Manik Stone: मनुष्य को रत्नों और उपरत्नों का चुनाव बहुत ही सावधानीपूर्वक से करना चाहिए। रत्न केवल शोभा बढ़ाने का साधन नहीं है बल्कि उनमें अलौलिक शक्ति का समावेश होता है। कुछ लोग रत्न को शौक- शौक में धारण कर लेते हैं, जो कि गलत है। रत्न को हमेशा कुंडली का विश्लेषण कराकर ही धारण करना चाहिए। नहीं तो रत्न इंसान को अर्श से फर्श पर लाने की क्षमता रखते हैं।
आपको बता दें कि वहीं कभी भी मारक, बाधक, नीच या अशुभ ग्रह का रत्न धारण नहीं करना चाहिए। रत्न हमेशा शुभ ग्रह यदि अस्त है या निर्बल है तो उसका धारण करना चाहिए। ताकि उस ग्रह के प्रभाव को बढ़ाकर शुभ फलों में बढ़ोतरी की जा सके। आज हम बात करने जा रहे हैं माणिक्य रत्न के बारे में, जो सूर्य ग्रह का रत्न है। भगवान सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है। साथ ही सूर्य पिता और आत्मा के भी कारक होते हैं। इसलिए इन्हीं के प्रताप से मानव जीवन का विकास होता है। वहीं कुंडली में अगर सूर्य देव कमजोर अवस्था में हो तो मनुष्य को माणिक्य रत्न धारण करना चाहिए। आइए जानते हैं माणिक्य धारण करने के लाभ और पहनने की सही विधि…
माणिक्य धारण करने के लाभ:
माणिक्य पहनकर सूर्य उपासना करने से सूर्य की पूजा का फल दोगुना हो जाता है। साथ ही माणिक्य धारण करने से सूर्य प्रभावित रोग( ह्रदय रोग, आंख के रोग, पित्त विकार) रोगों से मुक्ति मिलती है। साथ ही सरकारी क्षेत्र से संबंधित कार्यों में आपको सफलता और तरक्की पाने में सूर्यदेव की कृपा मिलती है।आपके अंदर ऊर्जा और आत्मबल का विकास होता है।
किन लोगों को माणिक्य धारण करना चाहिए ?
-मेष, सिंह और धनु लग्न के जातक माणिक्य धारण कर सकते हैं।
-कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न में माणिक्य साधारण परिणाम देता है।
-अगर जातक को ह्रदय और नेत्र रोग है तो भी वह माणिक्य धारण कर सकता है।
-अगर धन भाव, दशम भाव, नवम भाव, पंचम भाव, एकादश भाव में सूर्य उच्च के स्थित हैं तो भी माणिक्य धारण कर सकते हैं।
– साथ ही कुंडली में अगर सूर्य देव कमजोर स्थित हों तो भी माणिक्य धारण कर सकते हैं। साथ ही अगर सूर्य देव उच्च के या स्वराशि स्थित हैं तो भी आप माणिक्य धारण कर सकते हैं। (यह भी पढ़ें)- Weekly Horoscope, Mar. 07 – Mar. 13, 2022: बुध देव ने किया गोचर, कुंभ राशि वालों को व्यापार में धनलाभ, मीन राशि वालों को तरक्की के योग, जानिए आपके लिए कैसा रहेगा ये हफ्ता
माणिक्य धारण करने की विधि:
-माणिक्य गुलाबी या लाल रंग का अच्छा माना जाता है।
-माणिक्य का वजन कम से कम 6 से सवा 7 रत्ती का होना चाहिए।
-तांबा या सोने के धातु में माणिक्य को धारण करना सबसे शुभ माना जाता है।
-सूर्योदय होने के एक घंटे बाद माणिक्य रत्न को धारण करें।
-माणिक्य धारण करने से पहिले अंगूठी को गाय के दूध और गंगाजल से शुद्ध कर लें। उसके बाद मंदिर के सामने बैठकर एक माला सूर्य देव के मंत्र ऊं सूर्याय नम: का जाप करें। साथ ही सूर्य ग्रह से संबंधित कुछ दान निकालकर मंदिर में किसी पुजारी को चरण स्पर्श करके देकर आएं और फिर अंगूठी को धारण करें। (यह भी पढ़ें)- Rashi Parivartan 2022 : मार्च में 3 ग्रह करने जा रहे गोचर, इन 4 राशि वालों को धनलाभ के साथ तरक्की के भी प्रबल योग