Hartalika Teej 2020 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat: हरतालिका तीज व्रत इस साल 21 अगस्त, शुक्रवार को रखा जाएगा। सभी सुहागन स्त्रियां इस दिन अपने पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना से व्रत रखती हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन जो कोई भी स्त्री अपने पति का हित सोचकर व्रत रखती है, उसका पति दीर्घायु होता है। मान्यता है कि भगवान शिव और देवी पार्वती व्रतियों को सुख-संपत्ति, धन-धान्य, पुत्र-पौत्र और स्वस्थ जीवन का वरदान देते हैं।

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हरतालिका तीज व्रत का महत्व: इस व्रत को फलदायी माना जाता है। उत्तर भारत में इस व्रत की बहुत अधिक मान्यता है। कहते हैं अगर कोई कुंवारी कन्या अपने विवाह की कामना के साथ इस व्रत को करती है तो भगवान शिव के आशीर्वाद से उसका विवाद जल्द हो जाता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि अगर कोई कुंवारी कन्या मनचाहे पति की इच्छा से हरतालिका तीज व्रत रखती है तो भगवान शिव के वरदान से उसकी इच्छा पूर्ण होती है।

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मान्यता है जो स्त्रियां इस व्रत को सच्चे मन से करती हैं उसे अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।यह त्योहार मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान में मनाया जाता है। वहीं, कुछ दक्षिणी राज्यों में इस व्रत को गौरी हब्बा कहा जाता है।

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हरतालिका तीज व्रत का इतिहास: माना जाता है कि देवी पार्वती के पिता हिमालय ने उनका विवाह श्रीहरि विष्णु के साथ तय कर दिया था। लेकिन उन्होंने तो मन ही मन शिव जी को अपना पति मान लिया था। महादेव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती जंगल में तपस्या करना चाहती थीं। तब माता पार्वती की एक सखी उन्हें हर कर घन घोर जंगलों में ले आई। तब से हरतालिका तीज मनाई जाती है।

इस व्रत के नाम में हरत का मतलब हरण और आलिका का मतलब सहेली है। इसीलिए इस व्रत का नाम हरतालिका है। क्योंकि उनकी सहेली माता पार्वती को उनके पिता के घर से हर ले आई थीं। कहते हैं कि जो भी सौभाग्यवती स्त्रियां इस दिन व्रत करती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है। इस व्रत का प्राचीन काल से ही बहुत अधिक महत्व रहा है। माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से कई सौभाग्यवती स्त्रियों ने अपने पति के प्राणों की रक्षा की है।

Live Blog

21:48 (IST)21 Aug 2020
पति के दीर्घायु होने और मनचाहा वर प्राप्ति की है मान्यता

हरितालिका तीज सुहागनों के लिए सबसे उत्तम व्रत है. इस दिन शिव-पार्वती की संयुक्त उपासना से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है. हरतालिका तीज व्रत भगवान शिव और मां पार्वती के पुनर्मिलन के पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और विवाह योग्य कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है

20:46 (IST)21 Aug 2020
कैसे पड़ा हरतालिका नाम

बताते हैं कि मां पार्वती शिव जी को पति के रूप में पाना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने कठिन तपस्या की। तपस्या के बाद मां पार्वती की कुछ सहेलियों ने उनका हरण कर लिया ताकि वे भगवान शिव से शादी न कर पाए। इसी कारण इस पर्व का हरतालिका कहा जाता है क्योंकि हरत का मतलब अगवा करना व आलिका का अर्थ सहेलियां माना जाता है। 

19:42 (IST)21 Aug 2020
जानिये किस नक्षत्र में होती है पूजा...

भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है. आज नहाय खाय के साथ कल व्रत रखा जाएगा. हरितालिका तीज व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है.

18:58 (IST)21 Aug 2020
इसलिए कुंवारी युवतियां भी रखती हैं व्रत

इस दिन पार्वती जी ने निर्जला व्रत रखकर शिव जी को प्राप्त किया था. इसलिए इस दिन शिव पार्वती की पूजा का विशेष विधान है. जो कुंवारी कन्याएं अच्छा पति चाहती हैं या जल्दी शादी की कामना करती हैं उन्हें भी आज के दिन व्रत रखना चाहिए. इससे उनके विवाह का योग बन जाएगा.

18:30 (IST)21 Aug 2020
इस दिन नए कपड़े पहनने का है विधान...

हरितालिका तीज का व्रत करने वाली महिलाओं को नए कपड़े पहनने चाहिए. क्योंकि यह बेहद जरूरी है कि साफ-सुथरे और शुद्ध कपड़े पहनकर ही पूजा की जाए. तीज में सबसे ज्यादा हरे रंग की साड़ी पहनी जाती है. तीज पूजा शिव जी के लिए की जाती है और भगवान शिव को हरे रंग प्रिय है. इस दिन महिलाएं रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर सोलह श्रृंगार करती हैं. हरितालिका व्रत के दौरान 16 श्रृंगार का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन महिलाएं हाथों में मेहंदी भी लगाती हैं, जिसे सुहाग की निशानी माना जाता है.

17:56 (IST)21 Aug 2020
देवी पार्वती ने सबसे पहले किया था व्रत

पौराणिक कथाओं के अनुसार, पार्वती जी के पिता को शिवजी का रहन-सहन और उनकी वेशभूषा बिल्कुल पसंद नहीं थी। उसी समय नारद जी से उनके पास आए और उन्होंने राजा के सामने विष्णु जी और पार्वती जी के विवाह का प्रस्ताव रखा। पार्वती जी के पिता इस विवाह के लिए तुरंत मान गए। लेकिन माता पार्वती मन ही मन भगवान शिव को अपना पति मान चुकी थीं। विष्णु जी से उन्हेने विवाह करने से मना कर दिया। माता पार्वती की सखियों ने उनका अपहरण कर जंगल ले गईं। जंगल में शिव को पति के रूप में पाने के लिए पार्वती जी ने कठोर तपस्या की।

17:29 (IST)21 Aug 2020
पहली बार व्रत करने वाली महिलाएं इन बातों का रखें ध्यान

नवविवाहिताएं पहले इस व्रत को जिस तरह रख लेंगी हमेशा उन्हें उसी प्रकार इस व्रत को करना होगा। इसलिए इस बात का ध्यान रखना है कि पहले व्रत से जो नियम आप उठाएं उनका पालन करें। अगर निर्जला ही व्रत रखा था तो फिर हमेशा निर्जला ही व्रत रखें। आप इस व्रत में बीच में पानी नहीं पी सकते।

16:57 (IST)21 Aug 2020
बेहद महत्वपूर्ण व्रतों में शामिल

आज हरतालिका तीज व्रत है। हर साल यह त्योहार भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाओं के लिए है। इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत में महिलाएं माता गौरी से सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मांगती हैं। इसलिए विवाहित महिलाओं के लिए यह व्रत बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

16:31 (IST)21 Aug 2020
मिट्टी के शिव-पार्वती की होती है पूजा

मान्यता है कि भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए माता पार्वती ने ही सबसे पहले यह व्रत किया था। उनके तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रुप में स्वीकार किया था। तभी से इस व्रत की परंपरा चली आ रही है। सौभाग्य की कामना और पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं इस व्रत को रखती हैं। इस दिन महिलाएं निर्जला (बिना कुछ खाए-पीए) रहकर व्रत करती हैं। इस व्रत में मिट्टी या रेत से भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति बनाकर पूजा की जाती है।

15:57 (IST)21 Aug 2020
हुआ था शिव-पार्वती का पुनर्जन्म...

हरितालिका तीज के दिन शिव और पार्वती का पुर्नमिलन हुआ था. ऐसी मान्यता है कि मां पार्वती के 108वें जन्म में उन्हें भगवान शंकर पति के रूप में मिले. इसलिए 107 जन्मों तक मां पार्वती भगवान शंकर को पाने के लिए पूजा करती रहीं. यह कहा जा सकता है कि मां पार्वती को भगवान शिव ने उनके 108वें जन्म में स्वीकारा था.

15:30 (IST)21 Aug 2020
हरतालिका तीज व्रत के नियम

- हरतालिका तीज का व्रत बहुत नियमों के साथ किया जाता है. इस दिन जल ग्रहण नहीं किया जाता है. अगले दिन सुबह पूजा करने के बाद जल ग्रहण करने का विधान है.
- एक बार हरतालिका तीज व्रत करने के बाद इसे बीच में छोड़ा नहीं जाता है. हर साल इस व्रत को पूरे विधि-विधान से करना चाहिए.
- हरतालिका तीज व्रत के दिन महिलाएं रात भर जाग कर भजन किर्तन करती हैं. इस दिन रात में सोना शुभ नहीं माना जाता है.

15:00 (IST)21 Aug 2020
व्रत पूजन विधान

अवध नारायण के अनुसार व्रती महिलाओं को एक पवित्र चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती की आकृति बनाकर पूजन करें।

14:30 (IST)21 Aug 2020
पूजा सामग्री

इस व्रत की पूजा के लिए मूर्ति बनाने के लिए गीली काली मिट्टी, बेलपत्र, केले का पत्‍ता, पान, फूल, फल, बताशे, मेवा, कपूर, कुमकुम आदि की आवश्‍यकता होती है। प्रतिमा को स्‍थापित करने के लिए लकड़ी का पाटा, पीला कपड़ा, पूजा के लिए नारियल और माता के लिए चुनरी चाहिए होती है।

13:52 (IST)21 Aug 2020
बिहार और पूर्वी उत्‍तर प्रदेश में रखा जाता है व्रत

सर्वाध‍िक नियम संयम के साथ रखा जाने वाला हरतालिका तीज का व्रत कल यानी 21 अगस्‍त को है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु और अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए निर्जला व्रत करती हैं। यह व्रत मुख्‍य रूप से बिहार और पूर्वी उत्‍तर प्रदेश में रखा जाता है। व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन विशेष नियमों का पालन करन होता है।

13:21 (IST)21 Aug 2020
इन उपायों से मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी

- आज शाम को शिव-पार्वती के मंदिर में जाकर पूजा करें और शुद्ध घी के 11 दीपक जलाएं. इस उपाय से कुंवारी लड़कियों को मनचाहा जीवनसाथी मिल सकता है.
- कुंवारी ब्राह्मण कन्या को उसके पसंद के कपड़े दिलवाएं और साथ में कुछ उपहार भी दें.
- माता पा‌र्वती को हल्दी की 11 गांठ चढ़ाने से लड़की के विवाह के योग बन सकते हैं.
- भगवान शिव-पार्वती का अभिषेक दूध में केसर मिलाकर करें, इससे भी पति-पत्नी में प्रेम बना रहता है.
- इस दिन पति-पत्नी सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद किसी शिव-पार्वती मंदिर में जाएं और लाल फूल अर्पित करें.

12:58 (IST)21 Aug 2020
चंद्रमा को अर्घ्य देने की विधि

तीज पर संध्या को पूजा करने के बाद चंद्रमा को अर्ध्य दिया जाता है। फिर उन्हें भी रोली, अक्षत और मौली अर्पित करें। चांदी की अंगूठी और गेंहू के दानों को हाथ में लेकर चंद्रमा के अर्ध्य देते हुए अपने स्थान पर खड़े होकर परिक्रमा करें। 

12:21 (IST)21 Aug 2020
जानें किस नक्षत्र में पूजा करने का है विशेष महत्व

आज द्वितीया तिथि है. द्वितीया तिथि आज गुरुवार को सुबह 6 बजकर 18 मिनट से शुरू हो गया है. वहीं, रात 4 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. जिसमें महिलाएं पूरे दिन समयानुसार नहाय खाय का कार्य कर सकती हैं. भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को हस्त नक्षत्र में भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है. आज नहाय खाय के साथ कल व्रत रखा जाएगा. हरितालिका तीज व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है.

11:45 (IST)21 Aug 2020
व्रत के दिन क्या करें

हरितालिका तीज का व्रत करने वाली महिलाओं को नए कपड़े पहनने चाहिए. क्योंकि यह बेहद जरूरी है कि साफ-सुथरे और शुद्ध कपड़े पहनकर ही पूजा की जाए. तीज में सबसे ज्यादा हरे रंग की साड़ी पहनी जाती है. तीज पूजा शिव जी के लिए की जाती है और भगवान शिव को हरे रंग प्रिय है. इस दिन महिलाएं रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर सोलह श्रृंगार करती हैं. हरितालिका व्रत के दौरान 16 श्रृंगार का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन महिलाएं हाथों में मेहंदी भी लगाती हैं, जिसे सुहाग की निशानी माना जाता है.

11:05 (IST)21 Aug 2020
बिना पानी पीए किया जाता है यह व्रत

हरितालिका तीज व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है. व्रत के बाद अगले दिन जल ग्रहण करने का विधान है. वहीं, हरतालिका तीज व्रत करने पर इसे छोड़ा नहीं जाता है. प्रत्येक वर्ष इस व्रत को विधि-विधान से करना चाहिए. हरतालिका तीज व्रत के दिन रात्रि जागरण किया जाता है. रात में भजन-कीर्तन करना चाहिए. इस व्रत को कुंवारी कन्या, सौभाग्यवती स्त्रियां करती हैं.

10:30 (IST)21 Aug 2020
जानें इस व्रत का नाम कैसे पड़ा हरितालिका व्रत

पार्वती जी भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए तपस्या कर रही थी. इस दौरान पार्वती जी की सखियों ने उनकी मदद करने के लिए एक विशेष योजना बनाई. सखियां उनका अपहरण करके उन्‍हें जंगल में ले गईं ताकि उन्‍हें विष्‍णुजी से विवाह न करना पड़े. सखियों ने उनका हरण किया इसलिए इस व्रत का नाम हरतालिका तीज पड़ गया. जंगल में जाकर पार्वतीजी ने शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए उनकी तपस्‍या करना शुरू कर दिया. फिर शिवजी ने उन्‍हें दर्शन दिए और उन्‍हें पत्‍नी के रूप में स्‍वीकार किया. पार्वतीजी की इस तपस्‍या को देखकर ही महिलाओं को हरतालिका तीज का व्रत करने की प्रेरण मिली.

09:59 (IST)21 Aug 2020
क्यों रखती हैं महिलाएं हरितालिका तीज व्रत

हरितालिका तीज व्रत में विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए माता पार्वती और भगवान शिव की अराधना करती हैं जबकि कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर के लिए इस व्रत को रखती हैं.

09:27 (IST)21 Aug 2020
हरतालिका तीज की पूजन सामग्री

हरतालिका तीज की पूजा में, गीली मिट्टी या फिर रेत, लकड़ी की चाैकी, कलश केले का पत्ता, फल, नारियल, लाल व पीले रंग के फूल, बेल पत्र, धतूरा, शमी पत्र, अकांव का फूल, तुलसी की पत्ती, जनेउ, नया वस्त्र, देशी घी, तेल, दीपक, कपूर, कुमकुम, सुपारी, सिंदूर, अबीर, चन्दन आदि को शामिल किया जाता है. पंचामृत, घी, दही, शक्कर, दूध, शहद, मिठाई भी भगवान शिव और माता पार्वती को अपर्ण किया जाता है। इसके अलावा माता गौरी के लिए पूरा सुहाग का सामान जैसे बिंदी, चूड़ी, बिछिया, आलता, काजल, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, मेहंदी, लिपिस्टिक, शीशा, कंघा आदि चढ़ाया जाता है.

09:01 (IST)21 Aug 2020
अखंड सुहाग के लिए आज विवाहित महिलाएं रखेंगी निर्जला तीज व्रत

अखंड सुहाग की मनोकामना लेकर आज विवाहिच महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत रखेंगी. दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को महिलाएं माता पार्वती संग भगवान शंकर की उपासना कर तीज व्रत कथा का श्रवण करेंगी. पति की दीर्घायु होने की कामना के साथ पूरी श्रद्धाभाव से पूजा अर्चना करेंगी.

08:31 (IST)21 Aug 2020
कुंवारी कन्याएं भी रखती हैं निर्जला व्रत

इस दिन पार्वती जी ने निर्जला व्रत रखकर शिव जी को प्राप्त किया था. इसलिए इस दिन शिव पार्वती की पूजा का विशेष विधान है. जो कुंवारी कन्याएं अच्छा पति चाहती हैं या जल्दी शादी की कामना करती हैं उन्हें भी आज के दिन व्रत रखना चाहिए. इससे उनके विवाह का योग बन जाएगा.

08:01 (IST)21 Aug 2020
आज महिलाओं का करें सम्मान

आज हरतालिका तीज है. इस दिन पति को स्त्रियों का सहयोग करना चाहिए, उनका सम्मान करें और इस दिन पति अपनी पत्नी के लिए अच्छे संदेश दें. बोलते समय अपशब्दों का बिल्कुल प्रयोग न करें. पत्नी का सहयोग करें और उनकी पूजा में शामिल भी हों.

07:32 (IST)21 Aug 2020
हरतालिका तीज की पौराणिक कथा

हरतालिका का शाब्दिक अर्थ की बात करें तो यह दो शब्दों से मिलकर बना है हरत और आलिका, हरत का अर्थ होता है अपहरण और आलिका अर्थात् सहेली, इस संबंध में एक पौराणिक कथा मिलती है जिसके अनुसार पार्वती जी की सखियां उनका अपहरण करके जंगल में ले गई थी। ताकि पार्वती जी के पिता उनका विवाह इच्छा के विरुद्ध भगवान विष्णु से न कर दें। अपनी सखियों की सलाह से पार्वती जी ने घने वन में एक गुफा में भगवान शिव की अराधना की।

07:21 (IST)21 Aug 2020
हरतालिका तीज का मुहूर्त

हरतालिका पूजा मुहूर्त: 5:53 am से 8:29 am
प्रदोष काल हरतालिका पूजा मुहूर्त: 6:54 pm से 9:06 pm
तृतीया तिथि प्रारंभ - 2:13 am अगस्त 21, 2020
तृतीया तिथि समाप्त - 11.02 pm अगस्त 21, 2020

06:33 (IST)21 Aug 2020
तीज के दिन पति स्त्रियों का सहयोग करें, उनका सम्मान करें

हरियाली तीज के दिन पति अपनी पत्नी के लिए अच्छे संदेश दें। बोलते समय अपशब्दों का बिल्कुल प्रयोग न करें। स्त्रियों का सहयोग करें और उनकी पूजा में शामिल भी हों।  

05:53 (IST)21 Aug 2020
गंगा जी की मिट्टी से बनाएं प्रतिमा

हर‍ियाली तीज के द‍िन व‍िवाह‍ित स्त्रियां पूजन के लि‍ए म‍िट्टी और रेत की भगवान शंकर व मां पार्वती की मूर्त‍ि बनाती हैं और उनकी पूजा करती हैं. इसके बाद इसे नदी में व‍िसर्ज‍ित कर देती हैं। अगर गंगा जी की मिट्टी मिल जाए तो सबसे अच्छी बात होती है। अगर ऐसा संभव नहीं हो तो किसी भी नदी की मिट्टी ली जा सकती हैष

04:25 (IST)21 Aug 2020
भगवान शंकर और देवी पार्वती की कच्ची मिट्टी की प्रतिमा अर्धगोले के रूप में बनानी चाहिए

पूजा के दौरान भगवान शंकर और देवी पार्वती की कच्ची मिट्टी की प्रतिमा अर्धगोले के रूप में बनानी चाहिए। इस प्रतिमा की ही पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है।

02:49 (IST)21 Aug 2020
मां पार्वती को भगवान शिव ने उनके 108वें जन्म में स्वीकारा

हरियाली तीज के दिन शिव और पार्वती का पुर्नमिलन हुआ था. ऐसी मान्यता है कि मां पार्वती के 108वें जन्म में उन्हें भगवान शंकर पति के रूप में मिले. इसलिए 107 जन्मों तक मां पार्वती भगवान शंकर को पाने के लिए पूजा करती रहीं. यह कहा जा सकता है कि मां पार्वती को भगवान शिव ने उनके 108वें जन्म में स्वीकारा था.

01:56 (IST)21 Aug 2020
नवविवाहिता पहली तीज मायके में मनाएं

हरियाली तीज व्रत में दुल्हन की तरह सजें और हरे कपड़े और जेवर पहनें। व्रती महिलाओं को पानी नहीं पीना चाहिए। इस दिन मेहंदी लगवाना शुभ माना जाता है। नवविवाहित महिलाएं अपनी पहली हरियाली तीज पर मायके जाती हैं।

00:46 (IST)21 Aug 2020
परिवार के सुखमय जीवन की कामना का पर्व है तीज

तीज न सिर्फ सुखी दांपत्य जीवन की कामना का पर्व है, पूरे परिवार के सुखमय जीवन की कामना का भी पर्व है। दांपत्य जीवन अगर खुशहाल है तो पूरा परिवार खुशहाल होगा ही।तीज के अवसर पर कुटुंब ही नहीं मोहल्ले-टोले की महिलाएं भी एक जगह एकत्र होकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।

23:46 (IST)20 Aug 2020
करवा चौथ से कठिन है हरितालिका तीज व्रत

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और बिहार में मनाया जाने वाला यह त्योहार करवाचौथ से भी कठिन माना जाता है क्योंकि जहां करवाचौथ में चांद देखने के बाद व्रत तोड़ दिया जाता है वहीं इस व्रत में पूरे दिन निर्जल व्रत किया जाता है और अगले दिन पूजन के पश्चात ही व्रत तोड़ा जाता है। 

23:10 (IST)20 Aug 2020
पुरुष भी रखते हैं हरितालिका व्रत

कई परिवारों में पुरुष भी हरितालिका तीज का व्रत रखते हैं। शास्त्रीय विधान के मुताबिक यदि पत्नी व्रत रखने में असमर्थ है, गंभीर रूप से बीमार है या किसी अन्य वजह से वह व्रत रखने में सक्षम नहीं है तो पुरुष उसकी जगह व्रत रख सकते हैं। कई परिवारों में पुरुष ऐसा करते हैं। कई अविवाहित पुरुष भी महिलाओं की तरह अच्छी वधु का प्राप्त करने के लिए इस व्रत को रखते हैं।  

22:35 (IST)20 Aug 2020
व्रत से पहली वाली रात मीठी चीज खाने का है विधान

हरितालिका तीज से ठीक पहली वाली रात महिलाएं रात में कोई मीठी चीज खाकर सोती है। सुबह उठने के बाद वह अगले 24 घंटे तक न कुछ खाती है और न ही पीती हैं। हरितालिका व्रत निराहार और निराजल होकर किया जाता है। खास बात यह है कि व्रत वाले दिन रात में महिलाएं सोती भी नहीं हैं। विधान है कि रात में सोना नहीं चाहिए। 

21:59 (IST)20 Aug 2020
इन मंत्रोच्चारण से लाभ की है मान्यता...

देवी पार्वती का मंत्र -

ओम शिवाये नम:। ओम उमाये नम:। ओम पार्वत्यै नम:। ओम जगद्धात्रयै नम:। ओम जगत्प्रतिष्ठायै नम:। ओम शांतिरूपिण्यै नम:।

भगवान शिव के इस मंत्र का करें जाप -

ओम नम: शिवाय। ओम हराय नम:। ओम महेश्वराय नम:। ओम शम्भवे नम:। ओम शूलपाणये नम:। ओम पिनाकवृषे नम:। ओम पशुपतये नम:।

21:30 (IST)20 Aug 2020
निराहार और निर्जला व्रत...

यह व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है। इसलिए इस व्रत को सबसे कठिन व्रत में माना जाता है। इस व्रत में व्रती को शयन निषेध है। रात्रि में भजन कीर्तन के साथ रात्रि जागरण करें। इस व्रत में सायं के पश्चात चार प्रहर की पूजा करते हुए रातभर भजन-कीर्तन, जागरण किया जाता है। दूसरे दिन सुबह सूर्योदय के समय व्रत संपन्न होता है।

21:01 (IST)20 Aug 2020
पति की लंबी आयु के लिए व्रत...

भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित यह व्रत भगवान शिव को अमरता प्रदान कराने वाले व्रत के रूप में माना जाता है। मान्यता है कि माता पार्वती ने सर्वप्रथम यह व्रत रखा था और भगवान शिव को प्राप्त किया था। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

20:29 (IST)20 Aug 2020
घर में ही बनाएं प्रतिमा

घर में ही मिट्टी या बालू की भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाकर उनकी पूजा की जाती है। इसके साथ ही सोलह शृंगार की सामग्री मां पार्वती को अर्पण कर अखंड सुहाग की कामना की जाती है।