हरियाली तीज हर साल सावन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। जो इस बार 23 जुलाई को है। इस दिन सुहागिन महिलाएं श्रृंगार कर माता पार्वती और शिव भगवान की पूजा करती हैं। अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए ये व्रत रखा जाता है। कई जगह महिलाएं इस दिन एक जगह एकत्र होकर मेहंदी लगाती हैं, लोक गीत गाती हैं और झूला भी झूलती हैं। शाम के समय महिलाएं 16 श्रृंगार करके पूजा कर व्रत कथा सुनती हैं।

कैसे मनाया जाता है ये त्योहार? हरियाली तीज के दिन महिलाएं हरे रंग का प्रयोग प्रमुखता से करती हैं। इस दिन मायके से बेटी के लिए साड़ी, श्रृंगार सामग्री, फल इत्यादि आते हैं। यह व्रत निर्जला रखा जाता है। शाम के समय महिलाएं श्रृंगार कर व्रत कथा सुनती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस व्रत में सोना नहीं चाहिए। माता पार्वती के गाने और कहानियां सुननी चाहिए। हरियाली तीज भगवान शिव और मां पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाई जाती है। अच्छे वर की मनोकामना के लिए इस दिन कुंवारी कन्याएं भी व्रत रखती हैं।

हरियाली तीज मुहूर्त: तृतीया तिथि की शुरुआत 22 जुलाई को शाम 07:21 बजे से हो जाएगी और इसकी समाप्ति 23 जुलाई को 05:02 बजे पर होगी। हरियाली तीज का पर्व 23 जुलाई को है इसलिए इस दिन सुबह और शाम में किसी भी समय पूजा की जा सकती है।

हरियाली तीज कथा: भगवान शिव ने पार्वतीजी को पूर्वजन्म का स्मरण कराने के लिए सुनाई थी ये कथा

हरियाली तीज पूजा मंत्र:
देहि सौभाग्य आरोग्यं देहि मे परमं सुखम्।
पुत्रान देहि सौभाग्यम देहि सर्व।
कामांश्च देहि मे।।
रुपम देहि जयम देहि यशो देहि द्विषो जहि।।

हरियाली तीज पूजा विधि: हरियाली तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान के समक्ष पूजा का संकल्प लें। मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश और माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं और इसे चौकी पर स्थापित करें। मिट्टी की प्रतिमा बनाने के बाद देवताओं का आह्वान करते हुए षोडशोपचार पूजन करें।

Mata Parvati Aarti: जय पार्वती माता जय पार्वती माता…हरियाली तीज पूजा इस आरती के साथ करें संपन्न

हरियाली तीज व्रत का पूजन रातभर चलता है। इस दौरान महिलाएं जागरण और कीर्तन भी करती हैं। फिर थाली में सुहाग की सामग्रियों को सजा कर माता पार्वती को अर्पित करें। ऐसा करने के बाद भगवान शिव को वस्त्र चढ़ाएं। अंत में हरियाली तीज की कथा सुनकर आरती उतारकर पूजा संपन्न करें।

Live Blog

18:10 (IST)23 Jul 2020
Hariyali Teej 2020 Puja: मायके से आते हैं फल-मिठाई...

हरियाली तीज का नियम है कि क्रोध को मन में न आने दें। इस दिन विवाहित महिलाओं को मायके से आए वस्त्र ही धारण करने चाहिए, साथ ही शृंगार में भी वहीं से आई वस्तुओं का प्रयोग करें। माना जाता है कि जो कुंवारी कन्याएं इस व्रत को रखती हैं उनके विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। इस दिन पति या होने वाले पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखते हैं। व्रत के दौरान पूरे 16 शृंगार करके भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें। हाथों में नई चूड़ियां, मेहंदी और पैरों में अल्ता लगाएं।

17:30 (IST)23 Jul 2020
हरियाली तीज की पूजा विधि

आज के दिन सुहागन महिलाएं व्रत रखती है और माता पार्वती तथा भगवान शिव की पूजा करती हैं। आज के दिन सुहागिन महिलाएं स्नान आदि से निवृत होकर मायके से आए हुए कपड़े पहनती हैं। पूजा के शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर माता पार्वती, भगवान शिव तथा गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। फिर पार्वती जी को 16 श्रृंगार की सामग्री, साड़ी, अक्षत्, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें। फिर शिव जी को भांग, धतूरा, अक्षत्, बेल पत्र, श्वेत फूल, गंध, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं। अंत में गणेश जी की पूजा करें। इसके बाद हरियाली तीज की कथा सुनें। फिर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।

17:04 (IST)23 Jul 2020
नवविवाहिताओं के लिए खास है यह पर्व

हरियाली तीज से एक दिन पहले यानी द्वितीया को श्रृंगार दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे सिंजारा भी कहते हैं और इसी दिन हाथों में मेंहदी लगाई जाती है। तृतीया के दिन यानी तीज के दिन महिलाओं के मायके से श्रृंगार का सामान और मिठाइयां उनके ससुराल को भेजा जाता है। नवविवाहिताओं के लिए यह पर्व विशेष महत्व रखता है।

16:32 (IST)23 Jul 2020
Hariyali Teej 2020 Puja: हरियाली तीज का पौराणिक महत्व

उत्तर भारतीय राज्यों में तीज का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. शिव पुराण के अनुसार इसी दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था. इस कड़ी तपस्या और 108वें जन्म के बाद माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया. मान्यता है कि श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को ही भगवान शंकर ने माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. तभी से भगवान शिव और माता पार्वती ने इस दिन को सुहागन स्त्रियों के लिए सौभाग्य का दिन होने का वरदान दिया.

16:03 (IST)23 Jul 2020
Hariyali Teej 2020 Puja: हरे रंग का महत्व

हरियाली तीज के दिन महिलाएं सुबह घर का काम करने के बाद श्रृंगार करती हैं और निर्जला व्रत रखती हैं। विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करके हरियाली तीज की कथा सुनती हैं। सावन मास में चारों तरफ हरियाली होने के कारण हरे रंग का इस पर्व में विशेष महत्व है। सावन के दौरान सृष्टि में परिवर्तन की प्रक्रिया होती है. इसके अलावा शिव और पार्वती माता प्रकृति के बेहद करीब रहते हैं और उन्हें पृथ्वी का हरा रंग बहुत पसंद है। 

15:07 (IST)23 Jul 2020
Hariyali Teej Ki Katha: भगवान शिव ने पार्वती जी को पूर्वजन्म का याद दिलाने के लिए सुनाई थी ये कथा

Hariyali Teej Vrat Katha: हरियाली तीज की कथा अनुसार भगवान शिव ने पार्वती जी से कहा कि इस व्रत को जो भी स्त्री पूर्ण श्रद्धा से करेंगी उसे तुम्हारी तरह अचल सुहाग प्राप्त होगा। पढ़िए हरियाली तीज की पावन कथा

14:31 (IST)23 Jul 2020
Hariyali Teej 2020: हरियाली तीज को लेकर ये हैं मान्यताएं...

हर‍ियाली तीज की पूजा की व‍िध‍ि कुछ जगहों पर अलग है। कई जगहों पर महिलाएं माता पार्वती की पूजा करने के पश्चात लाल मिट्टी से नहाती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से महिलाएं पूरी तरह से शुद्ध हो जाती हैं। कुछ जगहों पर इस दिन मेले लगते हैं और मां पार्वती की सवारी बड़े धूमधाम से निकाली जाती है। सुहागिनें शाम के समय माता पार्वती से अपने सुहाग के दीर्घायु होने की कामना करती हैं।

14:07 (IST)23 Jul 2020
पार्वती जी के श्रृंगार के लिए जरूरी सामग्री...

चूडियां, महौर, खोल, सिंदूर, बिछुआ, मेहंदी, सुहाग चूड़ा, कुमकुम, कंघी, सुहागिन के श्रृंगार की चीजें. इसके अलावा श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, तेल और घी, कपूर, दही, चीनी, शहद, दूध और पंचामृत आदि.

13:31 (IST)23 Jul 2020
इस दिन निम्न मंत्र का जाप करना अति फलदायक होता है...

गण गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया। मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।।

13:04 (IST)23 Jul 2020
हरियाली तीज पर शुभ संयोग?

सुहागिन महिलाओं और मनचाहे वर की इच्छा रखने वाली कन्याओं के लिए यह व्रत बहुत फलदायी होता है. हरियाली तीज पर इस बार खास संयोग भी बन रहा है. यह त्योहार गुरुवार को पड़ रहा है और गुरु अपनी ही धनु राशि में है, जो पति का कारक भी होता है. दूसरा, केतु अपने माघ नक्षत्र के साथ गुरु के साथ बैठा हुआ है. ग्रह नक्षत्रों का योग कई राशि वालों की किस्मत चमका सकता है.

12:24 (IST)23 Jul 2020
तीज पूजा में 16 श्रृंगार का महत्व (Teej Vrat Significance):

तीज व्रत महिलाएं सदा सुहागन रहने की कामना से करती हैं। अखंड सौभाग्य के लिए किए जाने वाले इस व्रत में महिलाएं मां पार्वती को सुहाग की सामग्री अर्पित करती हैं। इसमें 16 श्रृंगार की वस्तुएं माता रानी को चढ़ाया जाता है। इसमें चूड़ी, सिंदूर, कंगन, मेंहदी, साड़ी, चुनरी आदि शामिल होता है। व्रत रखने वाली महिलाएं माता पार्वती को विधिपूर्वक ये वस्तुएं अर्पित करती हैं और उनसे अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगती हैं। हरियाली तीज की पूजा में पार्वती जी के साथ भगवान शिव शंकर की भी पूजा की जाती है।

12:05 (IST)23 Jul 2020
हरियाली तीज की पूजा की विधि (Hariyali Teej Puja Vidhi):

कई जगह हरियाली तीज के दिन सुहागिन स्त्रियां स्नान आदि से निवृत होकर मायके से आए हुए कपड़े पहनती हैं। आज के दिन सबसे पहले पूजा के शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर माता पार्वती के साथ भगवान शिव और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद मां पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री चढ़ाई जाती है। अब शिव जी को भांग, धतूरा, अक्षत्, बेल पत्र, श्वेत फूल, गंध, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं। इसके बाद अब गणेश जी की पूजा करते हुए हरियाली तीज की कथा सुनें। फिर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।

11:15 (IST)23 Jul 2020
हरियाली तीज व्रत से भगवान शिव और माता पार्वती का मिलता है आशीर्वाद...

हरियाली तीज को छोटी तीज और श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है. सुहागिन स्त्रियों के लिए हरियाली तीज बेहद महत्वपूर्ण होती है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक यह त्योहार पति के प्रति पत्नी के समर्पण का प्रतीक है. माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. माना जाता है कि भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने 108 सालों तक कड़ी तपस्या की थी. इसके बाद भगवान शिव ने उनके तप से प्रसन्न होकर उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. ''पार्वती मां'' को तीज माता भी कहा जाता है.

10:55 (IST)23 Jul 2020
हरियाली तीज पर ये रेसिपी कर सकते हैं तैयार- बेडमी पूड़ी और आलू की सब्जी...

पूड़ी-सब्जी का कॉम्बीनेशन इंडिया में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली डिशेज में से एक है। बेड़मी पूड़ी में आटे के अलावा सूज़ी भी शामिल होता है जिसकी वजह से वो क्रिस्पी होता है। इसमें उड़द दाल की स्टफिंग होती है। जिसे आलू-टमाटर की ग्रेवी वाली सब्जी के साथ सर्व किया जाता है।

10:35 (IST)23 Jul 2020
क्या होती है हरियाली तीज? (Hariyali Teej 2020)

हरियाली तीज सावन मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनायी जाती है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रख भगवान शिव और देवी गौरी की पूजा करती हैं. यह निर्जला व्रत रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन शिवजी ने देवी पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इसी कारण हरियाली तीज का व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए अखंड सौभाग्य का वरदान देने वाला माना गया है. हरियाली तीज आज 23 जुलाई को है.

09:53 (IST)23 Jul 2020
Hariyali teej पर मायके से आते हैं फल-मिठाई...

इस दिन महिलाएं दिनभर का उपवास रखती हैं और पति सहित समस्त घर के लिए सुख, समृद्धि की कामना करती हैं. महिला ससुराल में है तो मायके से उनके लिए कपड़े, गहने, शृंगार का सामान, मेहंदी, मिठाई और फल आदि भेजे जाते हैं. सावन के महीने में इस दिन झूला झूलने का भी विशेष महत्व है

09:25 (IST)23 Jul 2020
हरियाली तीज पूजन सामग्री...

हरियाली तीज की पूजा में काले रंग की गीली मिट्टी, पीले रंग का कपड़ा, बेल पत्र , केले के पत्ते, धतूरा, आंकड़े के पत्ते, तुलसी, शमी के पत्ते, जनेऊ,धागा और नया कपड़ा रखें. वहीं, पार्वती शृंगार के लिए चूडियां, महौर, खोल, सिंदूर, बिंदी, बिछुआ, मेहंदी, आल्ता, सुहाग पूड़ा, कुमकुम, कंघी, सुहागिन के श्रृंगार की चीजें होनी चाहिए. इसके अलावा श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, तेल और घी, कपूर, दही, चीनी, शहद ,दूध और पंचामृत आदि एक थाली में सजा लें

09:07 (IST)23 Jul 2020
माता पार्वती जी की आरती (Mata parvati Ki Aarti):

जय पार्वती माता जय पार्वती माता
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता

जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सृष्ट‍ि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता

नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
देवन अरज करत हम चित को लाता
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता

सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।
 

08:49 (IST)23 Jul 2020
एक साल में होती है तीन तीज...

तीज तीन प्रकार की होती हैं एक है हरियाली तीज, दूसरी हरतालिका तीज और तीसरी कजरी तीज। आज हरियाली तीज है। मान्यता है कि इस दिन माता पार्वती और शिव भगवान का एक बार फिर से मिलन हुआ था।

08:08 (IST)23 Jul 2020
हरियाली तीज की परंपरा (Hariyali Teej 2020):

इस दिन हरे वस्त्र, हरी चुनरी, हरा लहरिया, हरी चूड़ीयां, सोलह श्रृंगार, मेहंदी, झूला-झूलने की परंपरा भी है। इस दिन लड़कियों के मायके से श्रृंगार का सामान और मिठाइयां आती हैं। नवविवाहिताओं के लिए बहुत खास होता है। लोग गीत गाए जाते हैं।
 

07:56 (IST)23 Jul 2020
हरियाली तीज से जुड़ी परंपराएं...

सावन लगते ही विवाहित महिलाएं पीहर बुला ली जाती हैं। हरियाली तीज से एक दिन पहले द्वितीया का श्रृंगार दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे सिंजारा कहते हैं। बहू बेटियों को 9-9 प्रकार के मिष्ठान व पकवान बनाकर खिलाए जाते हैं। सिंघारा वाले दिन किशोरी एवं नव विवाहिता वधुएं इस पर्व को मनाने के लिए अपने हाथों और पावों में कलात्मक ढंग से मेहंदी लगाती हैं। तीज वाले दिन महिलाएं लहरिया की साड़ी और आभूषणों से तैयार होकर अपनी सखी-सहेलियों के साथ शाम के समय सरोवर के समीप या किसी उद्यान में झूला झूलते हुए हरियाली तीज के गीत गाती हैं।

07:37 (IST)23 Jul 2020
Hariyali Teej Katha (हरियाली तीज कथा):

Hariyali Teej Katha: भगवान शिव ने पार्वतीजी को उनके पूर्व जन्म के बारे में याद दिलाने के लिए यह सुनाई थी। शिवजी कहते हैं- हे पार्वती! बहुत समय पहले तुमने हिमालय पर मुझे वर के रूप में पाने के लिए घोर तप किया था। इस दौरान तुमने अन्न-जल त्याग कर सूखे पत्ते चबाकर दिन व्यतीत किए थे। किसी भी मौसम की परवाह किए बिना तुमने निरंतर तप किया। तुम्हारी इस स्थिति को देखकर तुम्हारे पिता बहुत दुखी थे। ऐसी स्थिति में नारदजी तुम्हारे घर पधारे। पूरी कथा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

07:19 (IST)23 Jul 2020
हरियाली तीज मुहूर्त (Hariyali Teej Shubh Muhurat):

तृतीया तिथि की शुरुआत 22 जुलाई को शाम 07:21 बजे से हो जाएगी और इसकी समाप्ति 23 जुलाई को 05:02 बजे पर होगी। हरियाली तीज का पर्व 23 जुलाई को है इसलिए इस दिन सुबह और शाम में किसी भी समय पूजा की जा सकती है।