Gomed Stone Benefits: वैदिक ज्योतिष में किसी भी रत्न के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए रत्न और मंत्रों का वर्णन मिलता है। क्योंकि रत्न और मंत्रों का संबंध ग्रहों से होता है। यहां हम बात करने जा रहे हैं गोमेद रत्न के बारे में, जिसका संबंध मायावी ग्रह राहु से माना जाता है। आपको बता दें कि राहु ग्रह का अपना कोई अस्तित्व नहीं है लेकिन यह जिस राशि, भाव, ग्रह-नक्षत्र से जुड़ा होता है, उसके अनुसार ही यह फल देता है। आइए जानते हैं गोमेद पहनने के लाभ और विधि…
ये लोग कर सकते हैं धारण
गोमेद रत्न को वृषभ, मिथुन, कन्या और तुला व कुंभ राशि के लोग पहन सकते हैं। क्योंकि इन ग्रहों के राशि स्वामियों से राहु ग्रह का मित्रता है। साथ ही कुंडली में राहु ग्रह अगर राशि के छठवें और आठवें भाव या लग्न में स्थित हो तो गोमेद पहनना शुभ रहता है। वहीं जन्मपत्री में राहु ग्रह शुभ स्थिति में हो और खुद छठवें व आठवें स्थान में विराजमान हो तो गोमेद धारण करने से सक्सेस मिल सकती है। राहु की महादशा में भी गोमेद अच्छा फल प्रदान करता है। वहीं अगर राहु कुंडली में निगेटिव विराजमान हो तो गोमेद पहनने से बचना चाहिए।
गोमेद पहनने के लाभ
गोमेद धारण करने से सोच सकारात्मक बनती है। साथ ही डिसीजन मेकिंग सफल होती है। वहीं जो लोग शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी में धन का निवेश करते हैं, उनके लिए भी गोमेद धारण करना शुभ हो सकता है। साथ ही जो लोग राजनीति में सक्रिय हैं वो लोग भी गोमेद पहन सकते हैं। साथ ही भ्रम और अनिर्णय से उबरने के लिए गोमेद रत्न पहनना शुभ होता है।
इस विधि से करें धारण
बाजार में गोमेद रत्न सबसे अच्छा सीलोनी आता है। साथ ही गोमेद रत्न को बाजार से 7 से सवा 8 रत्ती का खरीदना चाहिए। अगर धातु की बात करें तो गोमेद को अष्टधातु या चांदी के धातु में जड़वाकर पहनना चाहिए। वहीं गोमेद को शनिवार के दिन स्वाती, आर्दा व शतभिषा नक्षत्र में पहनना शुभ रहता है। वहीं पहनने से पहले अंगूठी को गाय के कच्चे दूध और गंगाजल से शुद्ध कर लें। इसके बाद ओम रां रावे नम: मंत्र का एक माला जप करें और मध्यमा उंगली में धारण करें।