार की वस्तुएं दान करें

हरितालिका तीज पूजा के बाद व्रती महिलाओं को मां पार्वती की शृंगार की वस्तुएं और वस्त्र आदि ब्राह्मण को दान करना चाहिए। इससे बड़ा पुण्य मिलता है।

02:55 (IST)21 Aug 2020
तीजोत्सव पर मां की प्रतिमा को पालकी में बिठाकर झांकी भी निकाली जाती है

तीजोत्सव व्रत में हाथों में नई चूड़ियां, पैरों में आलता और मेहंदी लगाती है। इस दौरान मां पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है। इस व्रत में कई स्थानों पर मां की प्रतिमा को पालकी में बिठाकर झांकी भी निकाली जाती है.

01:59 (IST)21 Aug 2020
तीज पर झूला झूलने की भी है परंपरा

तीज पर झूला झूलने, हरियाली का प्रतीक हरे रंग की साड़ी पहनने, गीत गाने और रात में जागरण कर पार्वती और शिव की महिमा बखानने और बताने की परंपरा रही है। 

00:58 (IST)21 Aug 2020
हरियाली तीज की कथा से मिलती है व्रत की प्रेरणा

हरियाली तीज की पूजा करते समय सभी व्रती महिलाओं को पर्व की कथा जरूर सुननी चाहिए। इससे उनको व्रत की प्रेरणा मिलती है और दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के लिए त्याग और तपस्या का भाव पैदा होता है।

23:48 (IST)20 Aug 2020
विधि-विधान से करें हरितालिका पूजा

हरितालिका व्रत रखने वाली स्त्री को भगवान शंकर और पार्वती की पूजा विधि-विधान से और पूरे श्रद्धाभाव से करनी चाहिए। व्रत कठिन है, लेकिन फल अधिक है। 

23:12 (IST)20 Aug 2020
एक व्रत आरंभ कर देने के बाद जीवन पर्यंत निभाने का है विधान

इस व्रत की पात्र कुमारी कन्यायें या सुहागिन महिलाएं दोनों ही हैं परन्तु एक बार व्रत रखने बाद जीवन पर्यन्त इस व्रत को रखना पड़ता है। यदि व्रती महिला गंभीर रोगी हालात में हो तो उसके वदले में दूसरी महिला या उसका पति भी इस व्रत को रख सकने का विधान है। ज्यादातर यह व्रत उत्तरप्रदेश और बिहार के लोग मनाते हैं ।

22:39 (IST)20 Aug 2020
पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी−शंकर की प्रतिमा स्थापित करने का विधान

व्रत करने वाली स्त्रियां सूर्योदय से पूर्व ही उठ जाती हैं और स्नान करने के बाद पूरा श्रृंगार करती हैं। पूजन के लिए केले के पत्तों से मंडप बनाकर गौरी−शंकर की प्रतिमा स्थापित की जाती है। इसके साथ पार्वती जी को सुहाग का सारा सामान चढ़ाया जाता है। रात में भजन, कीर्तन करते हुए जागरण कर तीन बार आरती की जाती है और शिव पार्वती विवाह की कथा सुनी जाती है।

21:59 (IST)20 Aug 2020
नकारात्मक विचारों का होता है नाश

सुखद दांपत्य जीवन और मनचाहा वर प्राप्ति के लिए यह व्रत विशेष फलदायी है। व्रत करने वाले को मन में शुद्ध विचार रखने चाहिए। यह व्रत भाग्य में वृद्धि करने वाला माना गया है। इस व्रत के प्रभाव से घर में सुख शांति और समृद्धि आती है। नकारात्मक विचारों का नाश होता है।

21:30 (IST)20 Aug 2020
कथा के बिना होता है अधूरा...

यह व्रत करने पर इसे छोड़ा नहीं जाता है। प्रत्येक वर्ष इस व्रत को विधि-विधान से करना चाहिए। इस व्रत में कथा का विशेष महत्व है। कथा के बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है।

21:01 (IST)20 Aug 2020
सुहाग का सभी श्रृंगार करें अर्पित

इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन ही देवी पार्वती ने भगवान शंकर को पति रूप में पाने के लिए व्रत और पूजन किया था। तब से ही सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र का वरदान पाने के लिए यह व्रत करती हैं। इस दिन माता पार्वती को सुहाग का सभी श्रृंगार अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि इससे प्रसन्न हो देवी पार्वती भी व्रती स्त्री के सुहाग की लंबी उम्र होने का आशीर्वाद देती हैं।

20:29 (IST)20 Aug 2020
इस मुहूर्त का रखें ख्याल...

21 अगस्त को सुबह 5 बजकर 54 मिनट से 8 बजकर 30 मिनट तक का मुहूर्त है। तालिका तीज व्रत प्रदोषकाल में किया जाता है। दिन और रात के मिलन के समय को प्रदोषकाल कहा जाता है। वहीं प्रदोष काल में शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक शुभ समय है।

19:59 (IST)20 Aug 2020
इसलिए कुंवारी युवतियां भी रखती हैं ये व्रत

कहते हैं अगर कोई कुंवारी कन्या अपने विवाह की कामना के साथ इस व्रत को करती है तो भगवान शिव के आशीर्वाद से उसका विवाद जल्द हो जाता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि अगर कोई कुंवारी कन्या मनचाहे पति की इच्छा से हरतालिका तीज व्रत रखती है तो भगवान शिव के वरदान से उसकी इच्छा पूर्ण होती है।