हनुमान जी की पूजा का सबसे बड़ा दिन माना जाता है हनुमान जयंती। ये साल में दो बार आती है एक बार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को तो एक बार चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन जो इस बार 08 अप्रैल को है। माना जाता है कि इस दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन जो भक्त सच्चे मन से हनुमान जी की अराधना करता है उसकी सारी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस पर्व वाले दिन भगवान हनुमान को लाल रंग का चोला चढ़ाया जाता है। जानिए हनुमान जयंती का इतिहास और महत्व…
हनुमान जयंती का महत्व: कहा जाता है कि श्री हनुमान को सिंदूर अति प्रिय है। इसलिए इनकी पूजा से पहले आप इन्हें सिंदूरी का लेप लगा सकते हैं। इससे जीवन में सकारात्मकता आती है। हनुमान जयंती के दिन भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए पूरे दिन व्रत रखते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। घरों और मंदिरों में भजन कीर्तन किये जाते हैं। सुंदर कांड का पाठ किया जाता है। इस दिन कई जगहों पर मेला भी लगता है। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते भक्त हनुमान जी के दर्शन के लिए मंदिरों में नहीं जा पायेंगे। तो ऐसे में आपको घर पर ही बैठकर पूजा पाठ करना होगा।
हनुमान जयंती की इतिहास: हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार माने जाते हैं| उनके जन्म के बारे में पुराणों में जो उल्लेख मिलता है उसके अनुसार अमरत्व की प्राप्ति के लिये जब देवताओं व असुरों ने मिलकर समुद्र मंथन किया को उससे निकले अमृत को असुरों ने छीन लिया और आपस में ही लड़ने लगे। तब भगवान विष्णु मोहिनी के भेष अवतरित हुए। मोहनी रूप देख देवता व असुर तो क्या स्वयं भगवान शिवजी कामातुर हो गए। इस समय भगवान शिव ने जो वीर्य त्याग किया उसे पवनदेव ने वानरराज केसरी की पत्नी अंजना के गर्भ में प्रविष्ट कर दिया| जिसके फलस्वरूप माता अंजना के गर्भ से केसरी नंदन मारुती संकट मोचन रामभक्त श्री हनुमान का जन्म हुआ|
हनुमान जयंती 2020 मुहूर्त (Hanuman Jayanti 2020 Time):
हनुमान जयंती तिथि – बुधवार, 8 अप्रैल 2020
पूर्णिमा तिथि आरंभ – 12:00 (7 अप्रैल 2020)
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 08:03 (8 अप्रैल 2020)