Gajlaxmi Rajyog 2025: देवताओं के गुरु बृहस्पति को नवग्रहों में से काफी खास माना जाता है, जो एक राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं। इसके बाद राशि परिवर्तन करते है। ऐसे में एक राशि में दोबारा आने में करीब 12 साल का वक्त लग जाता है। गुरु के राशि परिवर्तन का असर हर राशि के जातकों के जीवन में किसी न किसी तरह से अवश्य पड़ता है। इस समय गुरु बृहस्पति वृषभ राशि में विराजमान है। वहीं 14 मई 2025 को गुरु मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे। गुरु के मिथुन राशि में एक साल रहने वाले हैं। ऐसे में गुरु की शुक्र के साथ युति होगी, जिससे गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण होगा। दरअसल, शुक्र 26 जुलाई को सुबह 9 बजकर 2 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे, जहां 21 अगस्त तक रहने वाले हैं। ऐसे में 21 अगस्त तक गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण हो रहा है। जानें किन राशियों को मिलेगा लाभ…
धनु राशि (Dhanu Zodiac)
इस राशि के जातकों के लिए गजलक्ष्मी राजयोग काफी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इस राशि के सप्तम भाव में इस राजयोग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में इस राशि के जातकों के ऊपर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा हो सकती है। लंबे समय से रुके काम पूरे होने के साथ-साथ धन-धान्य की बढ़ोतरी हो सकती है। परिवार के साथ अच्छा वक्त बीतेगा। पैतृक संपत्ति मिल सकती है। लंबे समय से जमीन को लेकर चल रहा विवाद अब समाप्त हो सकता है। समाज में मान-सम्मान की तेजी से वृद्धि हो सकती है।
सिंह राशि (Leo Zodiac)
इस राशि के एकादश भाव में गुरु-शुक्र की युति हो रही है। ऐसे में इस राशि के जातकों के लिए गजलक्ष्मी राजयोग काफी लाभकारी सिद्ध हो सकता है। लंबे समय से जीवन में चली आ रही समस्याएं समाप्त हो सकती है। इसके साथ ही पैसों की तंगी से निजात मिल सकती है। आपकी कई इच्छाएं पूरी हो सकती है। कमाई के कई जरिए खुल सकते हैं। इसके साथ ही गुरु, माता-पिता का साथ मिलेगा, जिससे आप अपने लक्ष्य को पाने में सफल हो सकते हैं। आकस्मिक धन लाभ के योग भी बन रहे हैं। शत्रुओं पर विजय प्राप्त हो सकती है। नौकरीपेशा जातकों को कार्यस्थल पर अच्छा वक्त बीतेगा। उच्च अधिकारियों का पूरा सहयोग प्राप्त हो सकता है।
तुला राशि (Tula Zodiac)
तुला राशि के जातकों के लिए गजलक्ष्मी राजयोग खुशियां लेकर आने वाला है। इस राशि के जातकों के लिए गुरु-शुक्र की युति काफी लाभकारी सिद्ध हो सकती है। इस राशि के जातकों को हर क्षेत्र में अपार सफलता हासिल होने वाली है। गजकेसरी योग नवम भाव में बन रहा है। ऐसे में इस राशि के जातकों को भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही अध्यात्म की ओर आपका झुकाव अधिक हो सकता है। ऐसे में आप कई धार्मिक स्थलों की यात्रा कर सकते हैं। गुरु नवम भाव के स्वामी माने जाते हैं। ऐसे में इस राशि के जातकों को भाग्य का हमेशा साथ मिल सकता है। मान-सम्मान की तेजी से वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही अपार धन-संपत्ति की प्राप्ति हो सकती है।
कर्मफलदाता शनि जातकों को उनके कर्मों के हिसाब से फल या फिर दंड देते हैं। शनि एकलौता ग्रह है जो सबसे धीमी गति से चलते हैं। शनि 30 साल बाद राशि, तो वहीं 27 साल बाद नक्षत्र परिवर्तन करते हैं जिसका असर 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से अवश्य पड़ता है। ऐसे ही शनि बसंत पंचमी के दिन गुरु के नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद के दूसरे पद में प्रवेश करने वाले हैं। शनि की इस स्थिति पर बदलाव का असर इन तीन राशियों पर सबसे अधिक पड़ने वाला है। जानें इन राशियों के बारे में
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