Haj Yatra 2020: दुनिया भर में कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। कई देशों ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन भी लगा रखा है। इस बीच सऊदी अरब सरकार ने हज यात्रा (Haj Yatra) को लेकर बड़ा ऐलान किया है। सऊदी सरकार ने कहा है कि इस साल हज यात्रा में दूसरे देशों के लोग हिस्सा नहीं ले पाएंगे। सिर्फ सीमित संख्या में लोगों को यात्रा की इजाजत मिलेगी, वह भी सिर्फ ऐसे लोग जो सऊदी में ही रहते हैं।
आपको बता दें कि हज यात्रा अगले महीने शुरू होने वाली है। इसमें दुनिया भर के तमाम मुल्कों के लाखों लोग हिस्सा लेते हैं। हालांकि इस बार कोरोना वायरस के चलते तीर्थयात्रियों की तैयारियों पर पानी फिर गया है। आपको बता दें कि साल 1932 के बाद यह पहला मौका है जब इस तरीके से हज यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया है। इससे पहले युद्ध और छुआछूत जैसी बीमारियों के चलते यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया था।
सऊदी सरकार के मुताबिक इस बार यात्रा पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं की गई है, बल्कि तीर्थ यात्रियों की संख्या कम कर दी गई है। आपको बता दें कि हज यात्रा के लिए कई महीने पहले से ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इस साल भी यह प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन अब सऊदी सरकार के फैसले के बाद इस पर रोक लगा दी गई है।
पिछले साल 25 लाख तीर्थयात्री पहुंचे थे: सऊदी सरकार के मुताबिक पिछले साल 24. 9 लाख तीर्थयात्रियों ने हज यात्रा की थी, इसमें से 18.6 लाख तीर्थयात्री सऊदी अरब से बाहर के देशों के थे। हज यात्रा सऊदी सरकार की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हज यात्रा और उमरा से सऊदी अरब हर साल करीब 12 सौ करोड़ डॉलर कमाई करता है, हालांकि इस बार उसे नुकसान उठाना पड़ेगा।
जायरीनों का पैसा होगा वापस: आपको बता दें कि हज यात्रा के लिए भारत का कोटा 2 लाख है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार भी हज यात्रा के लिए भारत से दो लाख से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण किया था। अब सऊदी सरकार के फैसले के बाद यात्रा के लिए पंजीकृत सभी जायरीनों का पैसा उनके अकाउंट में रिफंड कर दिया जाएगा। यह जानकारी केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने दी है।