Gurudev Sri Sri Ravi Shankar Quotes On Desire: इच्छा एक ऐसा शब्द जिसके बारे में हर एक व्यक्ति को अच्छी तरह से पता है जिसे वह अपनी दिनचर्या में कभी न कभी इस्तेमाल करता ही है। लेकिन इच्छा आखिर क्या है। जब हम कहते हैं कि मेरा मन ये कह रहा है कि मैं ये करूं, वो करुं..असल में ये हमारी इच्छा होती है, जो आपको विभिन्न कामों को करने के लिए उकसाती है। इच्छाएं एक ऐसी चीज है जो बिना किसी अनुमति के आ जाती है। लेकिन इसे रोकना पूरी तरह से आपके हाथ में होता है। इन्हें नियंत्रित करने के बावजूद ये आती ही रहती है। कई लोगों का मानना है कि वह जो इच्छा रखते हैं उनका अंत दुखद ही होता है। इस बारे में अध्यात्मिक गुरु श्री श्री गुरुदेव रवि शंकर जी कहते हैं कि इच्छाएं (Desire) जो हर इंसान को कभी न कभी आती है। लेकिन ये इच्छाएं जब ज़्यादा प्रबल हो जाती है, तब दुःखद होती है। ऐसे में अगर इच्छाएं आपके वश में होती है, तो उसका दुख कम होता है। इसलिए व्यक्ति की इच्छाएं जितनी कम हो, वो उतना ही सुकून के साथ रह सकते हैं। गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी से जानें आखिर वास्तव में इच्छाएं क्या होती है। कैसे इन्हें अपनाकर आप खुशी जीवन जी सकते हैं।

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी ने कुछ कोट्स इच्छाओं के बारे में बताए हैं, जिन्हें आप धारण करके खुद को प्रसन्न रखने में सफल हो सकते हैं।

  • मस्ती में आना हो तो इच्छा का समर्पण करो।
  • जब भी जीवन से प्रसन्नता समाप्त होने लगे, भीतर गहराई में झाँककर देखो – तुम पाओगे यह इच्छा के कारण हो रहा है।
  • धर्म, अर्थ और काम तीनों बंधन के कारण हैं। मुक्ति की इच्छा तभी उठती है जब बंधन ‘महसूस’ हो।
  • जानने की इच्छा, बंधन से छुटकारा पाने की इच्छा और वैराग्य की इच्छा; ये तीनों स्वस्थ व्यक्ति की पहचान हैं।
  • सौभाग्यवान वे हैं जिनमें कामना उत्पन्न ही नहीं होती क्योंकि इच्छा जागृत होने के पहले ही वे तृप्त हैं।
  • जीवन भाग्यवादी नहीं है। जीवन स्वतंत्र इच्छा और भाग्य दोनों का एक संयोजन है। यद्यपि कई चीजें पहले से तय हैं फिर भी कई चीजें बदली जा सकती हैं।
  • कभी-कभी भाग्य या कोई घटना जिसमें तुम्हें भाग लेना है तुममे इच्छा जागृत करती है, पर तुम अपने कृत्यों का कारण नहीं जानते।
  • अपनी इच्छाओं को पूरा करने में नहीं, बल्कि दूसरों की इच्छाओं को पूरा करने में व्यस्त रहें।
  • इच्छा या चाह तब पैदा होती है जब आप खुश नहीं होते। क्या आपने यह देखा है? जब आप बहुत खुश होते हैं तो संतुष्टि होती है। संतुष्टि का मतलब है कोई इच्छा नहीं।