पंचांग अनुसार हनुमान जयंती चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि को होती है। इस दिन श्रीराम भक्त हनुमान का जन्म हुआ था। इस बार ये शुभ पर्व 08 अप्रैल को मनाया जायेगा। हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां रुद्र अवतार माना जाता है। हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है। जानिए लॉकडाउन के समय में घर पर कैसे मनाएं हनुमान जयंती क्या है पूजा विधि, मंत्र और अन्य जानकारी…

हनुमान जयंती मुहूर्त:
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 07, 2020 को 12:01 पी एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – अप्रैल 08, 2020 को 08:04 ए एम बजे
पूजा का मुहूर्त- सुबह 8 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:46 ए एम से 06:07 ए एम

हनुमान जी की पूजा विधि: इस दिन व्रत रखने वाले लोग एक दिन पहले से ब्रह्मचर्य का पालन करें। संभव हो तो जमीन पर सोयें। प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर प्रभू श्री राम, माता सीता व श्री हनुमान का स्मरण करें। इसके बाद नित्य क्रिया से निवृत होकर स्नान कर हनुमान जी की पूजा आरंभ करें। इसके लिए हनुमान जी की मूर्ति को स्थापित करें। हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें। फिर हनुमान जी की आरती उतारें। प्रसाद के रूप में गुड़, भीगे या भुने चने व बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। पूजन सामग्री में सिंदूर, केसर युक्त चंदन, धूप, अगरबती, दीपक के लिए शुद्ध घी या चमेली के तेल का उपयोग करें। भगवान को गैंदा, गुलाब, कनेर, सूरजमुखी आदि पुष्प अर्पित करें। इस दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाना काफी शुभ माना जाता है।

हनुमान जी की जन्म कथा: हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार माने जाते हैं| उनके जन्म के बारे में पुराणों में जो उल्लेख मिलता है उसके अनुसार अमरत्व की प्राप्ति के लिये जब देवताओं व असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया को उससे निकले अमृत को असुरों ने छीन लिया और आपस में ही लड़ने लगे। तब भगवान विष्णु मोहिनी के भेष अवतरित हुए। मोहनी रूप देख देवता व असुर तो क्या स्वयं भगवान शिवजी कामातुर हो गए। इस समय भगवान शिव ने जो वीर्य त्याग किया उसे पवनदेव ने वानरराज केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया| जिसके फलस्वरूप माता अंजना के गर्भ से केसरी नंदन मारुती संकट मोचन रामभक्त श्री हनुमान का जन्म हुआ|

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21:51 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जी की जन्म कथा

हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार माने जाते हैं| उनके जन्म के बारे में पुराणों में जो उल्लेख मिलता है उसके अनुसार अमरत्व की प्राप्ति के लिये जब देवताओं व असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया को उससे निकले अमृत को असुरों ने छीन लिया और आपस में ही लड़ने लगे। तब भगवान विष्णु मोहिनी के भेष अवतरित हुए। मोहनी रूप देख देवता व असुर तो क्या स्वयं भगवान शिवजी कामातुर हो गए। इस समय भगवान शिव ने जो वीर्य त्याग किया उसे पवनदेव ने वानरराज केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया| जिसके फलस्वरूप माता अंजना के गर्भ से केसरी नंदन मारुती संकट मोचन रामभक्त श्री हनुमान का जन्म हुआ|

21:08 (IST)08 Apr 2020
हनुमान कवच मंत्र

हनुमान कवच मंत्र

“ॐ श्री हनुमते नम:”

सर्वकामना पूरक हनुमान मंत्र

ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।

20:29 (IST)08 Apr 2020
हनुमान चालीसा का महत्व

हनुमान चालीसा का पाठ बेहद ही फलदायी माना गया है। कहा जाता है कि इसके पाठ से भय का नाश हो जाता है। खास तौर से हनुमान जयंती के दिन इसे करने से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं। कई लोग इस दिन हनुमान जी के मंदिरों में जाकर पूजा कर हनुमान चालीसा पढ़ते हैं। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के कारण घर पर ही आपको हनुमान जी की विधि विधान पूजा करनी होगी।

20:11 (IST)08 Apr 2020
इस दोहा का करें गुणगान

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।

बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।

बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

18:52 (IST)08 Apr 2020
ये वस्त्र धारण करना होगा शुभ

हनुमान जी की पूजा करते समय काले और सफेद रंग के कपड़े ना पहनें। बजरंगबली की पूजा में लाल और पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है।

18:30 (IST)08 Apr 2020
इनका सेवन न करें...

हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्त को मंगलवार या हनुमान जयंती के व्रत वाले दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि दान में दी गई वस्तु, विशेष रूप से मिठाई का स्वयं सेवन न करें।

18:00 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जयंती पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर घर की सफाई करें और गंगाजल या गौमूत्र के छिड़काव से पवित्र करें फिर नहाएं। 

इसके बाद घर के पूजा स्थान पर हनुमानजी सहित श्रीराम और सीताजी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

भगवान को साक्षी मानकर दिनभर व्रत रखने का संकल्प लें। इसके बाद पूजा करें।

श्रीराम और माता सीता की पूजा करें उसके बाद प्रमुख देवता हनुमान जी की पूजा करें।

पूजा में जल और पंचामृत से देवी देवताओं को स्नान कराएं। उसके बाद अबीर, गुलाल, चंदन, अक्षत, मौली, फूल, धूप-दीप, वस्त्र, फल, पान और अन्य चीजें चढ़ाएं।

इसके बाद सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें और आरती के बाद प्रसाद बांट दें।

17:38 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जी की आरती

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥

अंजनिपुत्र महा बलदायी, संतन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाये, लंका जारि सिया सुधि लाये॥

लंका-सो कोट समुद्र-सी खाई, जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे, सियारामजी के काज संवारे॥

लक्ष्मण मूर्छित परे सकारे, आनि संजीवन प्रान उबारे॥
पैठि पताल तोरि जम-कारे, अहिरावन की भुजा उखारे॥

बाएं भुजा असुरदल मारे, दहिने भुजा सन्तजन तारे॥
सुर नर मुनि आरती उतारे, जय जय जय हनुमान उचारे॥

कंचन थार कपूर लौ छाई, आरति करत अंजना माई॥
जो हनुमानजी की आरति गावै, बसि बैकुण्ठ परम पद पावै॥

17:12 (IST)08 Apr 2020
सूतक में न करें हनुमान जी की पूजा

हनुमानजी की पूजा उस समय वर्जित मानी जाती है जब सूतक लगा हो. सूतक तब माना जाता है जब परिवार में किसी की मृत्यु हो जाए. सूतक के 13 दिनों में हनुमान जी पूजा नहीं करनी चाहिए

16:53 (IST)08 Apr 2020
चरणामृत का प्रयोग...

बहुत कम ही लोग इस बात को जानते हैं कि हनुमान जी की पूजा में कभी भी चरणामृत का प्रयोग नहीं किया जाता है। इसलिए पूजा के वक्त ऐसा करने से बचें

16:13 (IST)08 Apr 2020
आमतौर पर हनुमान जयंती में होता है ये खास

भक्‍तों के लिए हनुमान जयंती का खास महत्‍व है। संकटमोचन हनुमान को प्रसन्‍न करने के लिए भक्‍त पूरे दिन व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। मान्‍यता है कि इस दिन पांच या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पवन पुत्र हनुमान प्रसन्‍न होकर भक्‍तों पर कृपा बरसाते हैं। इस मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा-पाठ का आयोजन होता है। घरों और मंदिरों में भजन-कीर्तन होते हैं। हनुमान जी को प्रसन्‍न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है और सुंदर कांड का पाठ करने का भी प्रावधान है। शाम की आरती के बाद भक्‍तों में प्रसाद वितरित करते हुए सभी के लिए मंगल कामना की जाती है। श्री हनुमान जयंती में कई जगहों पर मेला भी लगता है।

लेकिन इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए लोगों ने घर पर परिजनों के साथ सुंदरकांड, बजरंग बाण, हनुमान चालीसा का पाठ किया।

15:51 (IST)08 Apr 2020
श्री राम-सीता पूजा मंत्र

आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसम्पदां 

लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम् ।।

15:29 (IST)08 Apr 2020
हनुमान पूजा मंत्र

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्‌ । 

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।

15:07 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जी की पूजा का मुहूर्त

हनुमान जयंती चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 07 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 01 से होगा जिसकी समाप्ति 08 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 04 मिनट पर होगी। पूर्णिमा का सूर्योदय व्यापनी मुहूर्त 08 अप्रैल को ही प्राप्त हो रहा है, इसलिए 08 अप्रैल को सुबह 08 बजे से पूर्व हनुमान जयंती की पूजा कर लें। सुबह 08:04 बजे के बाद से वैशाख मास शुरू हो जायेगा। 08 अप्रैल को सुबह सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा।

14:44 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जयंती पर अद्भुत संयोग...

शनि इस समय मकर राशि में स्थित है। 28 वर्ष पहले 17 अप्रैल 1992 को भी मकर राशि में शनि के रहते हुए हनुमान जयंती मनाई गई थी। मंगल एवं शनि दोनों ही क्रूर ग्रह माने जाते हैं। इन दोनों ग्रहों के दोष हनुमानजी की पूजा से दूर हो सकते हैं। इसीलिए इन ग्रहों के योग में हनुमान जयंती बहुत ही शुभ फल देने वाली है।

13:49 (IST)08 Apr 2020
Hanuman Jayanti के दिन व्रत रखने वाले बरतें ये सावधानी...

हनुमान जयंती पर मांस और मदिरा का सेवन अशुभ माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि हनुमान जी की पूजा में चरणामृत नहीं चढ़ाना चाहिए। अगर आप हनुमान जयंती पर व्रत रख रहे हैं, तो इस दिन नमक और अनाज का सेवन करने से बचें। जो भी खाने की चीजें आप इस दि‍न दान करते हैं उन्हें न खाने का प्रावधान है।

12:25 (IST)08 Apr 2020
आज है हनुमान जयंती...

बजरंगबली, पवनपुत्र, अंजनीपुत्र, केसरीनंदन, मारुतीनन्दन, पवनसुत, महावीर, कपीश और आंजनाय के नाम से पुकारे जाने वाले हनुमान जी की सच्ची पूजा आपको रोग, गरीबी, बुद्धिहीनता से छुटकारा दिलाएगी। पवनपुत्र हनुमान अपने भक्तों को अष्ट सिद्धि और नव निधि प्रदान करते हैं। बजरंगबली अपने भक्तो को आठ प्रकार की सिद्धयां तथा नौ प्रकार की निधियां प्रदान कर सकते हैं। उन्हें यह सिद्धियां और निधियां देने का वरदान माता जानकी ने दिया था।

11:55 (IST)08 Apr 2020
Hanuman Jayanti पर राम रक्षा स्त्रोत का पाठ:

इस दिन राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। इसके बाद हनुमानजी को गुड़ और चने का भोग लगाएं। जीवन में यदि कोई समस्या है, तो उसका निवारण करने के लिए प्रार्थना करें।

11:54 (IST)08 Apr 2020
Hanuman Jayanti पर शाम को जलाएं दीपक...

हनुमान जयंती की शाम को हनुमानजी की प्रतिमा के सामने एक सरसों के तेल का व एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद वहीं बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमानजी की कृपा पाने का ये एक अचूक उपाय है।

11:24 (IST)08 Apr 2020
Hanuman Jayanti: हनुमान जयंती पूजन सामग्री...

लाल कपडा/लंगोट, जल कलश, पंचामृत, जनेऊ, गंगाजल, सिन्दूर, चांदी/सोने का वर्क, लाल फूल और माला, इत्र, भुने चने, गुड़, बनारसी पान का बीड़ा, नारियल, केले, सरसो का तेल, चमेली का तेल, घी, तुलसी पत्र, दीपक, धूप, अगरबत्ती, कपूर।

10:57 (IST)08 Apr 2020
Hanuman Jayanti 2020: स्वास्थ्य की समस्याओं से मुक्ति के लिए क्या करें?

- लाल रंग के वस्त्र धारण करें.

- हनुमान जी को सिन्दूर, लाल फूल और मिठाई अर्पित करें.

- इसके बाद हनुमान जी के समक्ष हनुमान बाहुक का पाठ करें.

- स्वास्थ्य की बेहतरी की प्रार्थना करें.

10:27 (IST)08 Apr 2020
पूजा के बाद श्री हनुमान के इन 5 असरदार मंत्रों का जप करें-

ॐ रूवीर्य समुद्भवाय नम:
ॐ शान्ताय नम:
ॐ तेजसे नम:
ॐ प्रसन्नात्मने नम:
ॐ शूराय नम:

10:00 (IST)08 Apr 2020
हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa):

दोहा :
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।

पूरी हनुमान चालीसा यहां पढ़ें

09:36 (IST)08 Apr 2020
Hanuman Jayanti 2020: हनुमान जी की उपासना बिना राम की अराधना के मानी जाती है अधूरी

हनुमान जी की उपासना में ध्यान देने वाली एक बात यह है कि उनका प्रभु राम से यहां पर स्वामी और सेवक का संबंध है। हनुमानजी की उपासना में हनुमान जी का मूल मंत्र हैं राम। हनुमान जी का जप-तप, पूजा-पाठ, ध्यान-धारणा, समाधि, मनन-चिंतन, पठन-पाठन कुछ भी अगर सीधे हनुमान जी के नाम से किया जाए, तो वे कभी स्वीकार नहीं करते। हनुमान जी कहते हैं, मैं नहीं हूं, मेरे रोम-रोम में श्रीराम हैं। हनुमान जी की उपासना करने वालों को चाहिए कि लक्ष्य भले ही हनुमान जी हों, सर्वप्रथम राम का मंत्र हो, चाहे राम का नाम हो। साधक-सिद्धों को इसलिए भी राम जी का भजन, पूजा-पाठ जरूरी है, इसलिए पहले राम का नाम लें फिर हनुमान जी की पूजा करें।

09:22 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जयंती की पूजा विधि (Hanuman Jayanti Puja Vidhi):

इस दिन बजरंग बलि हनुमान की प्रतिमा की प्रतिष्ठा कर विधिपूर्वक पूजा करें और श्री हनुमान जी की आरती उतारें, इसके बाद हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ भी करें। इस दिन श्री रामचरित मानस के सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का अखंड पाठ भी करवाया जा सकता है। प्रसाद के रुप में गुड़, भीगे या भुने हुए चने एवं बेसन के लड्डू रख सकते हैं। पूजा सामग्री के लिये गैंदा, गुलाब, कनेर, सूरजमुखी आदि के लाल या पीले फूल, सिंदूर, केसरयुक्त चंदन, धूप-अगरबती, शुद्ध घी या चमेली के तेल का दीप आदि ले सकते हैं। इस दिन हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढायें तो उससे भी मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं।

08:58 (IST)08 Apr 2020
Hanuman Jayanti: घर पर ही करें भगवान हनुमान की पूजा

इस बार कोरोना लॉकडाउन के चलते घर पर ही लोगों को हनुमान जी की पूजा करनी होगी। मंदिरों में लोग दर्शन के लिए नहीं जा सकेंगे। मंदिरों में ही पुजारियों की ओर से बाबा का शृंगार, हवन, सुंदर कांड और हनुमान चलीसा सहित आरती का आयोजन किया जाएगा। 

08:40 (IST)08 Apr 2020
मतंग ऋषि के आश्रम में जन्मे हुनमान...

एक यह भी मान्यता है कि कर्नाटक के हंपी में ऋष्यमूक के राम मंदिर के पास मतंग पर्वत है। वहां मतंग ऋषि के आश्रम में ही हनुमान जी का जन्म हुआ था। हंपी का प्राचीन नाम पंपा था। कहा जाता है कि पंपा में ही प्रभु श्रीराम की की पहली मुलाकात हनुमान जी से हुई थी।

08:18 (IST)08 Apr 2020
Hanuman Jayanti: कार्तिक कृष्ण पक्ष में भी मनाई जाती है हनुमान जयंती...

शास्त्र पुराणों के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुदर्शी ही हनुमान जी का जन्म दिवस है। ज्ञात हो कि देश के अलग-अलग हिस्सों में भक्‍त अपनी-अपनी मान्‍यताओं के अनुसार साल में अलग-अलग दिन हनुमान जयंती मनाते हैं। हालांकि उत्तर भारत में चैत्र शुक्‍ल पूर्णिमा के दिन मनाई जाने वाली हनुमान जयंती अधिक लोकप्रिय है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के परम भक्‍त हनुमान को संकट मोचक माना गया है। मान्‍यता है कि हनुमान का नाम लेते ही सारे संकट दूर हो जाते हैं और भक्‍त को किसी बात का भय नहीं सताता है। उनके नाम मात्र से आसुरी शक्तियां गायब हो जाती हैं। हनुमान जी का जन्‍मोत्‍सव देश भर में हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है।

07:54 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जी का भोग...

पवनपुत्र हनुमान जी को हलुवा, गुड़ से बने लड्डू, पंच मेवा, डंठल वाला पान, केसर-भात और इमरती बहुत प्रिय है। पूजा के समय उनको आप इन मिष्ठानों आदि का भोग लगाएं, वे अतिप्रसन्न होंगे। काफी लोग उनको बूंदी या बूंदी के लड्डू भी चढ़ाते हैं।

07:39 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जयंती के दिन बरतें ये सावधानियां

- हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बड़ा महत्‍व है. ऐसे में नहाने के बाद साफ-धुले कपड़े ही पहनें.
- मांस या मदिरा का सेवन न करें.
- अगर व्रत रख रहे हैं तो नमक का सेवन न करें.
- हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे और स्‍त्रियों के स्‍पर्श से दूर रहते थे. ऐसे में महिलाएं हनुमन जी के चरणों में दीपक प्रज्‍ज्‍वलित कर सकती हैं.
- पूजा करते वक्‍त महिलाएं न तो हनुमान जी मूर्ति का स्‍पर्श करें और न ही वस्‍त्र अर्पित करें.

07:26 (IST)08 Apr 2020
Hanuman Jayanti 2020: 854 साल बाद मकर राशि में मंगल, गुरु और शनि की युति...

इस साल एक और दुर्लभ योग बना हुआ है। इस समय मंगल, गुरु और शनि ये तीनों ग्रह एक साथ मकर राशि में स्थित है। 2020 से 854 साल पहले ये तीनों ग्रहों एक साथ मकर राशि में स्थित थे। 24 अप्रैल 1166 में ऐसा योग बना था।

07:08 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti):

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।

अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।

लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।
पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।

बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।

कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।

जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।

06:55 (IST)08 Apr 2020
चैत्र पूर्णिमा के अलावा कार्तिक मास में भी मनाई जाती है हनुमान जयंती

हनुमान जयंती चैत्र पूर्णिमा के अलावा कार्तिक मास में भी मनाई जाती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार देश के कई हिस्सों में हनुमान जयंती दीपावली के ठीक एक दिन पहले मनाई जाती है। उसे छोटी दीपावली भी कहते हैं।

06:11 (IST)08 Apr 2020
राजस्थान के बालाजी हनुमान मंदिर पर होता है कष्टों का निवारण

राजस्थान के बालाजी हनुमान मंदिर पर दर्शन पूजन का विशेष महात्म्य है। मान्यता है कि वहां किसी भी समस्या को लेकर जाएं और हनुमान जी का दर्शन कर उनसे प्रार्थना करें। सभी कष्ट निश्चित रूप से दूर हो जाते हैं। हजारों लोग वहां नियमित रूप से जाते हैं।

05:42 (IST)08 Apr 2020
प्रयागराज के संगम तट पर लेटे हनुमान का करें दर्शन

हनुमान जी के दक्षिणमुखी मंदिर पर दर्शन करने का विशेष महत्व है। प्रयागराज के संगम तट पर लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन करने से मनुष्य के सभी पापों का निवारण हो जाता है। 

04:20 (IST)08 Apr 2020
अंजनीनंदन हनुमान जी को सिंदूर लगाने से मिलता है आशीर्वाद

हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं। वह भगवान राम के अनन्य भक्त हैं। सिंदूर रंग उनका सबसे पसंद का रंग है। अंजनीनंदन हनुमान को सिंदूर चढ़ाने, मंगलवार और शनिवार को सिंदूर लगाने और लाल कपड़ा चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। 

02:38 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जी की आराधना करने से दूर होते हैं कष्ट

जब मनुष्य कष्ट में होता है और दुखों से परेशान रहता है तब हनुमान जी की शरण में जाकर आराधना करने और उन्हें लड्डू का भोग लगाने से काफी फायदा होता है। हनुमान जी सभी कष्टों को दूर करते हैं। जो लोग ऐसा नियमित रूप से करते हैं, उनके पास दुख और कष्ट आते ही नहीं हैं।

00:58 (IST)08 Apr 2020
हनुमान जी की आराधना करने से बीमारियों से लड़ने के लिए मिलता है आत्मबल

हनुमान जी बल और ताकत के स्वामी है। उनकी पूजा करने से लोगों को ताकत मिलती है। इससे लोगों को कष्टों और बीमारियों से लड़ने के लिए आत्मबल प्राप्त होता है। इसलिए सभी को नियमित रूप से हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिरों में दर्शन करने से पुण्य मिलता है।

22:02 (IST)07 Apr 2020
हनुमान जी की जन्म कथा...

हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार माने जाते हैं| उनके जन्म के बारे में पुराणों में जो उल्लेख मिलता है उसके अनुसार अमरत्व की प्राप्ति के लिये जब देवताओं व असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया को उससे निकले अमृत को असुरों ने छीन लिया और आपस में ही लड़ने लगे। तब भगवान विष्णु मोहिनी के भेष अवतरित हुए। मोहनी रूप देख देवता व असुर तो क्या स्वयं भगवान शिवजी कामातुर हो गए। इस समय भगवान शिव ने जो वीर्य त्याग किया उसे पवनदेव ने वानरराज केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया| जिसके फलस्वरूप माता अंजना के गर्भ से केसरी नंदन मारुती संकट मोचन रामभक्त श्री हनुमान का जन्म हुआ|

21:34 (IST)07 Apr 2020
धन लाभ के लिए

अगर धन लाभ की स्थितियां बन रही हो, किन्तु फिर भी लाभ नहीं मिल रहा हो, तो हनुमान जयंती पर गोपी चंदन की नौ डलियां लेकर केले के वृक्ष पर टांग देनी चाहिए। स्मरण रहे यह चंदन पीले धागे से ही बांधना है।