Panna Benefits: ज्योतिष शास्त्र में रत्न पहनने के कई निर्देश दिए गए हैं। कई लोग विशेषज्ञों के अनुसार रत्न पहनते हैं तो वहीं कई लोग बिना किसी सलाह के भी धारण करते हैं। रत्न शास्त्र के अनुसार ग्रहों के दुष्प्रभावों को कम करने और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए व्यक्ति को रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है।
ज्योतिष शास्त्र में मुख्य रूप से नौ रत्न होते हैं, जिन्हें पहना जाता है। जानकारी के मुताबिक सूर्य को खुश करने के लिए माणिक्य रत्न धारण करते हैं। लेकिन रत्न शास्त्र में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि राशि के अनुसार ही व्यक्ति को रत्न धारण करने चाहिए। इन्हीं रत्नों में एक रत्न है पन्ना (Panna Gem), पन्ना बुध ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना गया है। इसे इंग्लिश में एमराल्ड कहते हैं।
मंगल को खुश करने के लिए मूंगा, गुरु के लिए पुखराज, शनि के लिए नीलम, शुक्र के लिए हीरा, चंद्र के लिए मोती धारण किया जाता है तो वहीं बुध के लिए पन्ना पहना जाता है। रत्नों को धारण करने से ग्रहों की शुभ प्रभावों में वृद्धि होती है और जीवन में तरक्की दिलाने का कारक बनते हैं। लेकिन इन सब रत्नों को पहनने के लिए खास दिन और समय होता है। कौन सा रत्न किस दिन पहनना है ये विशेषज्ञों की निर्देषों के अनुसार ही पहनना चाहिए।
पन्ना धारण करने के नियम: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पन्ना रत्न चांदी या सोने में जड़वाकर हाथ की सबसे छोटी उंगली में बुधवार के दिन ही धारण करना चाहिए। वहीं पन्ना कम से कम सवा 7 कैरेट में ही धारण करना चाहिए। धारण करने से पहले पन्ना रत्न एक रात के लिए गंगाजल, शहद, मिश्री, और दूध के घोल में डुबोकर रख दें और फिर बुधवार के दिन ऊं बुं बुधाय नमः मंत्र का 108 बार जाप कर धारण कर लें।
ऐसा पन्ना न करें धारण: जानकार कहते हैं बिल्कुल शुद्ध रत्न का पन्ना मिलना काफी मुश्किल होता है। कई बार बाजार में दोषपूर्ण पन्ना मिलता है तो काफी दोषपूर्ण होता है। अगर आप पन्ना पहन रहे हैं तो ऐसा पन्ना नहीं पहनना चाहिए ऐसा पन्ना छोटी-छोटी टूटी हुई धारियां हों। ये वंश वृद्धि के लिए घातक सिद्ध होता है। वहीं अगर आपका पन्ना खुरदरा है तो इससे आपके पशुओं में नुकसान उठाना पड़ सकता है। अगर आपका पन्ना थोड़ा-बहुत जला सा दिखे तो ऐसा पन्ना भी अशुभ माना जाता है। ऐसे रत्नों का पहनना काफी नुकसानदायी होता है।