Ganga Saptami 2025: हिंदू धर्म में गंगा सप्तमी का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार हर सालवैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन देवी गंगा का प्राकट्य हुआ था। भगवान विष्णु के चरण धोकर ब्रह्माजी ने जल को अपने कमंडल में रख लिया था। इसी जल से गंगा उत्पन्न हुई थीं। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान कर परम पुण्यदायिनी मां गंगा की पूजा करते हैं। वहीं आपको बता दें कि इस साल गंगा सप्तमी का पर्व 3 मई को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं तिथि और दान- स्नान का शुभ मुहूर्त…
गंगा सप्तमी तिथि 2025 (Ganga Saptami Tithi 2025)
वैदिक पंचांग के मुताबिक वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 03 मई को सुबह 07 बजकर 52 मिनट पर आरंभ होगी और अगले दिन यानी 04 मई को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर इसका अंत होगा। हिंदू धर्म में उदया तिथि को आधार मानते हुए 03 मई को गंगा सप्तमी मनाई जाएगी।
गंगा सप्तमी शुभ मुहूर्त 2025 (Ganga Saptami Shubh Muhurat 2025)
पंचांग के मुताबिक इस दिन गंगा स्नान हेतु मुहूर्त सुबह 10 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक है।
पंचांग
- सूर्योदय – सुबह 05 बजकर 39 मिनट पर
- सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 58 मिनट पर
- चन्द्रोदय- सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर
- चंद्रास्त- देर रात 12 बजकर 58 मिनट पर
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 13 मिनट से 04 बजकर 56 मिनट तक
- विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 25 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 56 मिनट से 07 बजकर 18 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक
गंगा सप्तमी का महत्व
गंगा सप्तमी पर गंगा स्नान करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन गंगा स्नान करने से साधक द्वारा जाने-अनजाने में किए गए पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही आरोग्य जीवन का वरदान मिलता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।