Navpancham Rajyog 2025: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह एक निश्चित अवधि के बाद राशि परिवर्तन करते है जिसका असर 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से अवश्य देखने को मिलता है। बता दें कि इस समय देवताओं के गुरु बृहस्पति मिथुन राशि में विराजमान है। ऐसे में कुंभ राशि में विराजमान राहु के साथ नवपंचम राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। गुरु और राहु के द्वारा नवपंचम राजयोग का निर्माण करने से कुछ राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है। जानें इन लकी राशियों के बारे में…
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, देवताओं के गुरु बृहस्पति कुंभ राशि के नवम भाव और राहु मिथुन राशि के पंचम भाव में विराजमान है, जिससे नवपंचम राजयोग का निर्माण हो रहा है। ये योग 18 अक्टूबर तक बना रहेगा। इसके बाद 5 दिसंबर को पुन: गुरु के मिथुन राशि में आने से बन जाएगा।
मकर राशि (Capricorn Zodiac)
मकर राशि के जातकों की कुंडली में इस समय धन भाव में राहु और छठे भाव में गुरु की स्थिति बन रही है। इसके प्रभाव से नवम-पंचम राजयोग का निर्माण होगा, जो अत्यंत शुभ सिद्ध हो सकता है। गुरु छठे भाव में रहकर नौकरी, प्रतियोगी परीक्षाओं और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता दिला सकते हैं। विदेश से जुड़े मामलों में भी लाभ के योग हैं। राहु का धन भाव में स्थित होना अचानक धन प्राप्ति, पैतृक संपत्ति से लाभ और रुका हुआ धन वापस मिलने का संकेत देता है। इस समय आपकी कई इच्छाएं पूर्ण हो सकती हैं।
सिंह राशि (Leo Zodiac)
सिंह राशि की कुंडली में राहु सातवें भाव में और गुरु एकादश भाव में विराजमान हैं। इस योग से जातकों की लंबे समय से चली आ रही परेशानियों का अंत संभव है। नौकरी की तलाश में लगे लोगों को अवसर प्राप्त हो सकते हैं। गुरु की दृष्टि तीसरे भाव पर पड़ने से आईटी, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी से जुड़े क्षेत्रों में सफलता के योग बनेंगे। सातवां भाव विवाह और व्यापार का सूचक है, जहाँ राहु की स्थिति और उन पर गुरु की दृष्टि अचानक विवाह के योग बना सकती है। गुरु के एकादश भाव में रहने से आय में बढ़ोतरी होगी और संतान प्राप्ति के संकेत भी बनेंगे। शेयर मार्केट और निवेश के माध्यम से भी अच्छा लाभ मिल सकता है।
कर्क राशि ( Cancer Zodiac)
कर्क राशि के जातकों के लिए नवम-पंचम राजयोग लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इस अवधि में निवेश से लाभ प्राप्त होगा। राहु आठवें भाव में स्थित हैं, जिससे मदिरा से जुड़े व्यवसायियों को अचानक धनलाभ मिल सकता है। राहु की दृष्टि दूसरे भाव पर होने से प्रॉपर्टी से लाभ होगा, लेकिन स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। गुरु छठे भाव के स्वामी होकर बारहवें भाव में बैठे हैं, जिससे विदेश में नौकरी या मल्टीनेशनल कंपनी में अवसर मिलने की संभावना है। हालांकि बारहवें भाव में गुरु होने के कारण धर्म और अध्यात्म से जुड़े रहना लाभकारी रहेगा। शनि नवम भाव में वक्री अवस्था में स्थित हैं, इसलिए भाग्य पर उनके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए धार्मिक कर्मकांड और पूजा-पाठ करना शुभ रहेगा।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, 28 सितंबर को तुला राशि में रहकर मंगल दिग्बली होने वाले हैं। ऐसे में कुंभ राशि में मौजूद राहु और मिथुन राशि में मौजूद गुरु एक-दूसरे से त्रिकोण में होंगे, जिससे काम त्रिकोण नामक योग का निर्माण होगा। ऐसे में 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव देखने को मिलेगा, लेकिन इन तीन राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है। जानें इन लकी राशियों के बारे में
डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।