Guru Purnima 2025: हिंदू धर्म में आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को काफी महत्व है, क्योंकि इस दिन गुरु-शिष्य के पवित्र संबंध का प्रतीक गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन शिष्य अपने गुरु को जूवन में एक नई दिशा, उत्तम भविष्य देने के लिए प्रति श्रद्धा, सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करते हैं। इस दिन महर्षि वेदव्यास के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। इन्होंने महाभारत सहित कई धार्मिक ग्रंथों की रचना की थी। इसी के कारण इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। गुरु कौन होते हैं? हमारे जीवन में गुरु की आवश्यकता क्यों होती है? एक सच्चे गुरु को कैसे पहचाना जाए? इन प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए, गुरु पूर्णिमा के इस शुभ अवसर पर विश्वविख्यात आध्यात्मिक गुरु एवं मानवतावादी नेता, गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी के कुछ सुंदर और गहन विचार दिए है जिन्हें पढ़कर शायद आप अपने प्रश्नों का उत्तर जान लें।
अगर कोई अपनी भावनाएं शेयर करें, तो हमें सुनना चाहिए कि नहीं? प्रेमानंद महाराज से आप भी जान लें उत्तर
गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी कहते हैं कि गुरु एक जात बृद्धिमत्ता देते हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन भक्त पूर्णरुप से पिछले कुछ सालों में उनके जीवन में हुए बदलावों के बारे में आंकता है। इसके साथ ही उसने क्या सबक सीखा और किस तरह से अपना ज्ञान बढ़ाया। इससे हमें सुधार की एक गुंजाइश नजर आती है। कृतज्ञता और विनम्रता मिलकर आपके अंदर एक सच्ची प्रार्थना को जन्म देते हैं! गुरु एक तत्व है – एक तत्व, एक गुण; आपके अंदर। ये किसी शरीर या फिर रूप तक ही सीमित नहीं है। सच्चे गुरु की पहचान को लेकर गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी ने कहा कि आपको अपने दिल की बात सुननी चाहिए। गुरु को बाहरी रूप से नहीं, बल्कि अपने दिल की गहराइयों से पहचानना चाहिए।
“गुरु आपसे आपकी भलाई और मार्ग पर प्रगति के अलावा और कुछ भी नहीं चाहते हैं।”
“गुरु आपको केवल ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि वे आपके भीतर जीवन ऊर्जा को जगाते हैं।”
“जब कोई गुरु तत्व में स्थित होता है, तो सभी सीमाएँ मिट जाती हैं और व्यक्ति सम्पूर्ण सृष्टि के साथ एकत्व अनुभव करने लगता है।”
“जीवन में गुरु होने से ज्ञान, गति, उपलब्धि और स्वतंत्रता – ये चारों प्राप्त होते हैं।”
“गुरु का अर्थ है आपके अस्तित्व का सर्वोच्च, विशालतम स्वरूप।”
“इस दिन की पूर्णिमा ‘जीवन में पूर्णता’ की याद दिलाती है।”
“इस संसार में सबसे बड़ा सौभाग्य एक शिष्य या भक्त होना है।”
“सड़क रहित नगर, खजाने रहित राजा, व्यापार रहित व्यापारी, नाक रहित चेहरा, ज्ञान रहित जीवन और गुरु रहित जीवन – ये सभी एक समान माने जाते हैं।”
“गुरु ज्ञान है, गुरु प्रेम है, गुरु प्रकाश है। गुरु, ईश्वर और आत्मा में कोई भेद नहीं है।
टैरो राशिफल के अनुसार, जुलाई माह में कई राशि के जातकों के लिए लकी हो सकता है, क्योंकि इस माह गुरु आदित्य, धन शक्ति, गजकेसरी , महालक्ष्मी सहित कई राजयोगों का निर्माण करने वाले हैं। ऐसे में कुछ राशियों को किस्मत का पूरा साथ मिल सकता है। अटके हुए काम एक बार फिर से आरंभ हो सकते हैं। टैरो गुरु मधु कोटिया के अनुसार, टैरो के मुताबिक ये माह कुछ राशियों का खास हो सकता है। जानें मासिक टैरो राशिफल
