प्रथम पुज्य श्री गणेश का पर्व गणेश चतुर्थी के साथ आज से आरंभ हो चुका है। आज से अगले 10 दिनों तक बप्पा की विधिवत पूजा करने के साथ घरों में स्थापित किया जाएगा। बप्पा व्यक्ति के हर एक दुखों को हर लेते हैं और साधक की हर मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं। गणेश चतुर्थी के दौरान गणपति बप्पा की विधिवत पूजा करने के लिए मोदक का भोग और दूर्वा अवश्य चढ़ाएं। इसके साथ ही अंत में गणेश आरती अवश्य करें। आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी में कौन सी करें गणेश जी की आरती…
Ganesh Ji Ki Aarti: यहां पढ़े श्री गणेश जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी
गणेश चतुर्थी 2024 तिथि (Ganesh Chaturthi 2024 Date)
भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि आरंभ- 6 सितंबर की दोपहर 3 बजकर 1 मिनट से शुरू
चतुर्थी तिथि समाप्त- 7 सितंबर की शाम 5 बजकर 37 मिनट तक
गणेश चतुर्थी मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त 2024 (Ganesh Chaturthi Shubh Muhurat 2024)
7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 2 मिनट से लेकर दोपहर के 1 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त में बप्पा को स्थापित करना शुभ होगा। बता दें कि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:54 बजे से दोपहर 12:44 बजे तक है।
श्री गणेश आरती (Ganesh Aarti)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जयो
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।