Ganesh Chaturthi 2024 Date Kab Ki Hai, Puja Vidhi, Shubh Muhurat Time, Samagri List, Mantra: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेश उत्सव आरंभ हो जाता है। 10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व का समापन अनंत चतुर्दशी के साथ होता है। इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर से आरंभ हो रहा है। इस दौरान कई शुभ योगों का भी निर्माण हो रहा है। गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा को विधिवत तरीके से घर या फिर भव्य पंडाल में विराजित करते हैं। खासकर मुंबई में गणेश उत्सव बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी पर काफी शुभ योग भी बन रहा है। आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त, मूर्ति स्थापना का सही समय, विधि, मंत्र सहित सब कुछ…
गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने के साथ दूर्वा, फूल आदि चढ़ाए जाते हैं। लेकिन कुछ चीजों को चढ़ाने की मनाही होती है। इससे भगवान गणेश रुष्ट हो जाते हैं। इसलिए भगवान गणेश को कभी भी तुलसी की पत्तियां, टूटे अक्षत, केतकी के फूल,चंद्रमा से संबंधित सफेद चीजें आदि चढ़ाना शुभ माना जाता है।
गणेश चतुर्थी के दौरान गणपति जी के इन मंत्रों का जाप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।वैसे तो गणेश जी के 108 नाम सबसे प्रसिद्ध है। लेकिन आप इन 12 नामों का जाप कर सकते हैं- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन।
सुखकर्ता जय मोरया,दु:खहर्ता जय मोरया।
कृपा सिन्धु जय मोरया,बुद्धि विधाता मोरया।
गणपति बप्पा मोरया,मंगल मूर्ति मोरया।
गणेश चतुर्थी है आई , आओ खुशियां मनाएं,
सुख-समृद्धि की दुनिया में, मिलकर हम सब खुशियां बांटें।
गणपति बप्पा की कृपा से, जीवन में हर मुश्किल हो आसान ,
हर दिल में बसी उनकी मूरत, हर घर में खुशियों का आंगन हो।
भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने के बाद एक कंडे को जलाकर उसमें थोड़ा सा गुग्गुल डालें और ‘धुम्रवर्ण विनायक बैठो’ बोल दें। ऐसा करने से बप्पा आपकी पूजा अवश्य ग्रहण करते हैं। बता दें कि धुम्रवर्ण भगवान गणेश का नाम है, जो 8 अवतारों में से एक माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार, रविवार के दिन दूर्वा बिल्कुल भी नहीं तोड़ना चाहिए। इससे एक प्रकार का दोष लगता है। ऐसे में आप एक दिन पहले दूर्वा तोड़कर रख सकते हैं।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।
विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र,वक्रतुंड,गणपति गुरु गणेश
ग्लौम गणपति,ऋदि्ध पति। मेरे दूर करो क्लेश।।
एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।
विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्
गणेश चतुर्थी के दिन जब आपके घर पधार रहे हैं,तो उससे पहले अपने मुख्य द्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं। एक ओर हल्दी का और दूसरी ओर कुमकुम का स्वास्तिक बनाएं। इसके बाद दोनों ओर एक-एक घी का दीपक जला दें। मान्यता है कि ऐसा करने गणेश जी केसाथ-साथ मां लक्ष्मी भी आपके घर प्रवेश करती हैं।
फिर इस जल को अपने ऊपर छिड़क लें। इसके बाद तीन बार आचमन करें। हाथ में जल लें लें और फिर ऊं केशवाय नम: ऊं नारायणाय नम: ऊं माधवाय नमः ॐ हृषीकेशाय नम: को बोलते हुए तीन बार हाथ नमें जल लेकर मुंह में स्पर्श कराएं और फिर हाथ को सिर में स्पर्श कराएं। इसके बाद हाथों को धो लें। सबसे पहले एक चौकी में स्वास्तिक का चिन्ह बना दें। इसके बाद लाल या पीले रंग का वस्त्र डालकर फूल और अक्षत डाल दें। फिर बप्पा की मूर्ति इसमें रख दें। अब बप्पा का आवाहन करें।
हाथ में जल लेकर सबसे पहले हाथ में कुश और जल लें, फिर मंत्र बोलें - ओम अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोअपी वा। य: स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाहान्तर: शुचि:।।
अभिजित मुहूर्त का समय- सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर में 12 बजकर 44 मिनट तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग- दोपहर में 12 बजकर 34 मिनट तक।
शुभ चौघड़िया का समय- सुबह 8 बजे से 9 बजकर 33 मिनट तक।
चल चौघड़िया का समय- दोपहर में 12 बजकर 38 मिनट से 2 बजकर 11 मिनट तक।
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जयो
वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।।
7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 2 मिनट से लेकर दोपहर के 1 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त में बप्पा को स्थापित करना शुभ होगा। बता दें कि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:54 बजे से दोपहर 12:44 बजे तक है।
7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 2 मिनट से लेकर दोपहर के 1 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त में बप्पा को स्थापित करना शुभ होगा। बता दें कि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:54 बजे से दोपहर 12:44 बजे तक है।
मुहूर्त, पूजा विधि सहित अन्य जानकारी के लिए
गुरु श्री श्री रवि शंकर जी के अनुसार, गणेश चतुर्थी की पूजा के बाद मूर्तियों को विसर्जित करने की परंपरा इस समझ को मजबूत करती है कि भगवान मूर्ति में नहीं हैं, वे हमारे अंदर हैं। इसलिए साकार स्वरूप में सर्वव्यापी का अनुभव करना और साकार स्वरूप से आनंद प्राप्त करना ही गणेश चतुर्थी का सार है।
शुभ मुहूर्त: 11:03 से दोपहर 01:34 तक रहेगा।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:54 से दोपहर 12:44 तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:24 से दोपहर 03:14 तक।
रवि योग: सुबह 06:02 से दोपहर 12:34 तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग: दोपहर 12:34 से अगले दिन सुबह 06:03 तक।
गणेश चतुर्थी के मौके पर भगवान गणेश को मोदक के लड्डू के अलावा दुर्वा, फूल,केले और सिंदूर अर्पित करना शुभ माना जाता है।
गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने के साथ दूर्वा, फूल आदि चढ़ाए जाते हैं। लेकिन कुछ चीजों को चढ़ाने की मनाही होती है। इससे भगवान गणेश रुष्ट हो जाते हैं। इसलिए भगवान गणेश को कभी भी तुलसी की पत्तियां, टूटे अक्षत, केतकी के फूल,चंद्रमा से संबंधित सफेद चीजें आदि चढ़ाना शुभ माना जाता है।
भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने के बाद एक कंडे को जलाकर उसमें थोड़ा सा गुग्गुल डालें और ‘धुम्रवर्ण विनायक बैठो’ बोल दें। ऐसा करने से बप्पा आपकी पूजा अवश्य ग्रहण करते हैं। बता दें कि धुम्रवर्ण भगवान गणेश का नाम है, जो 8 अवतारों में से एक माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार, रविवार के दिन दूर्वा बिल्कुल भी नहीं तोड़ना चाहिए। इससे एक प्रकार का दोष लगता है। ऐसे में आप एक दिन पहले दूर्वा तोड़कर रख सकते हैं।
गणेश चतुर्थी के दिन काफी शुभ योग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ब्रह्म और इंद्र योग बन रहा है। इसके साथ ही स्वाति और चित्रा नक्षत्र भी रहेगा। ऐसे में कुछ राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है। बता दें कि वृषभ, कन्या और वृश्चिक राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलने वाला है।
गणेश चतुर्थी के दौरान गणपति जी के इन मंत्रों का जाप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।वैसे तो गणेश जी के 108 नाम सबसे प्रसिद्ध है। लेकिन आप इन 12 नामों का जाप कर सकते हैं। इससे जीवन के हर एक कष्ट दूर सकते हैं। इसके साथ ही हर क्षेत्र में सफलता के साथ-साथ घर में खुशियां ही खुशियां आती है। सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन।
घर में पधारो गजाननजी,
मेरे घर में पधारो
रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा,
मेरे घर में पधारो ॥
॥ घर में पधारो गजाननजी ॥
राम जी आना,
लक्ष्मण जी आना
संग में लाना सीता मैया,
मेरे घर में पधारो ॥
॥ घर में पधारो गजाननजी ॥
ब्रम्हा जी आना,
विष्णु जी आना
भोले शशंकर जी को ले आना,
मेरे घर में पधारो ॥
॥ घर में पधारो गजाननजी ॥
लक्ष्मी जी आना,
गौरी जी आना
सरस्वती मैया को ले आना,
मेरे घर में पधारो ॥
॥ घर में पधारो गजाननजी ॥
विघन को हारना,
मंगल करना,
कारज शुभ कर जाना,
मेरे घर में पधारो ॥
॥ घर में पधारो गजाननजी ॥
अभिजित मुहूर्त का समय- सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर में 12 बजकर 44 मिनट तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग- दोपहर में 12 बजकर 34 मिनट तक।
शुभ चौघड़िया का समय- सुबह 8 बजे से 9 बजकर 33 मिनट तक।
चल चौघड़िया का समय- दोपहर में 12 बजकर 38 मिनट से 2 बजकर 11 मिनट तक।
पर्यावरण का ध्यान रखते हुए मिट्टी की मूर्ति बनाना अच्छा होता है, क्योंकि ये पानी में आराम से घुल जाती है। लेकिन इसके अलावा पौराणिक कहानी भी है। दरअसल, मां पार्वती ने मिट्टी का ही पुतला बनाया था, जिसमें उन्होंने प्राण डाले थे। मिट्टी से बनी प्रतिमा में जीवन के पांच जरूरी तत्व जल, भूमि, वायु, अग्नि और आकाश शामिल होते हैं।

पग में पुष्प खिले, हर खुशी आपको मिले।
कभी न हो दुखों का सामना, यही मेरी गणेश चतुर्थी की शुभकामना
गणपति बप्पा मोरया
भगवान गणेश आपको खुशियां सम्पूर्ण दें
जो भी भक्ति इनकी करें उसे सुख-संपत्ति भरपूर दें।
गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं
आपकी खुशियां गणेश जी की सूंड की तरह लंबी हो
आपकी जिंदगी उनके पेट की तरह मोटी हो
और जीवन का हर पल लड्डू की तरह मीठा हो
गणपति बप्पा मोरया
गणेश उत्सव के दौरान सबसे ज्यादा प्रसिद्ध मुंबई के लालबागचा राजा यानी लालबाग के राजा गणपति को देखने की हर किसी का सपना होगा। उनकी पहली झलक सामने आ गई है। गुरुवार शाम को लालबाग के राजा ने पहले दर्शन दिए।
https://twitter.com/LalbaugchaRaja/status/1831817049380942229

