Guru Purnima 2022: आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस साल गुरु पूर्णिमा का पर्व 13 जुलाई को मनाया जाएगा। इस साल रुचक, भद्र, हंस और शश नाम के चार राजयोग गुरु पूर्णिमा को खास बना रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के आशीर्वाद से धन-संपत्ति, सुख-शांति का वरदान पाया जा सकता है। साथ ही जिन लोगों की जन्मकुंडली में गुरु ग्रह नकारात्मक या अशुभ स्थित हों वो लोग भी गुरु की पूजा करके बृहस्पति के नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं गुरु उपासना की सही विधि…

बन रहे हैं 4 विशेष योग:
पंचांग के मुताबिक इस साल गुरु पूर्णिमा के दिन मंगल, बुध, गुरु और शनि शुभ स्थिति में विराजमान होंगे। इनकी इस शुभ स्थिति की वजह से गुरु पूर्णिमा पर 4 राजयोग का निर्माण हो रहा है। साथ ही इस दिन बेहद शुभ बुधादित्य योग का भी निर्माण हो रहा है। ज्योतिष शास्त्र के दृष्टिकोण से यह स्थिति बेहद शुभ मानी जा रही है। जिस कारण गुरु पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ गया है।

गुरु पूर्णिमा का महत्व:
गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने-अपने गुरुओं की पूजा- वदंना करते हैं और चरण धोकर आशीर्वाद लेते हैं। साथ ही गुरु को उपहार भी देते हैं। गुरुओं के साथ इस दिन महर्षि वेदव्यासजी की भी पूजा की जाती है। आपको बता दें कि हिंदू धर्म में गुरु का स्थान देवताओं से भी ऊंचा माना गया है। इसलिए अन्य देवी देवताओं की तरह इनके लिए भी एक समर्पित दिन रखा गया है। गुरु पूर्णिमा के दिन से ही ऋतु परिवर्तन भी होता है।

इस विधि से करें गुरु उपासना:
गुरु पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें। साथ ही जिनको भी आप गुरु मानते हो उनको उच्च आसन पर बिठाएं। उनके चरण जल से धोएं और फिर पोंछे। इसके बाद चरणों में पीले या सफेद पुष्प अर्पित करें। उन्हें यथासंभव वस्त्र प्रदान करें। फल और मिठाई भी दे सकते हैं। साथ ही गुरु फिर गुरु के चरणों में वदंन करें और इस मंत्र का जाप करें…

गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा,

 गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः