हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन लोग अपने गुरु का विधिवत पूजन करते हैं। इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व 13 जुलाई को मनाया जाएगा। साथ ही वैदिक पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 13 जुलाई को प्रात: काल सुबह 4 बजकर 2 मिनट से हो रहा है। जबकि पूर्णिमा तिथि का समापन 13 जुलाई को ही देर रात 12 बजकर 5 मिनट पर होगा। वहीं आपको राशि अनुसार ऐसे गुरु मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनको करने से आपको अक्षय पुण्य का फल प्राप्त हो सकता है।
राशि अनुसार इन मंत्रों का करें जाप:
गुरु पूजन से पहले सभी राशि के लोग इस मंत्र का करें जाप-
गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा।
गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः।।
मेष राशि वालों के लिए गुरु मंत्र – ॐ अव्ययाय नम:
वृषभ राशि वालों के लिए गुरु मंत्र – ॐ जीवाय नम:
मिथुन राशि राशि वालों के लिए गुरु मंत्र – ॐ धीवराय नम:
कर्क राशि वालों के लिए गुरु मंत्र – ॐ वरिष्ठाय नम:
सिंह राशि वालों के लिए गुरु मंत्र – ॐ स्वर्णकायाय नम:
कन्या राशि वालों के लिए गुरु मंत्र – ॐ हरये नम:
तुला राशि वालों के लिए गुरु मंत्र – ॐ विविक्ताय नम:
वृश्चिक राशि वालों के लिए गुरु मंत्र – ॐ जीवाय नम:
धनु राशि वालों के लिए गुरु मंत्र – ॐ जेत्रे नम:
मकर राशि वालों के लिए गुरु मंत्र – ॐ गुणिने नम:
कुंभ राशि वालों के लिए गुरु मंत्र – ॐ धीवराय नम:
मीन राशि के लिए गुरु मंत्र – ॐ दयासाराय नम:
4 शुभ योग का हो रहा निर्माण:
पंचांग के अनुसार इस साल गुरु पूर्णिमा के दिन मंगल, बुध, गुरु और शनि शुभ स्थिति में स्थित होंगे। इनकी इस शुभ स्थिति की वजह से गुरु पूर्णिमा पर रुचक, भद्र, हंस और शश नामक 4 राजयोग बन रहे हैं। साथ ही बुधादित्य योग का भी निर्माण हो रहा है। ज्योतिष के दृष्टिकोण से यह स्थिति बहुत शुभ मानी जा रही है। जिस कारण गुरु पूर्णिमा का महत्व और भी बढ़ गया है। क्योंकि इन 4 योगों का निर्माण सालों बाद होता है।