गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाते हैं। इस साल यह त्योहार 31 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन लोग घर पर गणेश जी की मूर्ति को लाते हैं और उनकी पूजा- अर्चना करते हैं। हिंदू धर्म में कोई शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है। लेकिन क्या आपको पता है गणेश चतुर्थी का त्योहार क्यों मनाते हैं और इस क्या करना चाहिए और क्या नहीं…आइए जानते हैं…

महाभारत की रचना को लिपिबद्ध किया गया

शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी को महर्षि वेदव्यास ने भगवान गणेश से महाभारत की रचना को लिपिबद्ध करने की प्रार्थना की थी।  जिसके बाद गणेश चतुर्थी के दिन ही व्यास जी ने श्लोक बोलना और गणेश जी ने उसे लिपिबद्ध करना शुरू किया था इस कारण दस दिनों में  उनके शरीर पर धूल, मिट्टी की परत जमा हो गई, तब दस दिन बाद गणेश जी ने सरस्वती नदी में स्नान करके अपने शरीर पर जमी धूल और मिट्टी को साफ किया। इस कारण इस त्योहार को दस दिन तक मनाते हैं।

भगवान गणेश का हुआ था जन्म

गणेश चतुर्थी के दिन माता पार्वती के पुत्र गणेश जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को गणेश जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं।

जानिए इस दिन क्या करें और क्या नहीं

1- गणेश चतुर्थी के दिन लहसुन और प्याज नहीं खाने चाहिए और हो सके तो जब तक गणेश जी का विसर्जन न हो जाए, तब तक लहसुन और प्याज खाने से बचें। क्योंकि ये चीजें तामसिक मानी जाती है और इनका प्रयोग वर्जित बताया गया है।

2- भगवान गणेश जी की पूजा में तुलसी दल का प्रयोग करना वर्जित माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार तुलसी ने गणेश जी को विवाह का प्रस्ताव दिया था। जिसे भगवान गणेश ने स्वीकार नहीं किया था और तुलसी मां ने उन्हें शाप दे दिया। इससे क्रोधित होकर भगवान गणेश ने भी उन्हें राक्षस से शादी करने का शाप सुना दिया था। इस कारण भगवान गणेश की पूजा में तुलसी दल का प्रयोग नहीं किया जाता है।

3- गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की नई मूर्ति ही स्थापित करें। वहीं अगर आप पर पुरानी मूर्ति हो तो उसका विसर्जन कर दें। साथ ही घर में गणेश जी की दो मूर्ति नहीं रखें। क्योंकि 2 मूर्ति रखने से वास्तुदोष भी लगता है।

4- हिंदू धर्म में कोई भी पूजा में काले और नीले रंग के वस्त्र निषेध बताए गए हैं। इसलिए गणेश जी की पूजा में आप सफेद, लाल और पीले रंग के वस्त्र पहन सकते हैं।