Ganga Dussehra 2025 Daan: गंगा दशहरा का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत पावन और पुण्यदायक माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पर्व हर वर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है और इस दिन को गंगा नदी के धरती पर अवतरण का दिन माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मां गंगा इस दिन स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अगर श्रद्धा और भाव से दान किया जाए, तो वह व्यक्ति को न केवल पुण्य देता है बल्कि उसकी किस्मत भी बदल सकता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि गंगा दशहरा के दिन किन 5 चीजों का दान करना सबसे शुभ माना गया है।

जल से भरे घड़े का दान

गर्मी के मौसम में जल सबसे बड़ा वरदान होता है। राह चलते प्यासे व्यक्ति के लिए एक ठंडा जल से भरा घड़ा अमृत के समान होता है। गंगा दशहरा के दिन मिट्टी या तांबे के मटके में शीतल जल भरकर किसी मंदिर, धर्मशाला या सार्वजनिक स्थान पर रखना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। यदि जल में तुलसी पत्ता, इलायची या मिसरी भी मिला दी जाए तो इसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है। इस दान से व्यक्ति की आयु, संतति और धन में वृद्धि होती है और पापों का नाश होता है।

सफेद वस्त्रों का दान

गंगा माता को श्वेत वस्त्रों में सुशोभित देखा जाता है, क्योंकि सफेद रंग पवित्रता, शांति और करुणा का प्रतीक होता है। गंगा दशहरा पर सफेद रंग के वस्त्र जैसे धोती, साड़ी, कुर्ता-पायजामा, अंगोछा या रुमाल का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। यह दान विशेषकर ब्राह्मणों, साधुओं, वृद्धजनों या अनाथों को करें। इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

शरबत, मौसमी फल और खांड का दान

गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडक देने वाले पेय और फल बहुत लाभदायक होते हैं। गंगा दशहरा पर बेल का शरबत, नींबू पानी, ठंडाई, आम, खरबूजा, तरबूज आदि का दान करने से तन को राहत और मन को प्रसन्नता मिलती है। इन चीजों को राहगीरों, मजदूरों, अनाथालयों या वृद्धाश्रमों में बांटना बहुत पुण्यदायी होता है।

छाता, चप्पल और तौलिया का दान

गर्मी में धूप और लू से बचाव के लिए छाता, चप्पल और तौलिया जरूरी होते हैं, लेकिन बहुत से जरूरतमंदों के पास ये साधन नहीं होते। गंगा दशहरा पर इन चीजों का दान करने से न केवल आप किसी की मदद करते हैं, बल्कि आपको भी इसका फल कई गुना मिलता है। यह दान जीवन की कठिनाइयों से बचाता है और स्वास्थ्य व सम्मान में वृद्धि करता है। तौलिया शरीर की शुद्धता और गरिमा का प्रतीक है, इसका दान आत्मबल बढ़ाने वाला माना गया है।

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