Happy Krishna Janmashtami 2018 Wishes Images HD, Quotes, GIF Pics, Messages, SMS, Wallpaper, Status, Shayari in Hindi, Photos, Pictures: सावन का पवित्र महीना खत्म होने के बाद भादो मास का प्रारंभ होता है। हिंदू मान्यता के अनुसार इसी माह की अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि में भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार धरती पर मथुरा के राजा कंस का अत्याचार बढ़ने की वजह से भगवान विष्णु ने देवकी की कोख से जन्म लिया। जब कृष्ण का जन्म हुआ तब उनके माता-पिता कंस की जेल में बंदी थे। कहा जाता है कि जब कृष्ण पैदा हुए तब उनके पिता वसुदेव की बेड़ियां खुल गईं और जेल के पहरेदार सो गए। फिर एक आकाशवाणी के मुताबिक वसुदेव शिशु कृष्ण को एक टोकरी में लेकर गोकुल की ओर चल पड़े।
यमुना पार कर वसुदेव गोकुल में नंद से मिले और उन्हें कृष्ण को सौंप दिया। कृष्ण का लालन-पालन वहीं पर नंद और यशोदा के सान्निध्य में हुआ। बचपन से ही कृष्ण ने अपनी लीलाएं दिखानी शुरू कर दीं। उन्होंने बालपन में ही कई राक्षसों का वध कर दिया। बाद में रिश्ते में मामा लगने वाले कंस का वध कर उन्होंने मथुरा को कंस के पापों से मुक्ति दिला दी। कालांतर में कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हिंदू संप्रदाय में कृष्ण के जन्म को उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु व्रत-उपवास भी रखते हैं। मध्यरात्रि में कृष्ण की पूजा की जाती है। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 3 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन लोग अपने परिचितों, करीबियों, दोस्तों तथा रिश्तेदारों को कृष्ण जन्मदिवस की बधाइयां भी देते हैं। आज हम आपके लिए ऐसे ही कुछ बधाई संदेश लेकर आए हैं। आप इन्हें अपने शुभेच्छुओं को भेजकर जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दे सकते हैं।
चंदन की ख़ुशबू, रेशम का हार,
सावन की सुगंध और बारिश की फुहार,
राधा की उम्मीद और कन्हैया का प्यार,
मुबारक हो आपको जन्माष्टमी का त्यौहार।
शुभ जन्माष्टमी!
चन्दन की खुशबू को रेशम का हार
सावन की सुगंध और बारिश की फुहार
राधा की उम्मीद को कन्हैया का प्यार
मुबारक हो आपको
हैप्पी जन्माष्टमी
हो काल-गति से परे चिरंतन अभी वहाँ थे, अभी यहाँ हो,
कभी धरा पर, कभी गगन में, कभी कहाँ थे, कभी कहाँ हो,
तुम्हारी राधा को भान हैं तुम सकल चराचर में हो समायें,
बस एक मेरा हैं भाग्य मोहन कि जिसमें हो कर भी तुम नही हो।
शुभ जन्माष्टमी!
छोड़ा सबका दामन हठयोग में तुम्हारे,
मेरी साँसे उखड़ रही वियोग में तुम्हारे,
लौट आओ मोहन किस बात पे अड़े हो,
मूर्ति बनकर बस मंदिर में क्यों खड़े हो।
शुभ जन्माष्टमी!
गीता सार: सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और। प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर, और सोना सभी समान हैं। निर्माण केवल पहले से मौजूद चीजों का प्रक्षेपण है। व्यक्ति जो चाहे बन सकता है यदी वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे। उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है, ना कभी था ना कभी होगा। जो वास्तविक है, वो हमेशा था और उसे कभी नष्ट नहीं किया जा सकता। ज्ञानी व्यक्ति को कर्म के प्रतिफल की अपेक्षा कर रहे अज्ञानी व्यक्ति के दीमाग को अस्थिर नहीं करना चाहिए। हर व्यक्ति का विश्वास उसकी प्रकृति के अनुसार होता है।
गोकुल में जिसने किया निवास,
जिसने गोपियों के संग रचाया रास ,
देवकी-यशोदा जिनकी मैया ,
ऐसे है हमारे कृष्ण कन्हैया!
शुभ जन्माष्टमी!
श्री कृष्ण जन्माष्टमी मंगलमय हो,
ओम नमो भगवते वासुदेवाय,
जय हो श्री राधे जय हो श्री कृष्ण,
हैप्पी जन्माष्टमी
न द्वारका में मिले विराजे, बिरज की गलियों में भी नहीं हो,
न योगियों के हो ध्यान में तुम, अहं जड़े ज्ञान में नहीं हो,
तुम्हें ये जग ढूंढता है मोहन, मगर इसे ये ख़बर नही हैं,
बस एक मेरा है भाग्य मोहन, अगर कहीं हो तो तुम यहीं हो।
शुभ जन्माष्टमी!