Ganesh Jayanti 2025 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है। इसे विनायक चतुर्थी, वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश जी का प्राकट्य हुआ था। इसी के कारण इसे गणेश जयंती के रूप में मनाते हैं। इस दिन गणपति की विधिवत पूजा करने से हर तरह की परेशानी से निजात मिल जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस साल चतुर्थी तिथि दो दिन होने के कारण असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि आखिर किस दिन गणेश जयंती बनाना शुभ होगा। आइए जानते हैं गणेश जयंती का शुभ मुहूर्त, तिथि, मंत्र, वर्जित चंद्र दर्शन का समय और महत्व…
कब है गणेश जयंती 2025? (Ganesh Jayanti 2025 Date)
चतुर्थी तिथि आरंभ- 1 फरवरी 2025 को 11:38 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त – 02 फरवरी 2025 को 09:14 बजे तक
गणेश जयंती 2025 का शुभ मुहूर्त (Ganesh Jayanti 2025 Muhurat)
गणेश पूजा मुहूर्त – 11:38 से 13:34
अवधि – 01 घंटा 57 मिनट
वर्जित चन्द्र दर्शन का समय (Ganesh Jayanti 2025 Chandra Darshan)
गणेश जयंती के दिन चंद्रमा को देखने की मनाही होती है। इस दिन तय अवधि में चंद्रमा देखने से चोरी का दोष लगता है। इसलिए इस दिन सुबह 08:52 से 21:01 तक चंद्र दर्शन न करें।
अवधि – 12 घंटे 08 मिनट
गणेश जयंती 2025 पर बना रहा शुभ योग (Ganesh Jayanti 2025 Shubh Yog)
वैदिक पंचांग के अनुसार, गणेश जयंती पर परिघ योग के साथ शिव और रवि योग बन रहा है। इस दिन परिघ योग दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शिव योग आरंभ हो जाएगा। इसके साथ ही रवि योग सुबह में 7 बजकर 9 मिनट से बन रहा है, जो अगले दिन 2 फरवरी को तड़के 2 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।
गणेश जयंती 2025 पर भद्रा का साया (Ganesh Jayanti 2025 Bhadra Saya)
गणेश जयंती के दिन भद्रा का साया रात में 10 बजकर 26 मिनट पर लगेगी, जो 2 फरवरी को सुबह 7 बजकर 9 मिनट तक है।
गणेश जयंती 2025 का महत्व (Ganesh Jayanti 2025 Significance)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां पार्वती ने उबटन से गणेश जी की रचना की थी। इस दिन गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश जी की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन के हर एक दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही जीवन में शुभ फल पड़ता है और विध्न बाधाएं से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन चंद्र दर्शन करने की मनाही होती है। माघ शुक्ल चतुर्थी, तिलकुट चतुर्थी और वरद चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है।
गणेश जयंती पर करें गणपति जी के इन मंत्रों का जाप (Ganesh Jayanti 2025 Mantra)
- ॐ गं गणपतये नमः
- ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा
- ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा
- ॐ गं क्षिप्रप्रसादनाय नमः
- ॐ गणेश ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नमः फट
- गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्
- श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा
- गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः
- विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लंबोदराय सकलाय जगद्धितायं
- अमेयाय च हेरंब परशुधारकाय ते। मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः
नवग्रह किसी न किसी ग्रह के साथ युति करके शुभ और अशुभ योगों का निर्माण करते रहते हैं। ऐसे में ग्रहों के सेनापति मंगल ग्रह अरुण ग्रह के साथ 60 डिग्री पर रहेंगे, जिससे त्रिएकादश योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में तीन राशियों को सबसे अधिक लाभ मिलने वाला है। जानें इन राशियों के बारे में
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