Guru Atichari 2025: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में देवताओं के गुरु बृहस्पति को सबसे प्रभावशाली ग्रहों में से एक माना जाता है, जो करीब एक साल बाद राशि परिवर्तन करते हैं और एक राशि चक्र पूरा करने में 12 साल का वक्त लग जाता है। लेकिन इस साल गुरु का राशि परिवर्तन करना काफी प्रभावशाली माना जाता है। 14 मई 2025 को देवगुरु बृहस्पति राशि परिवर्तन करेंगे और मिथुन राशि में गोचर करेंगे। मिथुन राशि में गोचर करते ही गुरु अतिचारी अवस्था में आ जाएंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अतिचारी वह अवस्था होती है जब किसी भी ग्रह की चाल सामान्य चाल से दो गुना से अधिक तीव्र होती है। साधारण शब्दों में कहा जाएं, तो जो ग्रह एक वर्ष में राशि परिवर्तन करता है और वह छह माह में ही राशि परिवर्तन करने लगें, तो वह अतिचारी कहलाएंगा। बता दें कि यह स्थिति केवल दो वर्ष नहीं बल्कि पूरे 8 वर्षों तक यानी 2033 तक चलेगी। ऐसा पहली बार नहीं है कि जब गुरु अतिचारी हुए हैं। इससे पहले ही काफी बार हो चुके हैं, जो इतिहास भी जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं गुरु के अतिचारी होने का क्या है इतिहास और देश-दुनिया पर क्या पड़ेगा इसका असर?…
मालव्य राजयोग बनने से इस हफ्ते ये 5 राशियां होगी लकी
देवगुरु गुरु 14 मई को मिथुन राशि में गोचर करेंगे और 18 अक्टूबर कर इसी राशि में रहकर फिर राशि परिवर्तन करके कर्क राशि में चले जाएंगे। कर्क राशि गुरु की उच्च की राशि है लेकिन अपनी उच्च की राशि में लगभग दो माह तक ही रहेंगे और पुनः 5 दिसंबर को मिथुन राशि में आ जाएंगे। इसके बाद गुरु इस राशि में 6 जून तक रहेंगे।
गुरु के अतिचारी होने पर हुई थी इतिहास में कई बड़ी घटनाएं
बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है कि गुरु अतिचारी हुए हैं। बता दें कि महाभारत काल से लेकर कोरोना काल तक न जाने कितनी बड़ी घटनाएं हुई थी।
गुरु अतिचारी में हुआ था महाभारत युद्ध
महाभारत काल में ठीक ऐसी ही घटना घटित हुई थी जब देवगुरु पूरे आठ वर्ष के लिए अतिचारी अवस्था में गोचर किए थे और उसका परिणाम किसी से छुपा नहीं है। उस समय कौरवों और पांडवों के बीच जबरदस्त युद्ध हुआ था। इतना अधिक रक्तचाप होने के बाद ही पांडवों ने सत्ता हासिल कर पाया था।
गुरु अतिचारी का द्वितीय विश्य युद्ध का कनेक्शन
साल 1938 में भी गुरु अतिचारी हुए थे। गुरु 31 मार्च 1038 को कुंभ राशि में गोचर किया था। इसके बाद 30 सितंबर को मकर राशि और 7 नवंबर को पुन: कुंभ राशि में आ गए थे उस समय भी दुनिया पर काफी खतरा मंडराया था। उस समय हिटलर के प्रकोप के अलावा साल 1939 में द्वितीय विश्व युद्ध हुआ था। जिसमें करोड़ों लोगों ने अपनी जान गवाई थी।
गुरु अतिचारी और भारत देश आजाद
साल 1947 में भी गुरु अतिचारी हुए थे। 18 जनवरी को गुरु वृश्चिक राशि में प्रवेश किया था। इसके बाद 11 मई को तुला राशि और 17 सितंबर को पुन:वृश्चिक राशि में आ गए थे।उस समय देशभर में आजादी के लिए लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इसके साथ ही 15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली थी।
गुरु अतिचारी और कोरोना वायरस महामारी
साल 2020 में भी गुरु अतिचारी हुए थे। 30 मार्च 2020 को गुरु मकर राशि में प्रवेश करके अतिचारी हुए थे और 30 जून को पुन: राशि परिवर्तन करके धनु राशि में प्रवेश किए थे और नवंबर में दोबारा मकर राशि में आ गए थे। गुरु की तेज गति से चलने से दुनियाभर के लोगों को कोरोना वायरस की महामारी का प्रकोप झेलना पड़ा था। जिसमें लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी काफी बुरा असर पड़ा था। हालांकि, इसे राहु-केतु की स्थिति के कारण माना जाता है। लेकिन कोरोना काल गुरु के कारण भी हुआ था।
साल 2025 में गुरु के अतिचारी होने पर दुनियाभर में क्या पड़ेगा प्रभाव?
ज्योतिषों के अनुसार, साल 2025 में गुरु के अतिचारी होने से दुनियाभर में काफी अधिक प्रभाव देखने को मिल सकता है। इससे करियर, आर्थिक स्थिति के साथ-साथ युद्ध, संकट, आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ सकता है। इस अवधि में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
गुरु की चाल में तेजी होने से दुनियाभर में कई युद्ध हो सकते हैं। कई देशों के बीच युद्ध होने की आशंका मानी जा रही है। इसके साथ ही एक बार फिर आर्थिक मंदी की ओर बढ़ सकते हैं। जैसा 1929 में हुआ था। जब अमेरिकी शेयर बाजार में एक बड़ी गिरावट आई। जो इस दुर्घटना का वैश्विक प्रभाव पड़ा और इसे महामंदी की शुरुआत माना जाता है।
गुरु के अतिचारी होने से धर्म संबंधित घटनाएं बढ़ सकती है। विभिन्न धर्मों के लोग अपनी परंपराएं दूसरों के ऊपर थोपने की कोशिश कर सकते हैं। देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में ऐसी स्थिति देखने को मिल सकती है।
गुरु के अतिचारी होने का 12 राशियों पर प्रभाव (Guru Gochar 2025 Horoscope)
गुरु के अतिचारी होने से 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव अवश्य देखने को मिल सकता है। मेष राशि, सिंह, तुला, धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों को काफी लाभ मिल सकता है। इस राशि के जातकों का अध्यात्म की ओर अधिक झुकाव हो सकता है। सुख-सुविधाओं में तेजी से वृद्धि हो सकती है। आपको यात्रा के कई अवसर मिल सकते हैं। आत्मविश्वास में तेजी से वृद्धि हो सकती है। इसके साथ ही नौकरी-बिजनेस में भी काफी लाभ मिल सकता है। आर्थिक स्थिति अच्छी रहने वाली है।
मई माह में गुरु, राहु-केतु के अलावा शुक्र, बुध और सूर्य राशि परिवर्तन करेंगे, जिससे 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव अवश्य देखने को मिलने वाला है। बता दें कि मई माह में कई राशि के जातकों की किस्मत चमक सकती है। आइए जानते हैं मई माह में कैसा बीतेगा 12 राशियों का दिन। जानें मासिक राशिफल
धर्म संबंधित अन्य खबरों के लिए क्लिक करें
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।