-महागुरू गौरव मित्तल
भारत सहित पूरे विश्व में बसे हिंदू संप्रदाय के लोग 14 अगस्त को अष्टमी तिथि के दिन जन्माष्टमी मना रहे हैं। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की भक्ति की जाती है। जन्माष्टमी पर भक्तों को दिन भर उपवास रखना चाहिए और रात्रि के स्नान आदि से पवित्र हो कर घर के एकांत पवित्र कमरे में, पूर्व दिशा की ओर आम लकड़ी के सिंहासन पर, लाल वस्त्र बिछाकर, उस पर राधा-कृष्ण की तस्वीर स्थापित करना चाहिए, इसके बाद शास्त्रानुसार उन्हें विधि पूर्वक नंदलाल की पूजा करना चाहिए। इस दिन जो श्रद्धा पूर्वक जन्माष्टमी के महात्म्य को पढ़ता और सुनता है, इस लोक में सारे सुखों को भोगकर वैकुण्ठ धाम को जाता है। अगर आपको विवाह, संतान प्राप्ति में परेशानी हो रही है तो नीचे दिए गए उपाय अपनाकर आप इनसे छुटकारा पा सकते हैं।
-यदि आप संतान की इच्छा रखते हैं तो जन्माष्टमी पर ‘देवकीसुतं गोविन्दम् वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत:’ मंत्र का विधि-विधान पूर्वक जाप करें। इस उपाय से संतान प्राप्ति के योग बन सकते हैं। जन्माष्टमी को सुबह या शाम के समय कुश के आसन पर बैठकर इस मंत्र का जाप करें। सामने बालगोपाल की मूर्ति या चित्र अवश्य रखें और मन में बालगोपाल का स्मरण करें। कम से कम 1 तुलसी की माला जाप अवश्य करें। जाप के बाद माखन-मिश्री का भोग लगाएं और स्वस्थ व सुंदर संतान के लिए भगवान से प्रार्थना करें। या विद्वान ब्राह्मणों से सवा लाख जप करवाने चाहिए।
-जिन लड़कों का विवाह नहीं हो रहा हो या प्रेम विवाह में विलंब हो रहा हो, उन्हें शीघ्र मनपसंद विवाह के लिए श्रीकृष्ण के क्लीं मंत्र ‘कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा’ का 108 बार जप करना चाहिए।
-संपत्ति प्राप्ति के लिए ‘यत्र योगेश्वर: श्रीकृष्ण: यत्र पार्थो धनुर्धर:। तत्र श्रीर्विजयो भूतिध्रुवा नीतिर्मतिर्मम।’ का जाम करना चाहिए।
-जिन कन्याओं का विवाह नहीं हो रहा हो या विवाह में विलंब हो रहा हो, उन कन्याओं को श्रीकृष्ण जैसे सुंदर पति की प्राप्ति के लिए माता कात्यायनी के इस मंत्र का जप वैसे ही करना चाहिए। कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि। नन्दगोपसुतं देवि पतिं मे कुरू ते नम:।
-जन्माष्टमी पर किसी कृष्ण मंदिर जाकर तुलसी की माला से ‘क्लीं कृष्णाय वासुदेवाय हरि: परमात्मने प्रणत:क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम’ मंत्र की 11 माला जाप करें। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण को पीले कपड़े व तुलसी के पत्ते अर्पित करें। इस उपाय से आपकी हर समस्या का समाधान हो सकता है।
-भगवान श्रीकृष्ण को पीतांबर धारी भी कहते हैं, जिसका अर्थ है पीले रंग के कपड़े पहनने वाला। जन्माष्टमी पर पीले रंग के कपड़े, पीले फल व पीला अनाज दान करने से भगवान श्रीकृष्ण व माता लक्ष्मी दोनों प्रसन्न होते हैं।
