Gupt Navratri June 2015 Date in India: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। आपको बता दें कि वैसे तो साल में 4 नवरात्रि आती हैं लेकिन जिनमें से 2 प्रकट होती हैं और दो गुप्त होती हैं। इस बार की आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 26 जून से शुरू रही है। जो होकर 4 जुलाई तक रहेगी। गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा की गुप्त रूप से पूजा आराधना की जाती है. यानी गोपनीय तरह से तंत्र विद्या सीखने वाले लोग माता रानी को प्रसन्न करते हैं। इन दिनों दस महाविद्याओं की भी विशेष पूजा की जाती है। ये हैं दस महाविद्या काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला। मान्यता है कि इन महाविद्याओं की साधना करके समस्त प्रकार के सांसारिक सुख , ऐश्वर्य, मान-सम्मान, पद- प्रतिष्ठा, भूमि, संपत्ति इत्यादि की प्राप्ति होती है। साथ ही शत्रुओं पर विजय मिलती है।

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गुप्त नवरात्रि पर घटस्थापना शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार गुप्त नवरात्रि पर घटस्थापना के तीन शुभ मुहूर्त हैं। इनमें घटस्थापना की जा सकती है। पहला शुभ मुहूर्त सुबह 5.23 बजे से सुबह 7.08 बजे तक है। दूसरा शुभ मुहूर्त 7.08 बजे से 8.55 बजे तक है। तीसरा शुभ मुहूर्त 10.39 बजे 12.24 बजे तक है। इन मुहूर्तों में कलश स्थापन किया जा सकता है।

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बन रहा है शुभ योग

गुप्त नवरात्रि पर सर्वार्थ सिद्ध योग बन रहा है। इस योग को ज्योतिष में बेहद विशेष माना जाता है। इस योग में पूजा का दोगुना फल प्राप्त होता है।

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गुप्त नवरात्रि का महत्व (Ashadha Gupt Navratri 2025 Mahatav)

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की गुप्त आराधना की जाती है। क्योंकि मान्यता है कि अगर आपने अपनी पूजा के बारे में किसी अन्य सदस्य को बताया तो पूजा का फल नष्ट हो दता है। आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के अलावा मां काली और अन्य महाविद्याओं की पूजा करने का विधान है। इस दौरान तांत्रिक, साधक और अघोरी तंत्र मंत्र की सिद्धि करने के लिए गुप्त साधना करते हैं। इसमें महाविद्याओं की पूजा गुप्त तरीकों से की जाती है। गुप्त नवरात्रि में की गई पूजा में अंतर्मुख साधना को खास महत्व दिया जाता है। यानी बाहरी दिखावे की अपेक्षा आंतरिक शक्ति जागरण पर ध्यान होता है। गुप्त नवरात्रि के दौरान मांस मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।

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