Ganesh Visarjan 2023: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी 19 सितंबर से देशभर में गणेश उत्सव आरंभ हो गया था, जिसका समापन अनंत चतुर्दशी तिथि के साथ हो रहा है। इन 10 दिनों में बप्पा की मूर्ति को भक्त घर, पांडाल में विधि-विधान से स्थापित करते हैं और हर एक दिन पूजा करते हैं। माना जाता है कि विघ्नहर्ता अपने भक्तों के हर दुख-दर्द को हर लेते हैं। मान्यता है कि गणेश उत्सव के दौरान बप्पा पृथ्वी में ही रहते हैं। ऐसे में बप्पा की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। गणपति बप्पा को गणेश चतुर्थी के दिन स्थापित करते हैं। इसके बाद कई लोग दूसरे, तीसरे, पांचवे, सातवें या फिर दसवें दिन विसर्जित कर देते हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा को इस साल के लिए विदा कर दिया जाता है और अगले साल आने के लिए आमंत्रित कर दिया था। अगर आप भी अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा की विदाई करना चाहते हैं, तो जान लें शुभ मुहूर्त और विसर्जन करने की विधि।

अनंत चतुर्दशी 2023 पर गणेश विसर्जन करने का शुभ मुहूर्त

गणपति विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त

प्रातःकाल का मुहूर्त (शुभ) – सुबह 05 बजकर 39 मिनट से सुबह 07 बजकर 09 मिनट बजे तक
प्रातःकालीन मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) – सुबह 10 बजकर 09 बजे से दोपहर 02 बजकर 39 बजे तक
दोपहर का मुहूर्त (शुभ) – शाम 04 बजकर 10 बजे से शाम 05 बजकर 40 बजे तक
शाम का मुहूर्त (अमृत, चर) – शाम 05 बजकर 40 बजे से रात 08 बजकर 40 बजे तक
रात्रि मुहूर्त (लाभ) – रात 11 बजकर 40 से 01 बजकर 10 रात, 29 सितंबर
चतुर्दशी तिथि आरंभ – 27 सितंबर 2023 को रात 10 बजकर 18 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समाप्त – 28 सितंबर 2023 को शाम 06 बजकर 49 मिनट तक

ऐसे करें गणेश जी का विसर्जन

अनंत चतुर्दशी के दिन सूर्योदय के समय उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद गणपति बप्पा की पूजा करें। सबसे पहले आसन में बैठ जाएं और एक पुष्प के माध्यम से जल चढ़ाएं। इसके बाद उन्हें फूल, माला, सिंदूर, अक्षत चढ़ाने के साथ 21 जोड़ी दूर्वा चढ़ाएं। फिर भोग में मोदक, बूंदी के लड्डू या अन्य मिठाई के साथ फल चढ़ाएं। फिर घी का दीपक और धूप जलाने के साथ गणेश चालीसा, मंत्र का जाप कर लें। इसके साथ ही एक साफ वस्त्र में एक मोदक या लड्डू बांधकर उनके हाथ में रख दें। कहा जाता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा पृथ्वी से अपने लोक वापस जाते हैं और उन्हें भूख काफी लगती है। ऐसे में रास्ते में खाने के लिए ये मोदक काम आएगा। इसके बाद विधिवत आरती करने के साथ हवन कर लें।

हवन करने के बाद गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त देखकर मूर्ति विसर्जित करें। अगर छोटी प्रतिमा है, तो घर में ही किसी बड़े पात्र में विसर्जन करें और बड़ी मूर्ति है तो तालाब आदि ले जाएं।

अगर घर में ही कर रहे हैं, तो एक बड़े बर्तन में साफ जल भर लें और उसमें थोड़ा सा गंगाजल और दूध भी डाल दें। इसके बाद बप्पा का जयकारा लगाते हुए अगली बार दोबारा आने की कामना करते हुए इस मंत्र को बोलें और उन्हें धीरे-धीरे जल में विसर्जित कर दें। जब कुछ घंटे या दिन के बाद मूर्ति पानी में घुल जाएं, तो इसे किसी गमले में रख दें और इसमें दूर्वा या फिर कोई अन्य पौधा लगा दें।

गणेश विसर्जन के समय बोलें ये मंत्र

ॐ गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थाने परमेश्वर
यत्र ब्रह्मादयो देवाः, तत्र गच्छ हुताशन ।।
यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्
इष्टकामसमृद्ध्यर्थ पुनरागमनाय च।।

ॐ श्री गणेशाय नमः
ॐ श्री गणेशाय नमः
ॐ श्री गणेशाय नमः

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