Geeta Gyan in Hindi, bhagwat geeta in hindi : कौरवों और पांडवों के बीच युद्ध शुरु होने ही जा रहा था कि अर्जुन युद्ध के परिणामों को लेकर चिंतित होने लगे। क्योंकि उनके सामने युद्ध भूमि में थे उनके भाई और उनके प्रियजन जिनके साथ उन्हें युद्ध करना था। अर्जुन की यह दशा देखकर भगवान कृष्ण चिंतित हो गए और उन्होंने समय के चक्र को रोककर अर्जुन को कुछ उपदेश दिए जो श्रीमद्भगवदगीता के नाम से प्रसिद्ध है। श्रीमद्भगवदगीता के 700 श्लोकों में उन हर समस्याओं का समाधान मिलता है जो मनुष्य के जीवन में कभी न कभी आती हैं। जानिए गीता की कुछ महत्वपूर्ण उपदेशों के बारे में…
– गीता के एक श्लोक में बताया गया है कि जो व्यक्ति बिना वजह किसी पर संदेह करता है वह कभी खुश नहीं रह सकता। संदेह करने पर रिश्तों में कड़वाहट पैदा होती है।
– गीता के एक श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण ने आत्मा के अजर-अमर और शाश्वत होने की कही है। आत्मा जिसे न शस्त्र काट सकते हैं, न आग उसे जला सकती है। न पानी उसे भिगो सकता है, न हवा उसे सुखा सकती है।
– गीता का एक उपदेश यह भी है कि कर्म पर ही तुम्हारा अधिकार है, लेकिन कर्म के फलों में कभी नहीं… इसलिए कर्म को फल के लिए मत करो और न ही काम करने में तुम्हारी आसक्ति हो।
– गीता में बताया गया है कि वासना, गुस्सा और लालच-ये तीनों चीजें नरक के द्वार हैं। अगर आपको सुखी रहना है तो आपको इन तीनों चीजों से दूर रहना चाहिए।
– गीता के एक श्लोक में बताया गया है कि अगर कोई व्यक्ति बुद्धिमान है तो उसे समाज की भलाई के लिए भी काम करना चाहिए। ऐसे व्यक्ति को बिना किसी स्वार्थ के समाज के लिए भी योगदान देना चाहिए।
– गीता में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को समझाते हुए कहा है कि हे भारत (अर्जुन), जब-जब धर्म ग्लानि यानी उसका लोप होता है और अधर्म में वृद्धि होती है, तब-तब मैं (श्रीकृष्ण) धर्म के अभ्युत्थान के लिए स्वयम् की रचना करता हूं अर्थात अवतार लेता हूं।
– गीता के उपदेशों में एक यह भी है कि जो व्यक्ति भगवान को याद करते हुए मृत्यु को प्राप्त होता है वह सीधा भगवान के धाम को प्राप्त होता है।
– गीता में कहा गया है कि जो भी जीव जन्म लेता है उसकी मृत्यु भी निश्चित है। इसलिए जो चीज निश्चित है उसके लिए शोक या पछतावा किस बात का है।