Panna Ratan Ke Fayde: पन्ना बुध ग्रह का रत्न है। इसे संस्कृत में मरकत मणि फारसी में जमरन और अंग्रेजी में एमराल्ड कहते हैं। इसका रंग हरा होता है। यह बेहद ही शुभ रत्न है जो दक्षिण महानदी, हिमालय, गिरनार और सोम नदी के आस पास पाया जाता है। विद्यार्थी वर्ग यदि इसे धारण करे तो बुद्धि तेज होती है और कार्यों में सफलता मिलती है।

पन्ना रत्न के फायदे: इसे धारण करने से बुद्धि तेज होती है और किसी भी काम की अनिश्चितता निश्चितता में बदल जाती है। रोगियों के स्वास्थ्य को बेहतर करता है। जिस घर में पन्ना होता है वहां धन की वृद्धि होती है। सांप का भय नहीं रहता। नेत्र रोगों के लिए भी यह काफी लाभकारी माना गया है। व्यापारियों को पन्ना पहनने से लाभ होता है। इसे धारण करने से स्मरण शक्ति तेज होती है।

पन्ना किसे धारण करना चाहिए? पन्ना मिथुन लग्न वालों को सूट करता है। इन्हें परेशानियों से राहत दिलाता है। जनता से संबंधित कामों में सफलता मिलती है। कन्या लग्न वाले व्यक्ति भी इसे धारण कर सकते हैं। अगर कन्या लग्न वाले बेरोजगार हैं तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। अगर किसी के जन्म लग्न में बुध छठे, आठवें, 12वें भाव में हो तो पन्ना पहन सकते हैं। बुध यदि नीच मीन राशि का हो तब भी इसे धारण किया जा सकता है। यदि बुध शुभ स्थान का स्वामी होकर अष्टम भाव में हो तो भी पन्ना पहनना शुभ माना जाता है। यदि आप पर बुध की महादशा या अंतरदशा चल रही हो तो भी पन्ना अवश्य पहनें। यदि जन्म कुंडली में शुभ भाव 2, 3, 4, 5, 7, 9, 10 , 11वें भाव का स्वामी होकर छठे भाव में हो तो पन्ना पहनना श्रेष्ठ रहेगा। पन्ना उन लोगों को भी पहनना चाहिए जो व्यापारी हों, गणित से संबंधित कार्य करने वाले हों या फिर सेल्समैन हों। इससे लाभ के अवसर बढ़ते हैं।

कब और कैसे करें धारण? बुधवार के दिन अश्लेषा, ज्येष्ठा या रेवती, नक्षत्र हो उस दिन सूर्योदय से लगभग 10 बजे तक पन्ना पहना जा सकता है। इसे स्वर्ण की धातु में बनवाना शुभ माना गया है। पन्ना कम से कम 3 कैरेट का होना चाहिए।

पन्ना किसे धारण नहीं करना चाहिए? ये बुध ग्रह से संबंधित है। अगर बुध 6, 8, 12 पापी भावों का स्वामी है तब पन्ना नहीं पहनना चाहिए। यदि बुध की महादशा चल रही है और बुध आठवें या 12वें भाव में बैठा है तो पन्ना पहनने से बचना चाहिए। पन्ने को ओपल व हीरे के साथ नहीं पहनना चाहिए। इसे मोती के साथ भी धारण न करें।