Hariyali Teej 2022: पति की लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाएं कई तरह के व्रत रखती हैं। इन्हीं में से एक है हरियाली तीज व्रत। प्रत्येक वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल हरियाली तीज 31 जुलाई को धूमधाम से मनाई जाएगी।
हरियाली तीज का व्रत करवा चौथ के व्रत की जैसा ही होता है। यह व्रत भी निर्जला होता है और इस व्रत में शाम को पूजा करने के बाद ही पानी पिया जाता है। हरतालिका तीज व्रत की विधि क्या है और इस व्रत में हरे रंग का क्या महत्व है? इसके बारे में दिल्ली के न्यूमेरोलॉजिस्ट सिद्धार्थ एस कुमार से जनसत्ता डॉट कॉम से खास बातचीत में विस्तार से बताया है। आइए जानते हैं –
हरियाली तीज व्रत विधि
- इस दिन प्रातः काल जागकर स्नान आदि करके पूजा करें और व्रत रखें।
- हरियाली या हरियाली तीज व्रत निर्जला होता है, इसलिए इस व्रत के दौरान पानी नहीं पीना चाहिए।
- शाम के समय सोलह सिंगार करके भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा करें।
- साथ ही व्रत के दौरान रात में जागकर शिव-पार्वती की पूजा-आराधना करनी चाहिए।
हरियाली तीज में हरे रंग का महत्व
सावन माह में हरे रंग का विशेष महत्व होता है, क्योंकि यह रंग प्राकृतिक का रंग होता है। साथ ही हरा रंग मन को भी शांति देता है। वहीं हिंदू धर्म में हरा रंग अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। यही वजह है कि हरियाली तीज में इस रंग को पहनना शुभ माना गया है।
शिव परिवार को प्रिय है हरा रंग
शास्त्रों के अनुसार देखें तो हरा रंग शिव जी के पूरे परिवार को प्रिय है। हरा रंग माता पार्वती का रंग है और भगवान शिव को भी यह रंग अति प्रिय है। इसके अलावा गणेश जी भी यह रंग बेहद प्रिय है, इसलिए गणेश जी को हरी दूर्वा अर्पित की जाती है।
वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हरे रंग को बुध का रंग माना जाता है और हरियाली तीज में हरे रंग के कपड़े पहनने से बुध को मजबूती मिलती है। साथ ही हरे रंग की कांच की चूड़ियां पहनने से पति की आयु लंबी होती है, इसलिए हरियाली तीज की पूजा करते वक्त हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां जरूर पहनें।