बजरंगबली की अराधना का सबसे खास दिन होता है हनुमान जयंती। ये पर्व इस बार 08 अप्रैल को मनाया जा रहा है। पवनपुत्र हनुमान ने त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम की भक्ति और सेवा करने के लिए जन्म लिया। कहा जाता है कि हनुमान जयंती के दिन इनकी पूजा करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। हनुमान जी को बजरंगबली, केसरीनंदन और आंजनाय के नाम से भी पुकारा जाता है। जानिए हनुमान जी की पूजा विधि, मंत्र, आरती और सबकुछ…

हनुमान जयंती पूजा मुहूर्त: हनुमान जयंती चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 07 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 01 से होगा जिसकी समाप्ति 08 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 04 मिनट पर होगी। पूर्णिमा का सूर्योदय व्यापनी मुहूर्त 08 अप्रैल को ही प्राप्त हो रहा है, इसलिए 08 अप्रैल को सुबह 08 बजे से पूर्व हनुमान जयंती की पूजा कर लें। सुबह 08:04 बजे के बाद से वैशाख मास शुरू हो जायेगा। 08 अप्रैल को सुबह सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा।

महाबली हनुमान के संकटहारी मंत्र:
पहला मंत्र- ॐ तेजसे नम:
दूसरा मंत्र- ॐ प्रसन्नात्मने नम:
तीसरा मंत्र- ॐ शूराय नम:
चौथा मंत्र- ॐ शान्ताय नम:
पांचवां मंत्र- ॐ मारुतात्मजाय नमः
छठा मंत्र- ऊं हं हनुमते नम:

हनुमान स्तुति मंत्र (Hanuman Stuti Mantra):
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् |
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ||

सर्व मनोरथ सिद्धि मंत्र:
अंजनी के नन्द दुखः दण्ड को दूर करो सुमित को टेर पूजूं
तेरे भुज दण्ड प्रचंड त्रिलोक में रखियो लाज मरियाद मेरी
श्री रामचन्द्र वीर हनुमान शरण में तेरी |

हनुमान जयंती पूजन सामग्री (Pujan Samagri):

लाल कपडा/लंगोट
जल कलश
पंचामृत
कंकु
जनेऊ
गंगाजल
सिन्दूर
चांदी/सोने का वर्क
लाल फूल और माला
इत्र
भुने चंने
गुड़
बनारसी पान का बीड़ा
नारियल
केले
सरसो का तेल
चमेली का तेल
घी
तुलसी पत्र
दीपक
धूप , अगरबत्ती
कपूर

हनुमान जी की पूजा विधि:
– हनुमान जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
– अब घर के मंदिर या किसी भी पवित्र स्थान पर बजरंग बली का चित्र स्थापित करें।
– देसी घी का दीपक जलाएं। अब हनुमान जी का अभिषेक करके उनपर तिल के तेल में मिला कर चढ़ाएं।
– बजरंगबली का प्रसाद शुद्ध घी से तैयार करें या फिर उन्हें फल चढ़ाएं।
– बजरंगबली हनुमान को कमल, गेंदे, सूरजमुखी के फूल अर्पित करने चाहिए।
– हनुमान चालीसा का पाठ करें। धूप, दीप, नवैद्य से उनका पूजन करना चाहिए।

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15:51 (IST)08 Apr 2020
कोरोना वायरस के बीच हनुमान जयंती

लॉक डाउन के चलते जहां एक ओर सभी मंदिरों के कपाट बंद हैं। वहीं लोग हर त्यौहार व पर्व घरों में मना रहे हैं। हनुमान जयंती पर भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। बुधवार को हनुमान जयंती पर बाजार में कोई चहल-पहल नहीं दिखी। लोगों ने भी हनुमान जयंती पर पूजा अर्चना के लिए बाजार आकर केवल जरूरी प्रसाद व सामान खरीदा। साथ ही घर पर परिजनों के साथ सुंदरकांड, बजरंग बाण, हनुमान चालीसा का पाठ किया।

15:34 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जयंती पूजा और व्रत का महत्व

हनुमान जयंती पर व्रत और पूजा करने से हर तरह के दोष और दुख खत्म होने लगते हैं।  कलियुग में हनुमानजी की पूजा प्रत्यक्ष देवता के रूप में की जाती है। इनकी पूजा और व्रत से शारीरिक और मानसिक परेशानियां ही नहीं आर्थिक परेशानी भी दूर हो सकती है। हनुमान जी की पूजा से कानूनी मामलों में जीत मिलती है। लिया हुआ कर्ज भी उतर जाता है।

15:10 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जी के प्रमुख मंत्र

ॐ तेजसे नम: पहला मंत्र

- ॐ प्रसन्नात्मने नम: दूसरा मंत्र

- ॐ शूराय नम: तीसरा मंत्र

- ॐ शान्ताय नम: चौथा मंत्र

- ॐ मारुतात्मजाय नमः पांचवां मंत्र

14:46 (IST)08 Apr 2020
कैसे मनाई जाती है हनुमान जयंती?

भक्‍तों के लिए हनुमान जयंती का खास महत्‍व है. संकटमोचन हनुमान को प्रसन्‍न करने के लिए भक्‍त पूरे दिन व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. मान्‍यता है कि इस दिन पांच या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पवन पुत्र हनुमान प्रसन्‍न होकर भक्‍तों पर कृपा बरसाते हैं. इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ का आयोजन होता है. घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन होते हैं. हनुमान जी को प्रसन्‍न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है और सुंदर कांड का पाठ करने का भी प्रावधान है. शाम की आरती के बाद भक्‍तों में प्रसाद वितरित करते हुए सभी के लिए मंगल कामना की जाती है. श्री हनुमान जयंती में कई जगहों पर मेला भी लगता है.

13:48 (IST)08 Apr 2020
Hanuman Jayanti: हनुमान जी के प्रिय भोग...

हनुमान जी को मीठा बहुत पसंद है, इसलिए उन्हें चूरमा, गुड़ चने, इमरती, केले, पंच मेवा का भोग भी गलाया जाता हैं। इसके अलावा बूंदी भी हनुमान जी को प्रिय हैं।

13:12 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जी के मंत्र...

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्‌ । 

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।

13:10 (IST)08 Apr 2020
हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa):

दोहा :
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

पूरी हनुमान चालीसा यहां पढ़ें

12:23 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti):

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥

अंजनिपुत्र महा बलदायी, संतन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाये, लंका जारि सिया सुधि लाये॥

लंका-सो कोट समुद्र-सी खाई, जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे, सियारामजी के काज संवारे॥

लक्ष्मण मूर्छित परे सकारे, आनि संजीवन प्रान उबारे॥
पैठि पताल तोरि जम-कारे, अहिरावन की भुजा उखारे॥

बाएं भुजा असुरदल मारे, दहिने भुजा सन्तजन तारे॥
सुर नर मुनि आरती उतारे, जय जय जय हनुमान उचारे॥

कंचन थार कपूर लौ छाई, आरति करत अंजना माई॥
जो हनुमानजी की आरति गावै, बसि बैकुण्ठ परम पद पावै॥

11:56 (IST)08 Apr 2020
Hanuman Jayanti पर बड़ के पेड़ का उपाय...

बरगद के पेड़ का एक पत्ता तोड़ें और इसे साफ स्वच्छ पानी से धो लें। अब इस पत्ते को कुछ देर हनुमानजी की प्रतिमा के सामने रखें और इसके बाद इस पर केसर से श्रीराम लिखें। अब इस पत्ते को अपने पर्स में रख लें। साल भर आपका पर्स पैसों से भरा रहेगा।

11:26 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जी के मंत्र:

- ॐ तेजसे नम: पहला मंत्र
- ॐ प्रसन्नात्मने नम: दूसरा मंत्र
- ॐ शूराय नम: तीसरा मंत्र
- ॐ शान्ताय नम: चौथा मंत्र
- ॐ मारुतात्मजाय नमः पांचवां मंत्र

10:59 (IST)08 Apr 2020
Hanuman Jayanti 2020: हनुमान जी को कैसे चढ़ाएं चोला...

हनुमानजी को चोला चढ़ाने से पहले स्वयं स्नान कर शुद्ध हो जाएं और साफ वस्त्र धारण करें। सिर्फ लाल रंग की धोती पहने तो और भी अच्छा रहेगा। चोला चढ़ाने के लिए चमेली के तेल का उपयोग करें। साथ ही, चोला चढ़ाते समय एक दीपक हनुमानजी के सामने जलाकर रख दें। दीपक में भी चमेली के तेल का ही उपयोग करें।

10:26 (IST)08 Apr 2020
सर्व मनोरथ सिद्धि मंत्र /Hanuman Mantra :-

अंजनी के नन्द दुखः दण्ड को दूर करो सुमित को टेर पूजूं
तेरे भुज दण्ड प्रचंड त्रिलोक में रखियो लाज मरियाद मेरी
श्री रामचन्द्र वीर हनुमान शरण में तेरी |

09:58 (IST)08 Apr 2020
आर्थिक लाभ और कर्ज मुक्ति का उपाय (Hanuman Jayanti 2020):

- हनुमान जी के सामने चमेली के तेल का दीपक जलाएं.

- हनुमान जी को गुड़ का भोग लगाएं.

- इसके बाद हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें.

- संभव हो तो इस दिन मीठी चीज़ों का दान भी करें.

09:31 (IST)08 Apr 2020
Hanuman Jayanti 2020: हनुमान चालीसा की यह निम्न 5 चौपाइयां ही अगर सही से निरंतर जाप की जाए, तो सभी दुखों से इंसान को मुक्त कर सकती हैं।

1. भूत-पिशाच निकट नहीं आवे।
महाबीर जब नाम सुनावे।।

यदि व्यक्ति को किसी भी प्रकार का भय सताता है तो नित्य रोज प्रातः और सायंकाल में 108 बार इस चौपाई का जाप करें।

2. नासे रोग हरे सब पीरा।
जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा।।

यदि व्यक्ति बीमारियों से घिरा रहता है या कोई बहुत बड़ी बीमारी से व्यक्ति ग्रसित है तो निरंतर सुबह-शाम 108 बार जप करना चाहिए।

3. अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।

यदि जीवन में व्यक्ति को शक्तियों की प्राप्ति करनी है ताकि जीवन निर्वाह में मुश्किलों का कम सामना करना पड़े तो नित्य रोज, ब्रह्म महूर्त में घंटा-आधा घंटा, इन पंक्तियों के जप से लाभ प्राप्त हो सकता है।

4. बिद्यबान गुनी अति चातुर।
रामकाज करीबे को आतुर।।

यदि किसी व्यक्ति को विद्या और धन चाहिए तो निम्न पंक्तियों के जप से हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है।

5. भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्रजी के काज संवारे।।

यदि कोई व्यक्ति शत्रुओं से परेशान हैं या व्यक्ति के कार्य नहीं बन पा रहे हैं तो हनुमान चालीसा की इस चौपाई का कम से कम 108 बार जप करना चाहिए।

08:59 (IST)08 Apr 2020
17 साल बाद बना है ये योग...

मंगल के उच्च राशि में रहते हुए हनुमान जयंती का योग 17 वर्ष बाद बना है। इससे पहले 16 अप्रैल 2003 को उच्च के मंगल के साथ हनुमान जन्मोत्सव मनाया गया था। पिछले साल हनुमान जयंती पर गुरु और शनि की युति धनु राशि में थी, लेकिन इस साल मकर राशि में गुरु, शनि के साथ ही मंगल भी स्थित है।

08:41 (IST)08 Apr 2020
गुजरात के अंजनी गुफा में जन्मे संकटमोचन हनुमान...

गुजरात के डांग जिले के आदिवासियों का मानना है कि यहां अंजना पर्वत के अंजनी गुफा में हनुमान जी का जन्म हुआ था।

08:19 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जयंती करें ये शुभ काम...

हनुमानजी के जन्मोत्सव पर घर में ही पूजन करें। इस समय कोरोनावायरस की वजह से सभी मंदिर बंद है। ऐसी स्थिति में घर में हनुमानजी की पूजा करें। दीपक जलाकर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें। 

07:53 (IST)08 Apr 2020
हनुमान कवच मंत्र

“ॐ श्री हनुमते नम:”

सर्वकामना पूरक हनुमान मंत्र

ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।

07:39 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti):

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥

अंजनिपुत्र महा बलदायी, संतन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाये, लंका जारि सिया सुधि लाये॥

लंका-सो कोट समुद्र-सी खाई, जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे, सियारामजी के काज संवारे॥

लक्ष्मण मूर्छित परे सकारे, आनि संजीवन प्रान उबारे॥
पैठि पताल तोरि जम-कारे, अहिरावन की भुजा उखारे॥

बाएं भुजा असुरदल मारे, दहिने भुजा सन्तजन तारे॥
सुर नर मुनि आरती उतारे, जय जय जय हनुमान उचारे॥

कंचन थार कपूर लौ छाई, आरति करत अंजना माई॥
जो हनुमानजी की आरति गावै, बसि बैकुण्ठ परम पद पावै॥

07:25 (IST)08 Apr 2020
28 साल बाद मकर राशि में शनि और हनुमान जयंती...

शनि इस समय मकर राशि में स्थित है। 28 वर्ष पहले 17 अप्रैल 1992 को भी मकर राशि में शनि के रहते हुए हनुमान जयंती मनाई गई थी। मंगल एवं शनि दोनों ही क्रूर ग्रह माने जाते हैं। इन दोनों ग्रहों के दोष हनुमानजी की पूजा से दूर हो सकते हैं। इसीलिए इन ग्रहों के योग में हनुमान जयंती बहुत ही शुभ फल देने वाली है।

07:05 (IST)08 Apr 2020
Hanuaman Jayanti: आज मनाई जा रही है हनुमान जयंती

हनुमान जयंती चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 07 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 01 से होगा जिसकी समाप्ति 08 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 04 मिनट पर होगी। पूर्णिमा का सूर्योदय व्यापनी मुहूर्त 08 अप्रैल को ही प्राप्त हो रहा है, इसलिए 08 अप्रैल को सुबह 08 बजे से पूर्व हनुमान जयंती की पूजा कर लें। सुबह 08:04 बजे के बाद से वैशाख मास शुरू हो जायेगा। 08 अप्रैल को सुबह सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा।

06:35 (IST)08 Apr 2020
भक्तों की प्रार्थना जल्द सुन लेते हैं प्रभु अंजनी नंदन हनुमान

अंजनी नंदन हनुमान जी सर्वव्यापी और जगत के जानकार हैं। वह भक्तों की प्रार्थना को जल्द सुन लेते हैं। उनके मंदिर में जो जाता है, उसकी मनोकामना और मनौती जरूर पूरी होती है।

06:13 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जी की पूजा करने वालों को भूत-प्रेत और राक्षसों का भय नहीं रहता

जिन्होंने सच्चे मन से हनुमान जी की प्रार्थना की उन्हें भूत-प्रेत और राक्षसों का भय कदापि नहीं रहता है। हनुमान जी अपने भक्तों का सदैव रक्षा करते हैं। हनुमान चालीसा में कहा भी गया है कि भूत-पिसाच निकट नहीं आवे महावीर जब नाम सुनावें।

05:36 (IST)08 Apr 2020
मंगलवार को हनुमान मंदिर के सामने गरीबों को करें दान, अनाथों को दें भोजन और कपड़े

हनुमान जी को लाल कपड़ा, लड्डू और सिंदूर चढ़ाने से भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। मंगलवार को हनुमान मंदिर के सामने गरीबों को फल और मिठाई बांटने, अनाथों को खाना और कपड़े देन से हनुमान जी सभी मनोरथ पूरा करते हैं।

04:23 (IST)08 Apr 2020
मंगलवार को व्रत रखने से पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं

मंगलवार को व्रत रखने और सिंदूर का टीका लगाने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। वह भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। भक्तों के जीवन में कभी कोई कष्ट नहीं आता है। 

02:40 (IST)08 Apr 2020
नियमित हनुमत आराधना करने से नहीं आते हैं कष्ट

हनुमान जी की नियमित आराधना करने और हनुमान चालीसा पढ़ने से कष्टों से मुक्ति मिलती है। इससे बड़ी बात यह है कि कष्ट के समय ऐसा करने से संकट का निवारण तो होता है, लेकिन जो लोग हमेशा ऐसा करते हैं, उनके पास कष्ट आते ही नहीं हैं। 

00:53 (IST)08 Apr 2020
हनुमान चालीसा पढ़ने से मिलती है कष्टों से मुक्ति

सभी दुखों का निवारण प्रभु हनुमान की आराधना से होती है। हनुमान जी की पूजा और अर्चना से लोगों को कष्टों से मुक्ति मिलती है और साथ ही उनके विचारों में सकारात्मकता बढ़ती है। हनुमान जी की पूजा करना बहुत आसान और सरल है। नियमित रूप से स्वच्छ होकर हनुमान चालीसा पढ़ने से हनुमान जी की कृपा मिलती हैष 

22:02 (IST)07 Apr 2020
जय जय जय हनुमान गोसाईं

"जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करो गुरू देव की नांई" हनुमान जयंती के बाद 7 मंगलवार इस मंत्र का लगातार जप करें। प्रयोग गोपनीय रखें। आश्चर्यजनक धन लाभ होगा।

21:34 (IST)07 Apr 2020
व्यापार में वृद्धि के लिए...

देसी घी के रोट का भोग हनुमान जयंती पर लगाने से दुश्मनों से मुक्ति मिलती है। - व्यापार में वृद्धि के लिए हनुमान जयंती को सिंदूरी रंग का लंगोट हनुमानजी को पहनाइए।

20:57 (IST)07 Apr 2020
हनुमान जयंती का महत्व

हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्‍व है। ऐसे में नहाने के बाद साफ-धुले कपड़े ही पहनें। मांस या मदिरा का सेवन न करें। अगर व्रत रख रहे हैं तो नमक का सेवन न करें। हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे और स्‍त्रियों के स्‍पर्श से दूर रहते थे. ऐसे में महिलाएं हनुमन जी के चरणों में दीपक प्रज्‍ज्‍वलित कर सकती हैं। पूजा करते वक्‍त महिलाएं न तो हनुमान जी मूर्ति का स्‍पर्श करें और न ही वस्‍त्र अर्पित करें।

20:36 (IST)07 Apr 2020
हनुमान जयंती के दिन...

किसी भी हनुमान मंदिर में यथासंभव पूजन करें तथा नैवेद्य लगाएं। घर पर हनुमानजी का कोई भी चित्र लाल कपड़े पर रखकर पूजन करें। पूजन में चंदन, सिन्दूर, अक्षत, कनेर, गुड़हल या गुलाब के पुष्प प्रयोग करें। नैवेद्य में मालपुआ, बेसन के लड्डू आदि लें तब आरती कर संकल्प लेकर अपनी समस्या के अनुसार मंत्र जाप करें।

19:52 (IST)07 Apr 2020
कैसे मनाते हैं हनुमान जयंती

मान्‍यता है कि इस दिन पांच या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पवन पुत्र हनुमान प्रसन्‍न होकर भक्‍तों पर कृपा बरसाते हैं। इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ का आयोजन होता है। घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन होते हैं। हनुमान जी को प्रसन्‍न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है और सुंदर कांड का पाठ करने का भी प्रावधान है। शाम की आरती के बाद भक्‍तों में प्रसाद वितरित करते हुए सभी के लिए मंगल कामना की जाती है। श्री हनुमान जयंती में कई जगहों पर मेला भी लगता है।

19:24 (IST)07 Apr 2020
सुंदरकांड में इसका है उल्लेख

श्रीरामचरित मानस में 7 कांड यानी अध्याय हैं। इसमें 6 अध्यायों के नाम स्थान या स्थितियों के आधार पर रखे गए हैं। श्रीराम की बाललीला का बालकांड, अयोध्या की घटनाओं का अयोध्या कांड, जंगल के जीवन का अरण्य कांड, किष्किंधा राज्य के कारण किष्किंधा कांड, लंका के युद्ध का लंका कांड और जीवन से जुड़े सभी प्रश्नों के उत्तर उत्तरकांड में दिए गए हैं।

19:00 (IST)07 Apr 2020
इन्हें भी माना जाता है हनुमान जी की जन्मस्थली

गुजरात के डांग जिले के आदिवासियों का मानना है कि यहां अंजना पर्वत के अंजनी गुफा में हनुमान जी का जन्म हुआ था। वहीं, कुछ लोग यह भी मानते हैं कि झारखंड के गुमला जिले के आंजन गांव में हनुमान जी का जन्म हुआ था। वहां एक गुफा है, उसे ही हनुमान जी जन्म स्थली बताई जाती है।

18:20 (IST)07 Apr 2020
क्या हरियाणा के कैथल में जन्मे थे हनुमान जी?

एक यह भी मान्यता है कि हुनमान ​जी के पिता वानरराज केसरी कपि क्षेत्र के राजा थे। हरियाणा का कैथल पहले कपिस्थल हुआ करता था। कुछ लोग इसे ही हनुमान जी की जन्म स्थली मानते हैं।

18:00 (IST)07 Apr 2020
हनुमान जी के जन्म को लेकर हैं कई मान्यताएं...

मान्यता है कि कर्नाटक के हंपी में ऋष्यमूक के राम मंदिर के पास मतंग पर्वत है। वहां मतंग ऋषि के आश्रम में ही हनुमान जी का जन्म हुआ था। हंपी का प्राचीन नाम पंपा था। कहा जाता है कि पंपा में ही प्रभु श्रीराम की की पहली मुलाकात हनुमान जी से हुई थी।

17:40 (IST)07 Apr 2020
तो इसलिए पड़ा नाम सुंदरकांड...

सुंदरकांड में हनुमानजी माता सीताजी की खोज में लंका पहुंच गए थे। लंका तीन पर्वतों पर यानी त्रिकुटाचल पर्वत पर बसी हुई थी। पहला सुबैल पर्वत, जहां के मैदान में युद्ध हुआ था। दूसरा नील पर्वत, जहां राक्षसों के महल थे और तीसरे पर्वत का नाम था सुंदर पर्वत, जहां अशोक वाटिका थी। इसी अशोक वाटिका में हनुमानजी और सीताजी की भेंट हुई थी। इस अध्याय की यही सबसे खास घटना थी, इसीलिए इसका नाम सुंदरकांड रखा गया है।

17:19 (IST)07 Apr 2020
रामचरित मानस में लिखा है कि

नाथ पवनसुत कीन्हि जो करनी। सहसहुं मुख न जाइ सो बरनी।।

पवनतनयके चरित्र सुहाए। जामवंत रघुपतिहि सुनाए।।

जामवंत श्रीराम से कहते हैं कि- हे नाथ! पवनपुत्र हनुमान ने जो करनी की, उसका हजार मुखों से भी वर्णन नहीं किया जा सकता। तब जामवंत ने हनुमानजी के सुंदर चरित्र (कार्य) श्रीरघुनाथजी को सुनाए।।

16:59 (IST)07 Apr 2020
सफलता मिलने पर खामोशी है बेहतर

रामायण के सुंदरकांड में हनुमानजी ने हमें बताया है कि सफल होने पर थोड़ा खामोश हो जाना चाहिए। हमारी सफलता की कहानी कोई दूसरा बयान करे तो मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है।

16:47 (IST)07 Apr 2020
संकटमोचन हनुमान

पवनपुत्र के नाम से प्रसिद्ध हनुमान जी की माता अंजनी और पिता वानरराज केसरी थे। हनुमान जी को बजरंगबली, केसरीनंदन और आंजनाय के नाम से भी पुकारा जाता है। वास्तव में हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार हैं, जिन्होंने त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम की भक्ति और सेवा के लिए जन्म लिया। संकटों का नाश करने वाले हनुमान जी को संकटमोचन भी कहते हैं।