हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं इस दौरान लोग 10 दिन तक भगवान गणेश की मूर्ति को घर में ऱखते हैंं और उनकी आराधना करते हैं। साथ ही 10 दिन बाद मतलब अनंत चतुर्दशी पर उनका विसर्जन किया जाता है। शुभ मुहूर्त पर बप्पा को पवित्र जल में विसर्जित कर विदाई दी जाती है। वहीं विदाई के समय गणेश आरती करना जरूरी होती है। आइए जानते हैं इस आरती के बारे में…
Ganesh Ji Ki Aarti: यहां पढ़े श्री गणेश जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी
गणेश विसर्जन का समय
शास्त्रों के अनुसार गणेश विसर्जन सूर्योदय के बाद किया जा सकता है। इस साल सूर्योदय 16 सितंबर को सुबह 06:08 बजे होगा। इसलिए आप गणेश विसर्जन सुबह 06:08 बजे से शुरू कर सकते हैं।
गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त
दोपहर का मुहूर्त (शुभ): दोपहर 03:19 बजे से शाम 04:51 बजे तक.
शाम का मुहूर्त (लाभ): शाम 07:51 बजे से रात 09:19 बजे तक.
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर): रात 10:47 बजे से 03:12 बजे तक, 18 सितंबर
श्री गणेश आरती (Ganesh Aarti)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जयो
विसर्जन के दौरान इन मंत्रों का करें जाप
ॐ यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
2. गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ स्वस्थाने परमेश्वर!
मम पूजा गृहीत्मेवां पुनरागमनाय च॥